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धान, किसान और पराली पर केंद्र को दोषी क्यों मानते हैं भगवंत मान?

पंजाब में पराली, वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे रोकने को लेकर केंद्र सरकार से पंजाब विजन 2047 के एक प्रोग्राम में अपील की है।

Bhagwant Mann

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान। (तस्वीर- facebook.com/bhagwantmann)

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि पंजाब के लोगों के पास गुरुओं की कृपा है, उपजाऊ जमीन है, वीरों की प्रेरणा है और मेहनती लोग हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो अलग-अलग देशों के नागरिक हैं, हमारे पास सफल होने के लिए सब कुछ है लेकिन हमें एक होने की जरूरत है। भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार पंजाब को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है लेकिन केंद्र से वह मदद नहीं मिल रही है, जिसका पंजाब राज्य असली हकदार है। पंजाब के लोगों को ग्रामीण विकास निधि और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान विश्व पंजाबी संगठन के पंजाब विकास आयोग और पंजाब विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित एक दो दिवसीय सम्मेलन 'पंजाब विजन 2047' अंतिम दिन शामिल होने आए थे। उन्होंने ये बातें वहीं कही हैं।

केंद्र से क्या उम्मीद कर रहे हैं भगवंत मान?
भगवंत मान ने राज्य में बढ़ते प्रदूषण पर कहा, 'हमने पहले ही कहा था कि केंद्र सरकार, धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 2000 रुपये प्रति एकड़ रुपये दे। मक्का, बाजरा और मूंग जैसी वैकल्पिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करे, जिससे किसानों को उतना ही लाभ मिले, जितना वे धान की फसल उगाकर पाते हैं।'


पराली पर क्या सोचते हैं भगवंत मान?
भगवंत मान का मानना है कि अगर किसान धान की फसलों की जगह दूसरे फसल उगाएंगे तो प्रदूषण पर रोकथाम लगेगी। शर्त ये है कि सरकार उन किसानों के लिए इसके लिए मुआवजा दे। धान की नगदी फसल है, उसके विकल्प में किसान जिन फसलों की खेती करें, उस पर उन्हें मुआवजा मिले तो प्रदूषण की समस्या कम हो लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार को सहयोग करना होगा।

पंजाब विजन 2024 कार्यक्रम में भगवंत मान।
पंजाब विजन 2024 कार्यक्रम में भगवंत मान।


 
पंजाब की भी खराब हुई है हवा
पंजाब में बीते कुछ दिनों से हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार चिंताजनक स्थिति में है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (CPCC) ने भी पंजाब के बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है। पंजाब के दूसरे शहरों में भी ऐसे ही हालात हैं। पंजाब में प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए कम चैनल हैं, इसलिए दिल्ली की तरह चिंताजनक आंकड़े नहीं नजर आ रहे।

 

क्या सिर्फ पराली ही प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानी जा सकती है?
CPCC ने 11 नवंबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GARP) के टास्क फोर्स की बैठक बुलाई थी। 7 नवंबर से अब तक के खराब होती हवा को लेकर चर्चा की गई। जो कारण निकलकर सामने आए, वे वही कारण हैं, जिनकी ओर भगवंत मान ने इशारा किया है। संभावित कारणों में बताया गया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने, मौसम संबंधी बदलावों और त्योहारों की वजह से हवा में प्रदूषण बढ़ा है। पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन आदर्श पाल विग का भी कहना है कि AQI की डिवाइस सिर्फ एक किलोमीटर के दायरे में वायु की गुणवत्ता को मापते हैं। गाड़ियों की बढ़ती संख्या, औद्योगिक गतिविधियां, निर्माण और दूसरी वजहों से भी प्रदूषण हो रहा है।

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