महाराष्ट्र और झारखंड के दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के खत्म होते ही कांग्रेस ने ईवीएम में खराबी होने की चर्चा तेज़ कर दी है। लेकिन कभी यह कहने वाले वाली टीडीपी कि ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है ने यू टर्न लेते हुए यह कहना शुरू कर दिया है कि यह सिद्ध किया जा चुका है कि मशीनों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।
टीडीपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ज्योत्सना तिरुनगरी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "चुनाव आयोग ने सफलतापूर्वक साबित कर दिया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है और हमारी पार्टी ईवीएम के जरिए मतदान के समर्थन में है।"
यह बात सुप्रीम कोर्ट द्वारा मतपत्रों के जरिए मतदान की मांग वाली याचिका को खारिज किए जाने के एक दिन बाद कही गई।
पहले कहा था EVM में हुई छेड़छाड़
यही टीडीपी पांच साल पहले जब वाईएसआर के हाथों हार का सामना करके सिर्फ 23 सीटों पर सिमट गई थी तब पार्टी का कहना था कि ज़रूर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई है
यही नहीं 2019 के चुनावों में टीडीपी ने चुनाव आयोग पर भी यह कहकर आरोप लगाया था कि यह नागरिकों के वोटिंग अधिकारों का हनन है क्योंकि इलेक्शन मशीनरी फेल हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक नाम न बताने की शर्त पर एक नेता ने कहा कि 2019 में टीडीपी कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी. उन्होंने कहा, 'हम चुनाव हारे थे और हमें इस बात को लेकर बिल्कुल विश्वस्त थे कि वाईएसआरसीपी ने कुछ गड़बड़ किया है, और इसलिए हमने ईवीएम पर सवाल उठाए थे।' लेकिन उनका कहना था कि पार्टी का विचार इस मुद्दे पर बदला नहीं है बल्कि विकसित हो गया है।
तब NDA का हिस्सा नहीं थी TDP
टीडीपी उस वक्त एनडीए का हिस्सा नहीं थी. टीडीपी उस वक्त उन 21 पार्टियों में से थी जिन्होंने 50 फीसदी वीवीपैट स्लिप की काउंटिंग ईवीएम में रिकॉर्ड किए गए वोटों से करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
टीडीपी सहित दूसरी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी और लेफ्ट पार्टियों ने इस बात के लिए आवेदन किया था कि इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि ईवीएम में किसी भी तरह की छेड़छाड़ किया जाना संभव नहीं है.