दिल्ली में पीएम मोदी ने रविवार को रैपिड ट्रांजिट रेल सिस्टम का उद्घाटन किया। इसके बाद दिए भाषण में पीएम मोदी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और लोगों से बीजेपी को मौका देने की अपील की।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दिल्ली की योजनाएं बंद नहीं की जाएंगी बल्कि बेईमानी का ठेका लेने वालों को हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में काम केंद्र सरकार कर रही है।
इसके बाद अब आम आदमी पार्टी और बीजेपी में बहस छिड़ गई है। आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि प्रधानमंत्री ने 38 मिनट तक बोले और 38 मिनट में 29 मिनट तक उन्होंने इस दौरान दिल्ली की जनता और उसके द्वारा चुनी हुई सरकार को गाली देते रहे।
'पीएम ने नहीं पूरा किया वादा'
केजरीवाल ने कहा, 'मैं इसे सुन रहा था और मुझे काफी बुरा लगा। प्रधानमंत्री जी से लोग उम्मीद करते हैं कि वह एक विजन देंगे देश को एक बड़ा का देंगे लेकिन वह खाली गालियां....'
केजरीवाल ने कहा, '2020 का मैं बीजेपी का संकल्प पत्र लाया हूं। जो दिल्ली में उन्होंने वादे किए थे मेरे दिल्ली देहात के भाई उसका आज भी इंतजार कर रहे हैं कि कब वे वादे पूरे होंगे।'
उन्होंने कहा, 'पिछले चुनाव के पहले मोदी जी वादा करके गए थे कि दिल्ली लैंड रिफॉर्म ऐक्ट की धारा 81 और धारा 33 रद्द की जाएगी। दिल्ली एसेंबली ने इस बारे में प्रस्ताव पास करके कई बार भेजा।'
'बहुत पहले भेजा जा चुका है प्रस्ताव'
उन्होंने आगे कहा कि पहले कांग्रेस की सरकार ने प्रस्ताव पास करके भेजा और बाद में आम आदमी पार्टी की सरकार ने कई साल पहले प्रस्ताव पास करके भेजा. लेकिन इस बारे में केंद्र सरकार द्वारा कुछ नहीं किया गया।
केजरीवाल ने कहा कि इसमें छोटे-छोटे किसानों के ऊपर अनगिनत मुकदमे हो रखे हैं और वह कचहरी के चक्कर काट-काट के परेशान हो गए हैं। इसको खत्म होना चाहिए।
क्या है दिल्ली लैंड रिफॉर्म ऐक्ट की धारा 33 और 81
दिल्ली लैंड रिफॉर्म ऐक्ट की धारा 33 के तहत किसी भूमिधर यानी कि भूस्वामी को किसी धार्मिक या धर्मार्थ संस्था या किसी ऐसे भूदान आन्दोलन के प्रभारी व्यक्ति को छोड़कर, जिसे मुख्य आयुक्त आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निर्दिष्ट करे, किसी अन्य व्यक्ति को बिक्री या उपहार या अन्यथा किसी तरह से भूमि स्थानान्तरित करने का अधिकार नहीं होगा, यदि स्थानान्तरण के परिणामस्वरूप हस्तान्तरणकर्ता के पास संघ राज्य क्षेत्र दिल्ली में आठ मानक एकड़ से कम भूमि शेष रह जाती है।
वहीं धारा 81 यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी ग्रामीण भूमि पर खेती, बागवानी और पशुपालन इत्यादि के अलावा कोई कॉमर्शियल काम न हो। इसके लिए अगर उस भूमि का प्रयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए किया जाता है तो उस भूमि को खाली करवाया जा सकता है।