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देवेंद्र फडणवीस पर अचानक बदल क्यों गए 'उद्धव गुट' के तेवर?

संजय राउत अचानक देवेंद्र फडणवीस की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। वह उनके धुर आलोचक रहे हैं। महाराष्ट्र में आखिर यह हुआ कैसे है, आइए समझते हैं।

Sanjay Raut

शिवसेना सांसद संजय राउत। (फाइल फोटो, X, संजय राउत)

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच संबंध साल 2019 से ही बेहद तल्ख हैं। शिवसेना नेता संजय राउत आए दिन बीजेपी नेताओं को जमकर कोसते नजर आते हैं। अब अचानक महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा क्या हुआ है कि संजय राउत देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

देवेंद्र फडणवीस के लिए भी यह तारीफ चौंकाने वाली ही रही है। गढ़चिरौली में घटते नक्सलवाद को लेकर संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि उनका कदम सराहनीय है, इसलिए हमने उनकी तारीफ की है। महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा होता रहा है।

संजय राउत ने शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करते हुए लिखा, '11 नक्सलों ने मुख्यमंत्री के सामने गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण किया है। उनकी सरकार ने अच्छा काम किया है। अगर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और संवैधानिक रुख अख्तियार कर रहे हैं तो हम स्वागत करते हैं।'

संजय राउत ने कहा, 'गार्जियन मंत्री पहले भी ऐसा कर सकते थे लेकिन उन्होंने अपने एजेंटों को यहां लगाया। पैसे जमा किए जिसकी वजह से नक्सलवाद बढ़ा। हमने देवेंद्र फडणवीस के साथ काम किया है। रिश्ते चलते रहे हैं।'

टूटी दोस्ती जुड़ पाएगी?
किसी ने सोचा नहीं था कि एक जमाने में धुर हिंदुत्व की राजनीति करने वाली दोनों पार्टियों के बीच ऐसा मतभेद होगा। शिवसेना बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी रही है। साल 2019 में शिवसेना और बीजेपी के रिश्ते टूटे। 2022 में एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों को लेकर शिवसेना से अलग राह अपना ली और बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। 


क्यों अहम है उनकी टिप्पणी?
डिप्टी सीएम अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार के बीच पारिवारिकविवाद सुलझता नजर आ रहा है। ऐसी खबरें चलीं कि अजित पवार की मां आशा पवार ने परिवार के एक होने की प्रार्थना की है। अब अगर अजित पवार और शरद पवार एक हो सकते हैं तो पुराने दोस्त एक क्यों नहीं हो सकते। सूत्र बताते हैं कि उद्धव ठाकरे के शिवसैनिकों को भी कांग्रेस और एनसीपी (शरद गुट) का साथ पसंद नहीं आ रहा है। 

संजय राउत ने तारीफ क्यों की है?
गुरुवार को 11 नक्सलियों ने आत्मसर्पण किया है। उन पर करीब 1 करोड़ रुपये का इनाम था। देवेंद्र फडणवीस गढ़चिरौली के गार्जियन मंत्री हैं। यह विभाग वे अब भी अपने पास ही रखना चाहते हैं जिससे नक्सलवाद को पूरे इलाके से खत्म किया जा सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कदम की सराहना की है। संजय राउत को भी उम्मीद है कि इस इलाके में अब विकास होगा। यह शहर महाराष्ट्र का स्टील सिटी बनेगा। अगर यह सब उनकी वजह से हो रहा है और कोई उनकी तारीफ नहीं कर रहा है तो यह सही नहीं है।

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