संसद के शीतकालीन सत्र के बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक की। बंद कमरे में तीनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे बैठक चली। यह बैठक केंद्रीय सूचना आयोग के खाली अहम पदों पर नियुक्ति के संबंध में की गई।
बता दें कि 13 सितंबर को हीरालाल सामरिया के सेवानिवृत्त होने के बाद से मुख्य सूचना आयुक्त और आठ सूचना आयुक्त के पद खाली हैं। इसके अलावा केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) में सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति भी होनी है। तीनों नेताओं के बीच इन्हीं पदों पर होने वाली नियुक्त पर चर्चा की गई। इस बीच राहुल गांधी ने लिखित में अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई।
केंद्रीय सूचना आयोग के सदस्यों की चयन समिति में प्रधानमंत्री और उनके द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री और नेता प्रतिपक्ष को शामिल किया जाता है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते राहुल गांधी भी इस बैठक में पहुंचे। प्रधानमंत्री चयन समिति के अध्यक्ष होते हैं। यह समिति केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और बाकी 10 आयुक्त के चयन व नियुक्ति की सिफारिश करती है। किसी नाम पर सहमति न होने पर नेता प्रतिपक्ष अपनी आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय में बुधवार की दोपहर हुई।
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सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका मामला
अंजलि भारद्वाज और अन्य याचिकाकर्ताओं ने केंद्रीय सूचना आयोग में खाली पद मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। शीर्ष अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण उनका पक्ष रख रहे हैं। प्रशांत भूषण ने दलील दी कि खाली पद नहीं भरने से आयोगों में मामलों का अंबार लग गया है।
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मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले की सुनवाई की। एक दिसंबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने केंद्र का पक्ष रखा और पीठ को बताया कि पैनल के सदस्यों को नोटिस भेजा गया है। 10 दिसंबर को नियुक्ति के संबंध में बैठक हो सकती है। दलीलों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने सुनवाई को स्थगित कर दिया था। हालांकि अदालत ने सभी राज्य सूचना आयोग में खाली पदों का ब्योरा, शिकायतों की संख्या और लंबित मामलों का विवरण मांगा है।