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हिंदी से लेकर मणिपुर तक, MK स्टालिन को मोदी सरकार पर क्यों आया गुस्सा?

डीएमके ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अध्यक्षता में अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में केंद्र सरकार की आलोचना की। इस बीच डीएमके ने छह प्रस्ताव भी पारित किए।

MK Stalin slams LIC for displaying Hindi on its website in Tamil Nadu

एमके स्टालिन, Image Credit: PTI

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने हिंदी भाषा को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की हैं।  मंगलवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की वेबसाइट हिंदी भाषा में होने पर वह भड़क उठे। उन्होंने कहा कि LIC की वेबसाइट हिंदी थोपने का जरिया बन गई है।

 

स्टालिन ने अपना गुस्सा एक पोस्ट के जरिए एक्स पर साझा किया और लिखा, 'यह भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता पर जबरदस्ती थोपने की कोशिश है। LIC सभी भारतीयों के समर्थन से बढ़ी है, फिर वह अपने ज्यादातर ग्राहकों के साथ ऐसा कैसे कर सकती है? ये भाषाई अत्यातार है। ये तुरंत खत्म हो।'

LIC विवाद क्या?

इस समय एक्स पर 'हिंदी थोपना बंद करो' हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। इसकी वजह LIC की वेबसाइट पर डिफॉल्ट भाषा हिंदी है। LIC का होमपेज हिंदी में होने के कारण दक्षिण राज्यों में विरोध हो रहा है। विवाद बढ़ा तो कंपनी ने कहा कि टेक्निकल इश्यू की वजह से केवल हिंदी दिखाई दे रहा था। इस समस्या को हल कर दिया है। अब वेबसाइट इंगिलश और मराठी में भी देख सकते हैं। 

 

एक्शन मोड में आए स्टालिन

हिंदी भाषा पर नाराजगी जताते हुए स्टालिन ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों और कार्यों की निंदा की और 6 प्रस्ताव भी पारित कर दिया। स्टालिन ने केंद्र पर राज्यों के अधिकारों का हनन करने और महत्वपूर्ण मुद्दों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया।

 

डीएमके ने क्षेत्रीय भाषाओं की तुलना में हिंदी को बढ़ावा देने, जाति जनगणना कराने में विफल रहने, एक राष्ट्र एक चुनाव पर जोर देने और वक्फ बोर्ड में संशोधन कराए जाने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की। स्टालिन ने रेलवे दुर्घटनाओं, बेरोजगारी और मनरेगा और समग्र शिक्षा जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए कम धन के प्रबंधन पर भी सरकार की आलोचना की।

पीएम मोदी के मणिपुर न जाने पर क्या बोले स्टालिन?

डीएमके ने मंडल आयोग की सिफारिशों पर कार्रवाई की कमी पर भी चिंता व्यक्त की। मणिपुर में जारी हिंसा पर डीएमके ने तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा, '18 महीनों से मणिपुर जल रहा है, मानवता कुचली जा रही है और कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो रही है। शिशुओं, बच्चों और महिलाओं का नरसंहार किया जा रहा है, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया, मूकदर्शक बने रहना बंद करें और सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।'

 

डीएमके ने एक अन्य प्रस्ताव में तमिलनाडु के मछुआरों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की भी मांग की है। 

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