तमिलनाडु: सियासत के सुपरस्टार कैसे बन गए थलापति विजय?
विजय अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। तमिलनाडु में उनकी राजनीति भी, उनकी फिल्मों की तरह पंसद की जा रही है।

तमिलगा वेट्री कड़गम पार्टी के संस्थापत थलापति विजय। (Photo Credit: TVK/X)
तमिलनाडु के करूर जिले में सुपरस्टार विजय की सियासी रैली में भगदड़ मचने से कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई, वहीं 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं। मरने वालों में 8 बच्चे और 16 महिलाएं भी हैं। विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कड़गम पार्टी की एक रैली में यह हदासा हुआ है। अचानक भीड़ उमड़ पड़ी, जिसमें कई लोग मारे गए। विजय भाषण दे रहे थे, तभी अचानक भीड़ बढ़ने लगी और बैरिकेड तोड़कर लोग आगे बढ़ गए। वहां हालात बेकाबू हो गए। पुलिस अधिकारियों को उम्मीद थी कि रैली में 30 हजार लोग आएंगे लेकिन अप्रत्याशित तौर पर दोगुनी भीड़ शामिल हो गए, जिसे प्रशासन संभाल ही नहीं पाया।
करूर जिला प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। वीडियो साक्ष्य और गवाहियों के आधार पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। हादसे पर विजय ने कहा है कि वह गहरी पीड़ा में है। यह उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है।
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हादसा कैसे हुआ?
विजय, जनसभा में अपने प्रशंसकों को संबोधित कर रहे थे। अचानक भीड़ बढ़ती चली गई और बेकाबू हो गई। कई लोग वहीं बेहोश होकर गिरने लगे। शोर मचा तो आसपास के लोग भागने लगे। भीड़ इस हद तक ज्यादा थी कि हादसे के बाद भी लोगों तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। तमिलनाडु के डीजीपी प्रभारी, जी वेंकटरमण ने कहा, 'पहले की रैलियों में कम भीड़ थी, लेकिन इस बार अप्रत्याशित रूप से 27,000 लोग जमा हुए। यह तमिलनाडु में किसी राजनीतिक रैली में हुई सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है।' मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसी घटना अब दोबारा नहीं होनी चाहिए।
एक फिल्म स्टार के लिए इतना क्रेज क्यों?
तमिलनाडु की राजनीति में फिल्मी सितारों की पूजा देवताओं की तरह होती है। विजय की भी फिल्में जब आती हैं तो लोग उनके पोस्टर को दूध से नहलाते हैं। वह नए-नए राजनेता बने हैं। उनकी पार्टी समाजवाद, वामपंथ और सेक्युलर दलों की मिश्रित विचारधारा वाली पार्टी है। विजय, तमिल संस्कृति के संरक्षण की भी बात करती हैं। यही वजह है कि उनकी फिल्मों की तरह ही राजनीतिक पारी के लिए भी इतना क्रेज नजर आ रहा है।
विजय किसी राजनीतिक परिवार का हिस्सा नहीं हैं। वह कोरे अभिनेता थे, अब राजनीति में उतरे हैं। पूरे तमिलनाडु में उनके प्रशंसक हैं। अब तमिलाडु की सियासत में उनकी पार्टी 'तमिलगा वेट्री कड़गम' की एंट्री से लोग उत्साहित हैं। लोगों को उम्मीद है कि वह डीएमके, आआईडीएमके की राजनीतिक शैली से अलग, अपनी पार्टी की विचारधारा रखेंगे और जनता के लिए काम करेंगे। विजय की फिल्मों में हीरो सामाजिक न्याय के लिए लड़ता नजर आता है, यही उम्मीद उनके प्रशंसकों को भी है कि विजय राजनीति में उतरेंगे और परिवर्तन करेंगे।
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तमिलगा वेट्री कड़गम पार्टी पर एक नजर
2 फरवरी 2024 को विजय ने अपने राजनीतिक दल तमिलगा वेट्री कड़गम की घोषणा की थी। अब यह पार्टी तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी का मुख्यालय चेन्नई में है। विजय की पार्टी, नए तरीके की राजनीति में भरोसा रखती है, जिसे द्रविड़ राजनीति भी करनी है, तमिल संस्कृति की भी रक्षा करनी है, सामाजिक न्याय और वामपंथ विचारधारा पर टिके रहना है।
तमिलगा वेट्री कड़गम की विचारधारा क्या है?
तमिलगा वेट्री कड़गम के अध्यक्ष विजय, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और समानता जैसे वामपंथी मूल्यों की बात करते हैं। वह अंबेडकरवाद, पेरियारवाद और मार्क्सवाद की विचारधारा पर आगे बढ़ने की बात कहते हैं। विजय ने भारतीय जनता पार्टी को वैचारिक विरोधी बताया है, वहीं डीएमके और एआईडीएमके जैसी पार्टियों को वह अपना राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानते हैं।
राजनीति में आने की कहानी क्या है?
विजय वंशवादी राजनीति के खिलाफ हैं। स्टालिन को वंशवाद पर घेरते हैं। विजय के तमिलनाडु में कई फैन क्लब हैं, जो सोशल मीडिया पर उन्हें राजनीति में आने के लिए कहते थे। साल 2009 से ही वह भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर फिल्में बना रहे थे। साल 2009 में वह सामाजिक तौर पर सक्रिय हुए और विजय मक्कल इयक्कम नाम से एक संगठन बनाया। साल 2021 के स्थानीय निकाय चुनावों में यह संगठन उतरा और 169 में से 115 सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखाई।
राजनीतिक तौर पर कैसे बढ़ रहा है क्रेज?
विजय को यह अंदाजा हो गया था कि अब उनकी राजनीति लोग पसंद करते हैं। 27 अक्टूबर 2024 को विक्रवांडी में उन्होंने अपना पहला राजनीतिक सम्मेलन बुलाया। 8 लाख से ज्यादा लोग इस रैली में शामिल हुए। रैली में पेरियार, अंबेडकर और कमराज जैसे नेताओं की राजनीतिक चर्चा हुई। उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
कैसे पार्टी का विस्तार हो रहा है?
विजय की पार्टी प्रयोग धर्मी है। 27 अक्तूबर 2024 को पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकारों खिलाफ 26 प्रस्ताव पेश किए थे और आलोचना की थी। 13 फरवरी को उन्होंने अपने संगठन का विस्तार किाय। 70 हजार से ज्यादा बूथ एजेंट करने का एलान किया। 26 अप्रैल 2025 को कोयंबटूर में विजय ने कार्यकर्ताओं से भ्रष्टाचार-मुक्त और पारदर्शी शासन का वादा किया।
विजय की राजनीतिक ताकत क्या है?
तमिलनाडु की राजनीति में विजय अब हारे का सहारा बन रहे हैं। अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों में रहे कई पूर्व विधायक और अधिकारी 9 जून को चेन्नई में हुए एक अधिवेशन में पार्टी में शामिल हुए। विजय की राजनीतिक पार्टी तमिलगा वेट्री कड़गम के प्रचार और नीति विकास की जिम्मेदारी पूर्व IRS अधिकारी केजी अरुणराज हैं। तमिलगा वेट्री कड़गम की लोकप्रियता बढ़ रही है। युवा इस पार्टी की तरफ तेजी से खिंचे आ रहे हैं। डीएमके और AIDMK जैसी पारंपरिक पार्टियों ने जमकर विजय का विरोध किया है। विजय की पार्टी अब भगदड़ की वजह से आलोचना के केंद्र में है।
थलापति या इलयथलापति, सुपरस्टार विजय हैं कौन?
विजय की फिल्में सिर्फ भारत में ही नहीं, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस तक में देखी जाती हैं। उन्हें वह दक्षिण भारत के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें थलापति और इलयथलापति भी कहते हैं। जोसेफ विजय चंद्रशेखर से लेकर थलापति का सफर उन्होंने 2 दशक के करियर में पूरा किया है। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर खूब हिट होती हैं। तमिलनाडु से केरल तक उनकी फिल्मों का क्रेज है।
तमिल सिनेमा में रजनीकांत के बाद अगले सुपरस्टार का ठप्पा भी विजय के नाम पर ही लगा। उन्होंने 70 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, ज्यादातर फिल्में हिट रहीं हैं। उन्हें कई पुरस्कार हासिल हुए हैं। उन्हें राज्य सरकार की तरफ से भी पुरस्कृत किया गया है।
सुपरस्टार बने कैसे?
22 जून 1974 को विजय का जन्म चेन्नई में एक रोमन कैथलिक परिवार में हुआ था। उनके पिता एसए चंद्रशेखर मशहूर फिल्म निर्देशक हैं। उनकीमां शोभा चंद्रशेखर एक प्लेबैक सिंगर हैं। विजय ने चेन्नई के वीरुगंबक्कम में बलालोक मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की और बाद में लोयोला कॉलेज से विजुअल कम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री हासिल की। विजय ने 1984 में बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरुआत की थी। उनकी पहली लीड फिल्म 'नालैया थीरपू' साल 1992 में आई थी। एक के बाद एक 3 फ्लॉप फिल्में दीं। साल 1993 में आई फिल्म 'सेंधूरपांडी' असफल रही, 1004 में आई फिल्म'रसिगन' और 1995 में आई 'देवा' भी फ्लॉप ही रही।
साल 1996 में उनकी फिल्म 'पूवे उनक्कागा' सुपरहिट हुई थी। वह स्टार के तौर पर इस फिल्म से स्थापित हो गए थे। साल 1997 में 'काधलुक्कु मरियाधाई' के लिए उन्हें तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड जिताया। इसके बाद 1999 में 'थुल्लाधा मनमम थुल्लम', 2004 की'घिल्ली', 2007 में आई 'पोकिरी' और 2012 में आई 'थुप्पाकी' जैसी फिल्मों ने उन्हें साउथ का सुपरस्टार बना दिया। उनकी फिल्मों ने नेशनल फेम पाया है। साल 2017 में आई फिल्म 'मर्सल' की खूब चर्चा हुई थी। 2018 में उन्होंने 'सरकार' जैसी फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार बनाया। संजय दत्त के साथ साल 2023 में उन्होंने लियो फिल्म बनाई थी, उनकी फिल्म रॉ भी सुपरहिट हुई थी।
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कितने अमीर हैं विजय?
विजय की नेटवर्थ 400 करोड़ से ज्यादा की बताई जाती है। वह हर साल 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाते हैं। उनका घर चेन्नई में हैं। उनके पास एक से बढ़कर एक लग्जरी कारें हैं।
कौन हैं विजय की हमसफर?
विजय की पत्नी का नाम संगीता सोर्नलिंगम है। चेन्नई फिल्म सिटी में दोनों की मुलाकात हुई थी। संगीता, विजय की प्रशंसक थीं, बाद में हमसफर बनीं। वह लंदन में रहने वाले एक श्रीलंकाई तमिल व्यवसायी की बेटी हैं। संगीता को विजय पसंद थे। पहली मुलाकात में उन्होंने अपने घर डिनर पर बुलाया। विजय के पिता ने संगीता से शादी के लिए बात की थी। 25 अगस्त 1999 को दोनों ने शादी की थी। विजय के दो बच्चे हैं। जेसन संजय साल 2000 में जन्मे थे, बेटी दिव्या साशा का जन्म 2005 में हुआ था।
पिता से अनबन क्यों हुई?
थलापति विजय और उनके पिता एसए चंद्रशेखर के बीच सब ठीक नहीं है। वह अपने पिता के खिलाफ ही मुकदमा कर चुके हैं। साल 2021 में चंद्रशेखर ने विजय के फैन क्लब 'विजय मक्कल इयाक्कम' को 'ऑल इंडिया थलापति विजय मक्कल इयाक्कम' नाम से राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड कराने की कोशिश की थी। विजय ने इससे दूरी बनाई और अपने नाम और फोटो के दुरुपयोग पर माता-पिता समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया। तब से लेकर अब तक, दोनों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो पाए हैं।
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राजनीति में आने की स्क्रिप्ट किसने लिखी?
विजय सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाते हैं। वह फिल्मी दुनिया के साथ-साथ राजनीतिक तौर पर भी सक्रिय थे। उनका एक संगठ है, 'विजय मक्कल इयक्कम।' साल 2011 में थाने के चक्रवात और 2018 में केरल की बाढ़ के बाद इस संगठन ने जमीन पर काम करना शुरू किया। खूर सर्खियों में रही। विजय को लगने लगा कि अब उन्हें फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में उतरने की जरूरत है।
उन्होंने कई सामाजिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। गरीब तबके के बच्चों तक शिक्षा की पहुंच का इंतजाम किया। साल 2007 में उनके सामाजिक कार्यों की वजह से एमजीआर एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट से मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया। विजय सामाजिक तौर पर सक्रिय थे, अब वह राजनीतिक तौर पर भी सक्रिय हो गए हैं।
हर भाषा में डब होती हैं विजय की फिल्में
विजय की फिल्मों का क्रेज ऐसा है कि हिंदी, तेलुगु, तमिल, मराठी, अंग्रेजी, फ्रेंस और चीनी भाषा में बी उनकी फिल्में डब होती हैं। वह तमिल भाषा के ऐसे सुपरस्टार हैं, जिनकी चमक 3 दशक से कायम है। वह अब सधे हुए राजनेता बन गए हैं।
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