logo

महाराष्ट्र में सीएम के नाम पर चुप्पी बहुत कुछ कहती है!

बीजेपी महाराष्ट्र प्रमुख ने कहा कि सीएम पद की शपथ 5 दिसंबर को होगी, फिर भी सीएम के नाम पर चुप्पी बनी हुई है। लेकिन यह चुप्पी बहुत कुछ कहती है।

Devendra Fadnavis and Eknath shinde : PTI

एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस । पीटीआई

महाराष्ट्र में 23 नवंबर को मतगणना के बाद महायुति को भारी जीत मिली। इसमें बीजेपी को 132 सीटों पर जीत मिली जबकि शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटों पर जीत हासिल हुई। खास बात है कि बीजेपी की जीत का स्ट्राइक रेट 89 प्रतिशत था, क्योंकि उसने 249 सीटों पर चुनाव लड़कर यह जीत हासिल की थी।

 

इसके बाद क्या था राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई या कहें कि महायुति में हलचल मच गई। इस बात के लिए कयास लगाए जाने लगे कि आखिर कौन बनेगा सीएम? क्या शिंदे दोबारा सीएम बनेंगे या फिर देवेंद्र फडणवीस का नंबर आएगा?

 

धीरे-धीरे संकेत मिलने शुरू हो गए कि आखिर किसके नाम पर सहमति बन सकती है। देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने की सुगबुगाहट तेज़ हो गई। शिंदे भी पत्रकारों के सामने आए और बोला कि उन्हें बीजेपी के सीएम से कोई दिक्कत नहीं है। ज़ाहिर है यह इस बात का संकेत था कि वह देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनाए जाने पर विरोध नहीं करेंगे।

 

एनसीपी प्रमुख अजित पवार पहले ही इस बात का संकेत दे चुके थे कि वह देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाए जाने के पक्ष में हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पंडितों को भी लगभग विश्वास हो चुका था कि संभवतः देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति बन गई है।

 

फिर दिल्ली में मीटिंग हुई उसमें शिंदे भी मौजूद थे और फिर अचानक इस बारे में बिना कोई खुलासा किए शिंदे वहां से चले गए। पता चला कि वह अपने गांव गए हैं। खबरों में बात आई कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए वे अपने गांव चले गए।

 

फिर कयास लगाए जाने लगे कि लग रहा है कुछ गड़बड़ है। बीजेपी की तरफ से भी खुल के कोई बयान नहीं आ रहा था। फिर अचानक शिंदे सामने आते हैं और बोलते हैं कि बीजेपी जो भी फैसला करेगी वह उन्हें स्वीकार होगा।

 

लेकिन फिर अचानक चुप्पी है। कोई कुछ नहीं बोल रहा। कोई स्पष्ट नहीं बता रहा कि आखिर कौन बनेगा सीएम? पिछले हफ्ते महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख ने कहा था कि 5 दिसंबर को सीएम पद की शपथ दिलाई जाएगी। यानी कि आज से तीसरे दिन। लेकिन अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि आखिर सीएम पद की शपथ लेगा कौन? 

क्या कहते हैं नेता

बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुंगतिवार का कहना है कि उनके विचार से देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे, लेकिन वह आगे फिर कहते हैं कि इस बात का फैसला पार्टी मीटिंग में लिया जाएगा।

 

वहीं बीजेपी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को महाराष्ट्र विधायक दल का केंद्रीय ऑब्ज़र्वर नियुक्त किया है जो कि सीएम चेहरे का फैसला 4 दिसंबर को करेगा। ज़ाहिर है बीजेपी की तरफ से कुछ तो राय बन चुकी होगी, लेकिन चुप्पी है।

अजित पवार ने क्या कहा

हालांकि, अजित पवार ने एक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री बीजेपी से होगा और एनसीपी व शिवसेना को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। लेकिन इस बात की पुष्टि न तो बीजेपी की तरफ से की गई है और न ही शिवसेना की तरफ से। अब शिवसेना और एनसीपी ने तो क्रमशः एकनाथ शिंदे और अजित पवार को अपना नेता चुन लिया है, लेकिन बीजेपी की तरफ से किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई है।

क्या शिंदे ने कैंसिल की मीटिंग

अब फिर से रिपोर्ट आ रही है कि शिंदे ने स्वास्थ्य कारणों से महायुति नेताओं के साथ मीटिंग कैंसिल कर दी है। इससे फिर से संदेह उभर आए हैं। इससे पहले मीडिया में ऐसी भी रिपोर्ट आई थी कि वह देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनाए जाने पर शिवसेना के लिए गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं और उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की भी मांग की जा सकती है। हालांकि, श्रीकांत शिंदे ने इस बात का खंडन किया है। 

शिंदे के पास हैं क्या विकल्प

ऐसे में सवाल उठता है कि शिंदे के पास क्या विकल्प है? क्या वह बीजेपी से अलग होने का फैसला ले सकते हैं? तो इसकी कोई संभावना नज़र नहीं आती क्योंकि सरकार बनाने के लिए बीजेपी को फिलहाल उनके समर्थन की जरूरत नहीं है।

 

दूसरी बात महाराष्ट्र जैसे राज्य में लाइम लाइट में रहने के लिए सत्ता में रहना जरूरी है। सत्ता में न रहने पर हो सकता है शिंदे हाशिए पर चले जाएं, क्योंकि इस वक्त महाराष्ट्र में 6 प्रमुख पार्टियां बन चुकी हैं। इसलिए राजनीतिक रूप से अपने को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। और न ही शिंदे ने एक बार भी इस तरह का कोई संकेत दिया है।

 

शिंदे अड़ते हैं तो क्या BJP अलग होना चाहेगी?

बीजेपी भी शिंदे को साथ लेकर ही चलना चाहेगी क्योंकि बीएमसी का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी को जरूर शिंदे की मदद चाहिए होगी। उद्धव ठाकरे को मुकाबला करने के लिए शिंदे का चेहरा काम आएगा। यह बात बीजेपी जानती है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी ने जो 20 सीटें जीती हैं उनमें से 10 सीटें मुंबई की हैं। ज़ाहिर है बीजेपी हर संभव कोशिश करेगी कि महायुति में सामञ्जस्य रहे और शिवसेना भी सरकार में शामिल हो।

 

ऐसे में हर तरफ चुप्पी है लेकिन यह चुप्पी बहुत कुछ कहती है। सीएम का नाम भले न पता चल पा रहा हो लेकिन चुप्पी यह जरूर कह रही है कि सीएम को लेकर अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है।

शेयर करें

संबंधित आलेख


और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap