हिंदू धर्म में सूर्य देव की उपासना प्रत्यक्ष देवता के रूप में की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्य ऊर्जा और ज्ञान के स्वामी कहे जाते हैं व उनकी उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। सूर्य देव की उपासना के लिए भानु सप्तमी व्रत और रविवार दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि जिस रविवार के दिन सप्तमी तिथि पड़ती है, उसे भानु सप्तमी के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं, कब है भानु सप्तमी व्रत और इस दिन का महत्व?
भानु सप्तमी 2024 तिथि और पूजा विधि
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 22 दिसंबर 2024, रविवार के दिन पड़ रही है और इसी दिन भानु सप्तमी व्रत का पालन किया जाएगा। शास्त्रों में बताया गया है कि इस विशेष दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें।
इसके बाद पूजास्थल पर विधि-विधान से भगवान सूर्य के साथ-साथ नित पूजा करें। पूजा के दौरान सूर्य देव के मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और सूर्य चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं। इसके बाद सूर्य देव को फल और मिठाई का भोग अर्पित करें व अंत में आरती के बाद पूजा संपन्न करें।
भानु सप्तमी व्रत का महत्व
धर्म-ग्रंथ और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव की महिमा व उनकी उपासना के लाभ को विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है, उन्हें इस विशेष दिन पर व्रत का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य सभी ग्रहों के राजा हैं और इनकी उपासना करने से रोग, दोष, भय इत्यादि दूर रहते हैं। साथ भानु सप्तमी के दिन सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य भी करना चाहिए। माना जाता है कि इससे पूजा सफल होती है और देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।