बुधवार का दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए समर्पित है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि भगवान गणेश बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के स्वामी कहे जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुधवार के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं व जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में बुधवार व्रत के महत्व को भी विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति बुधवार व्रत का पालन करता है, उन्हें सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। हालांकि, जो इस दिन शास्त्र विदित नियमों का पालन नहीं करता है, उन्हें भगवान गणेश के क्रोध का भी सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं, बुधवार व्रत से जुड़े कुछ विशेष नियम।
बुधवार व्रत के दिन इन नियमों का करें पालन
शास्त्रों में यह बताया गया है कि बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद, साफ वस्तु धारण करना चाहिए और ईशान कोण में मुख करके भगवान गणेश की उपासना करनी चाहिए।
भगवान गणेश को दूर्वा, फूल और लड्डू का भोग अर्पित करना चाहिए। इसके साथ उनके मंत्र और स्तोत्र का भी पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक कार्य में काले रंग का प्रयोग अधिक नहीं किया जाता है। इसलिए बुधवार व्रत के दिन काले वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए, यह अशुभ संकेत होता है।
व्रत के दौरान किसी के भी प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और मन में द्वेष की भावना नहीं लानी चाहिए। इससे भी व्रत का फल नष्ट हो जाता है और भगवान गणेश क्रोधित हो जाते हैं।
शास्त्रों में व्रत के दिन दान-पुण्य को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। इसलिए बुधवार व्रत के दिन सामर्थ्य अनुसार भोजन, वस्त्र या धन का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि कई प्रकार के ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं।
बुधवार की पवित्रता को बनाए रखने के लिए तामसिक भोजन जैसे- प्याज-लहसुन इत्यादि का सेवन करने से बचना चाहिए और मांस-मदिरा इत्यादि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इस नियम का पालन न करने से भगवान गणेश के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।