प्रभारी, जनरल सेक्रेटरी और अध्यक्ष, कैसे काम करती है कांग्रेस पार्टी?
कांग्रेस पार्टी इन दिनों लगातार बदलाव कर रही है। दो राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष और कई राज्यों में प्रभारियों को बदला जा चुका है। आइए समझते हैं कि कांग्रेस पार्टी काम कैसे करती है।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग, File Photo Credit: PTI
देश की सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस पिछले 10 सालों में बेहद कमजोर हो गई है। केंद्र की सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने न सिर्फ कई अन्य राज्यों में सत्ता गंवाई है, बल्कि उसके कई दिग्गज नेता भी साथ छोड़कर जा चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में पहले से थोड़ा बेहतर करने वाली कांग्रेस अब उन राज्यों में बदलाव कर रही है जहां उसे अपना भविष्य बेहतर करने की उम्मीद है। साथ ही, केंद्रीय संगठन में भी कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इसी क्रम में कई राज्यों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदले जा रहे हैं। कुछ जगहों पर ऐलान हो चुका है और कहीं-कहीं ऐलान हो चुका है। कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में भी भूपेश बघेल जैसे नेताओं की एंट्री हुई है। साथ ही, राज्यों में प्रभारियों को भी बदलने की प्रक्रिया जारी है।
आने वाले समय में बिहार (2025), असम (2026), केरल (2026), पश्चिम बंगाल (2026) और तमिलनाडु (2026) में विधानसभा के चुनाव होने हैं। 2027 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव होने हैं। कुछ राज्यों में कांग्रेस ने बदलाव कर दिए हैं और बाकी के राज्यों में बदलाव की प्रक्रिया जारी है। कांग्रेस ने इसी साल होने वाले बिहार के लिए प्रभावी नियुक्त कर दिया है। पंजाब में 2027 में चुनाव हैं लेकिन कांग्रेस ने वहां के लिए अभी से भूपेश बघेल जैसे नेता को जिम्मेदारी दी है जो गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। दरअसल, ये दोनों राज्य ऐसे हैं जहां कांग्रेस खुद सत्ता पाने की स्थिति में आ सकती है।
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क्या बदलाव हुए?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही कांग्रेस में बदलावों का ऐलान होना शुरू हो गया है। इसी क्रम में भक्त चरण दास को ओडिशा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह बिहार में प्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे। महाराष्ट्र में अब नाना पटोले की जगह पर हर्षवर्धन सपकाल को प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। भूपेश बघेल को राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। डॉ. सैयद नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का प्रभारी बनाया गया है।
Hon'ble Congress President Shri @kharge has appointed the following party functionaries as AICC General Secretaries/In-charges of the respective States/UTs, with immediate effect. pic.twitter.com/zl8Y0eP5ZM
— Congress (@INCIndia) February 14, 2025
रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़, बी के हरिप्रसाद को हरियाणा, हरीश चौधरी को मध्य प्रदेश, गिरीश चोडनकर को तमिलनाडु और पुडुचेरी, अजय कुमार लल्लू को ओडिशा, के राजू को झारखंड, मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना, सप्तगिरि संकर उलाका को मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड और कृष्णा अलावरु को बिहार का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
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वहीं, अब तक अलग-अलग राज्यों में प्रभारी का काम देख रहे दीपक बाबरिया, मोहन प्रकाश, भरतसिंह सोलंकी, राजीव शुक्ला, डॉ. अजॉय कुमार और देवेंद्र यादव को कार्यमुक्त कर दिया गया है। इन सबके अलावा बाकी राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी फिलहाल अपना-अपना काम देखते रहेंगे।
कांग्रेस संगठन को समझिए
कांग्रेस में सबसे बड़ा पद राष्ट्रीय अध्यक्ष का होता है। इस पद पर फिलहाल मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। अध्यक्ष के बाद दो सबसे अहम लोग कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन के राष्ट्रीय महासचिव होते हैं। फिलहाल, अजय माकन कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं और केसी वेणुगोपाल संगठन महासचिव हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के साथ दो अन्य लोग कांग्रेस मुख्यालय में काम करते हैं, जो सचिव स्तर के होते हैं। तीसरी लेयर में राष्ट्रीय महासचिव आते हैं। इन राष्ट्रीय महासचिवों को भी अलग-अलग राज्यों का प्रभारी बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए- अब भूपेश बघेल और सैयद नसीर हुसैन को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। साथ ही, बघेल को पंजाब की तो सैयद नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिम्मेदारी भी दी गई है।
किसी भी राज्य के लिए नियुक्त किए गए प्रभारी उस राज्य की प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के साथ मिलकर काम करते हैं और राज्य की रिपोर्ट कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखते हैं। राष्ट्रीय महासचिवों में फिलहाल प्रियंका गांधी, सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश, अविनाश पांडे, कुमारी शैलजा और मुकुल वासनिक मौजूद हैं। हालांकि, आने वाले समय में इस सूची में बदलाव भी हो सकता है।
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राष्ट्रीय महासचिव के बाद प्रभारी, फिर सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी आते हैं। हालांकि, प्रभारी पद ऐसे शख्स को दिया जा सकता है जो किसी अन्य पद पर भी हो। सेक्रेटरी पद पर मुख्य रूप से युवाओं को मौका दिया जाता है। मौजूदा समय में अभिषेक दत्त, अंजली निंबालकर, भूपेंद्र मरावी, चंदन यादव, बी एम संदीप कुमार, चिरंजीव राव, चेतन चौहान, दानिश अबरार, देवेंद्र यादव, धीरज गुर्जर और दिव्या मदेरना जैसे नेता शामिल हैं। इसी तरह जॉइंट सेक्रेटरी पद पर भी युवा और नए नेताओं को मौका मिलता है। मौजूदा समय में पलक वर्मा, सुशांत मिश्रा, विजय जांगिड़, नितिल कुंबलकर और निलेश पटेल जैसे नेता इस पद पर हैं। सचिव और सह-सचिव को भी केंद्रीय नेताओं, प्रभारियों या अन्य पदों पर बैठे नेताओं के साथ लगाया जाता है।
केंद्रीय नेतृत्व
पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व सारे अहम फैसले लेता है। इसमें सबसे अहम कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) है। इसके मुखिया कांग्रेस अध्यक्ष होते हैं। इसमें सदस्य, परमानेंट इनवाइटी और स्पेशल इनवाइटी होते हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शशि थरूर जैसे पार्टी के दिग्गज नेता कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं, इनका चयन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य करते हैं।
सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) का काम पार्टी के संगठन में होने वाले चुनावों की देखरेख करना है। वहीं, पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति उन राज्यों के उम्मीदवारों के नाम पर फैसला करती है जहां चुनाव हो रहे होते हैं। इसमें भी पार्टी के वरिष्ठ नेता ही शामिल हैं।
अन्य संगठन
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के पास कुछ फ्रंटल संगठन हैं जो अलग-अलग वर्गों के लिए काम करते हैं। उदाहरण के लिए- छात्रों के लिए NSUI, युवाओं के लिए इंडियन यूथ कांग्रेस, महिलाओं के लिए ऑल इंडिया महिला कांग्रेस, कांग्रेस सेवा दल और INTUC। इनके साथ-साथ कांग्रेस में कई विभाग, सेल और कमेटियां भी हैं जो पार्टी के लिए काम करती हैं। राज्यों में प्रदेश कांग्रेस समिति होती है जो अपने अध्यक्ष के साथ काम करती है। राज्यों में कांग्रेस का संगठन और नेताओं और पदाधिकारियों में बंट जाता है।
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