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मार्च महीने का पहला एकादशी व्रत कब? यहां जानें सही तिथि और मान्यताएं

आमलकी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा यह व्रत और पूजा महत्व। साथ ही जानिए इस पर्व से जुड़ी मान्यताएं।

Image of Ekadashi Vrat Bhagwan Vishnu

एकादशी व्रत पर की जाती है भगवान विष्णु की उपासना।(Photo Credit: Creative Image)

भगवान विष्णु की उपासना के लिए एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन आमलकी एकादशी व्रत का पालन किया जाएगा। वैष्णव संप्रदाय में यह व्रत विशेष महत्व रखता है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा आमलकी एकादशी व्रत और पूजा समय।

आमलकी एकादशी व्रत 2025

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 09 मार्च सुबह 07 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 10 मार्च सुबह 07 बजकर 44 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में 10 मार्च 2025, सोमवार के दिन आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। साथ ही इस व्रत का पारण 11 मार्च के दिन सुबह 06 बजकर 35 मिनट से सुबह 08 बजकर 13 मिनट के बीच किया जाएगा।

 

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आमलकी एकादशी व्रत से जुड़ी मान्यताएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आमलकी एकादशी के दिन व्रत का पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त हो जाती है। कहा जाता है आमलकी एकादशी व्रत का पालन करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए भक्त आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं और इसकी जड़ में जल अर्पित कर परिक्रमा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को जीवन में सुख, समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है।

 

पुराणों के अनुसार, एक समय राजा चित्ररथ ने अपनी प्रजा के साथ यह व्रत रखा था, जिससे उनका राज्य समृद्ध हुआ और प्रजा को सभी कष्टों से मुक्ति मिली। इसी कारण, आमलकी एकादशी को विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है।

 

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इस दिन व्रत रखने वाले भक्त सुबह स्नान कर भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और रात्रि जागरण कर भगवान का स्मरण करते हैं। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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