बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। गुरुवार को पार्टी ने तीन प्रदेशों में अपने चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारियों की नियुक्त की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनाव प्रभारी बनाया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सह-प्रभारी होंगे। भूपेंद्र यादव को पश्चिम बंगाल का प्रभारी नियुक्त किया गया है। त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब सह प्रभारी होंगे। सांसद बैजयंत पांडा को तमिलनाडु की जिम्मेदारी दी गई है। मुरलीधर मोहोल सह-प्रभारी होंगे।
एक बार के विधायक और चार बार के सांसद धर्मेंद्र प्रधान अब तक चार राज्यों के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। 2017 में प्रधान को जेपी नड्डा के साथ उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया था। उस चुनाव में भाजपा ने 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करके सरकार बनाई थी। साल 2022 में धर्मेंद्र प्रधान को यूपी चुनाव में बीजेपी ने प्रभारी बनाया। बीजेपी दूसरी बार बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही।
पिछले साल धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसमें भी वह खरे उतरे। पार्टी बहुमत से अपनी सरकार बनाई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 इकलौता चुनाव था, जिसमें धर्मेंद्र प्रधान प्रभारी रहे, लेकिन पार्टी को जीत नहीं मिली।
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2000 में पहली बार विधायक बने प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान का जन्म ओडिशा के तालचेर में हुआ है। अगर उनके सियासी सफर की बात करें तो साल 2000 में पहली बार पल्लहारा विधानसभा सीट से विधायक बने। पार्टी संगठन की गहरी समझ है। कुशल रणनीति के कारण कई चुनावों में अहम भूमिका निभा चुके हैं। 2004 में पहली बार ओडिशा की देवगढ़ सीट से सांसद बने। इसके बाद दो बार राज्य सभा के सदस्य भी बने। 2012 में बिहार और 2018 में मध्य प्रदेश से। पिछले साल ओडिशा की संबलपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीता।
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कई चुनावों में जीत दिला चुके भूपेंद्र यादव
बीजेपी नेता और लोकसभा सांसद भूपेंद्र यादव भी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। पर्दे के पीछे से काम करने वाले भूपेंद्र यादव अपनी रणनीति के दम पर कई चुनावों में पार्टी को जीत दिला चुके हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013, गुजरात विधानसभा चुनाव 2017, झारखंड विधानसभा चुनाव 2014 और यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी की जीत में इनकी भूमिका अहम थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा ने भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी बनाया था। बीजेपी ने कुल 110 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। 74 सीटों पर जीत मिली थी। एनडीए कुल 125 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा।
कौन हैं बैजयंत पांडा?
बैजयंत पांडा को तमिलनाडु का प्रभारी बनाया गया है। ओडिशा से आने वाले पांडा साल 2000 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने। इसके बाद 2006 में दूसरी बार राज्यसभा पहुंचे। 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। 2024 में दूसरी बार लोकसभा सदस्य बने। 2018 में बीजेडी से इस्तीफा दिया और अगले साल 2019 में बीजेपी ज्वाइन की। पिछले साल भाजपा की टिकट पर तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते। अब पार्टी ने चुनाव प्रभारी बनाकर बैजयंत पांडा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।