logo

ट्रेंडिंग:

तेंदुए की पोशाक पहनकर विधानसभा क्यों पहुंचे विधायक जी, मामला क्या है?

पुणे के जुन्नार इलाके में तेंदुओं के बढ़ते हमलों का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है। जुन्नार से विधायक शरद सोनवणे तेंदुए की पोशाक में विधानसभा पहुंचे और अपने इलाके की इस समस्या की तरफ सबका ध्यान आकर्षित किया।

 MLA Sharad Sonawane

तेंदुए की पोशाक में विधायक शरद सोनवणे। ( Photo Credit: PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को अनोखा नजारा देखने को मिला। पुणे की जुन्नार विधानसभा सीट से विधायक शरद सोनवणे तेंदुए की पोशाक बनकर जब विधानसभा पहुंचे तो सभी की निगाह उन पर ही टिक गई। बता दें कि जुन्नार इलाके में तेंदुए के हमले में पिछले कुछ महीने में कई लोगों की मौत के बाद लोगों में आक्रोश है। इलाके में इंसान और जानवर के बीच संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। इसी के विरोध में विधायक शरद सोनवणे तेंदुए की पोशाक पहनकर विधानसभा पहुंचे थे। 

 

विधायक शरद सोनवणे ने कहा कि 10 साल पहले 2014-15 के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा उठाया था। सरकार को चेताया भी था। पिछले तीन महीने में मेरे विधानसभा क्षेत्र में तेंदुए के हमले में 55 लोगों की जान जा चुकी है। हाल ही में नागपुर के परदी इलाके में तेंदुए ने सात लोगों पर हमला किया। हालांकि सभी खतरे से बाहर हैं। पीड़ितों से मुलाकात करने के बाद महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाइक ने कहा कि तेंदुओं को जंगलों तक सीमित रखने की योजना पर काम चल रहा है।

 

यह भी पढ़ें: इंडिगो की आपदा, Spicejet का अवसर, एक झटके में बढ़ा दी 100 फ्लाइट

 

महाराष्ट्र विधानसभा में वन मंत्री गणेश नाइक ने बताया कि बड़ी संख्या में बकरियों को जंगल में छोड़ने का प्लान है, ताकि शिकार की तलाश में तेंदुए लोगों के घरों तक न पहुंचे। मंत्री ने तर्क दिया कि तेंदुए के हमले में अगर चार लोगों की मौत होती है तो उन्हें 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देनी पड़ती है। अब फैसला किया गया है कि मौत के बाद मुआवजा देने के बजाय पहले ही एक करोड़ रुपये की बकरियां जंगल में छोड़ा जाएगा, ताकि शिकार की तलाश में तेंदुए आवासीय क्षेत्र के करीब न आए।

 

 

इन तीन जिलों में तेंदुओं का आतंक

वन मंत्री के मुताबिक तेंदुए के हमले के सबसे अधिक मामले अहिल्यानगर, पुणे और नासिक जिलों में सामने आए हैं। वन अधिकारियों के हवाले से उन्होंने यह भी बताया कि एक मादा तेंदुआ चार शावकों को जन्म देती है। इस कारण इलाके में उनकी आबादी तेजी से बढ़ रही है। पहले तेंदुए जंगल में रहते थे। मगर अब उन्होंने गन्ने के खेतों को अपना ठिकाना बना लिया है। विधानसभा में तेंदुए के हमले के बढ़ते मामलों का मुद्दा एनसीपी (SP) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने उठाया था। उन्हीं के सवाल पर वन मंत्री ने सरकार की तैयारियों की जानकारी सदन को दी। 

 

यह भी पढ़ें: 2 करोड़ कैश, गहने, कार, होटल; DSP कल्पना वर्मा पर ठगी के कौन से आरोप लगे?

फलदार पेड़ लगाएगी महाराष्ट्र सरकार

वन मंत्री गणेश नाइक ने कहा कि ताड़ोबा रिजर्व और अन्य घने जंगलों के चारों तरफ बांस से बाड़बंदी की जाएगी। उनका कहना है कि जंगलों में अब फल देने वाले पेड़ नहीं बचे हैं। इससे तेंदुए और अन्य जानवरों के शिकार जंगल से बाहर आते हैं। इसी कारण वह भी जंगल से बाहर शिकार की तलाश में आते हैं। अब अधिकारियों को जंगलों में फलदार पेड़ लगाने को कहा है। इससे शिकार जंगल में ही रहेंगे। 

 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap