केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष को जवाब दिया। इस दौरान गृह मंत्री डॉक्टर भीम राव आंबेडकर के बहाने कांग्रेस पर खूब बरसे, लेकिन इस दौरान शाह के द्वारा आंबेडकर पर दिए एक बयान को लेकर विपक्ष ने गृह मंत्री को घेरना शुरू कर दिया है।
इडिया गठबंधन और विपक्षी सांसदों ने संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के खिलाफ संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी सांसदों ने अपने हाथों में डॉक्टर आंबेडकर की फोटो ले रखी थी। सांसदों ने 'बाबा साहब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए। प्रदर्शन में विपक्ष के नेता नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी शामिल हुईं।
अमित शाह ने क्या कहा?
सांसदों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में दिए अपने भाषण में डॉ. बीआर आंबेडकर का अपमान किया है। बता दें कि संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, 'आजकल एक फैशन हो गया है आंबेडकर आंबेडकर आंबेडकर ... इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अंबेडकर का नाम और ज्यादा लो लेकिन उनके विचारों का भी अनुसरण करो।' साथ ही विपक्ष ने गृह मंत्री शाह ने डॉक्टर भीम राव अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर माफी मांगने की मांग की है।
बचाव में उतरे पीएम मोदी
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक्स पर कहा, 'अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों, खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं! भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।'
पीएम ने आगे कहा, 'हम जो कुछ भी हैं, वह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की वजह से ही हैं! हमारी सरकार ने पिछले एक दशक में बाबासाहेब आंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया है। किसी भी क्षेत्र को लें- चाहे वह 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालना हो, एससी/एसटी एक्ट को मजबूत करना हो, हमारी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना और बहुत कुछ, इनमें से प्रत्येक ने गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के जीवन को छुआ है।"
आंबेडकर के नेहरू कैबिनेट छोड़ने की वजह
गृह मंत्री शाह ने आरोप लगाए हैं कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट से डॉ आंबेडकर के इस्तीफे की वजह कांग्रेस थी। उन्होंने बीसी रॉय के लेटर का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दिया? उन्होंने नेहरू की कैबिनेट इसलिए छोड़ दी, क्योंकि वो सरकार की विदेश नीति और आर्टिकल-370 कानून से सहमत नहीं थे। आंबेडकर के इस्तीफे पर नेहरू जी ने कहा था कि उनके जाने से कैबिनेट पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
'भगवान से कम नहीं आंबेडकर '
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, 'बाबासाहेब डॉ आंबेडकर जी ने ये नहीं होने दिया, इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है। मोदी सरकार के मंत्रीगण ये कान खोलकर समझ लें कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहेब डॉ आंबेडकर जी भगवान से कम नहीं। वह दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक व ग़रीबों के मसीहा हैं और हमेशा रहेंगे।'