वर्ष 2025 शुरू होने जा रहा है और यह साल आध्यात्मिक व ज्योतिष दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल 2025 का शुभारंभ प्रयागराज में कुंभ मेले से होने जा रहा है। साथ ही विभिन्न ज्योतिष संस्थानों ने वर्ष 2025 से जुड़ी भविष्यवाणियां की हैं। बता दें कि भविष्य मालिका में भी वर्ष 2025 से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण भविष्यवाणियां की गई हैं।
भविष्य मालिका, ओडिशा के संत महर्षि अच्युतानंद दास द्वारा रचित ग्रंथ है, जिसमें कई भविष्यवाणियां की गई हैं। इस ग्रंथ में आने वाले युग, समाज, राजनीति और प्रकृति से जुड़े संकेत दिए गए हैं। साथ ही वर्ष 2025 के संदर्भ में भी भविष्य मालिका में कई बातें कही गई। इस ग्रंथ के अनुसार यह वर्ष समाज, पर्यावरण और आध्यात्मिकता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला हो सकता है।
प्राकृतिक आपदाओं का संकेत
भविष्य मालिका में कहा गया है कि कलियुग के इस दौर में पृथ्वी पर प्राकृतिक असंतुलन बढ़ेगा। 2025 में असामान्य मौसम परिवर्तन, भूकंप, बाढ़ और चक्रवात जैसी घटनाओं का संकेत मिलता है। ये घटनाएं मानव जाति को प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने की सीख देंगी। साथ ही, जल और पर्यावरण संकट पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी।
राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन
इस ग्रंथ के अनुसार, 2025 में विश्वभर में राजनीतिक अस्थिरता का दौर रहेगा। बड़े देशों के बीच मतभेद और संघर्ष की स्थिति बन सकती है। भारत में भी सामाजिक और राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे, जहां जनता का रुझान अधिक जागरूक और आध्यात्मिक होगा। यह परिवर्तन नई व्यवस्थाओं और नेतृत्व के उदय का संकेत देता है।
आध्यात्मिक जागरण
भविष्य मालिका के अनुसार, 2025 का वर्ष आध्यात्मिक जागरण का समय होगा। समाज में धर्म और योग के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ेगा। लोग अपने अंदर छिपे आत्मिक गुणों को पहचानने की ओर अग्रसर होंगे। यह समय सत्संग, ध्यान और वैदिक परंपराओं को अपनाने का होगा।
आर्थिक बदलाव
2025 में आर्थिक अस्थिरता भी एक चुनौती बन सकती है। हालांकि, यह संकट नए आविष्कारों और तकनीकी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। भारत में स्वरोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां भविष्य मालिका पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।