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शुरू हो रहा है हिंदू कैलेंडर का नया महीना, जानें चैत्र महीने का महत्व

चैत्र महीने का अपना एक विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, क्या है चैत्र महीने से जुड़ी मान्यताएं और महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार।

Image of Chaitra Month

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Creative Image)

चैत्र महीना हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है और इसे नववर्ष की शुरुआत के रूप में भी माना जाता है। इस महीने का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यही वह समय होता है जब प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होता है, पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं और बसंत ऋतु अपने पूर्ण रूप में होती है। आध्यात्मिक रूप से, यह आत्मशुद्धि, उपासना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है।

 

चैत्र माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं, जैसे चैत्र नवरात्रि, राम नवमी और गणगौर पर्व। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति को शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसी महीने में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए राम नवमी का पर्व भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं चैत्र महीने पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार।

 

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चैत्र महीना 2025 व्रत-त्योहार

  • 15 मार्च 2025, शनिवार – चैत्र मास प्रारंभ
  • 16 मार्च 2025, रविवार – भाई दूज
  • 17 मार्च 2025, सोमवार – भालचद्र संकष्टी चतुर्थी
  • 19 मार्च 2025, बुधवार – रंग पंचमी
  • 21 मार्च 2025, शुक्रवार – शीतला सप्तमी
  • 22 मार्च 2025, शनिवार – शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
  • 25 मार्च 2025, मंगलवार – पापमोचिनी एकादशी
  • 27 मार्च 2025, गुरुवार – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
  • 29 मार्च 2025, शनिवार– सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
  • 30 मार्च 2025, रविवार – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि
  • 31 मार्च 2025, सोमवार – गणगौर
  • 06 अप्रैल 2025, रविवार – रामनवमी
  • 12 अप्रैल 2025, शनिवार– चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती

चैत्र माह के देवता

भगवान विष्णु – इस महीने की शुरुआत भगवान विष्णु के पूजन से की जाती है, क्योंकि वे संपूर्ण सृष्टि के पालनकर्ता हैं।
मां दुर्गा – नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
भगवान श्रीराम – राम नवमी के दिन प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन विशेष रूप से उनकी आराधना की जाती है।
सूर्य देव – चैत्र माह में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह ऊर्जा, ज्ञान और स्वास्थ्य का प्रतीक माने जाते हैं।

 

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चैत्र माह की पूजा विधि

प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु, श्रीराम और मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। दुर्गा सप्तशती, रामचरितमानस या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। नवरात्रि के समय कलश स्थापना कर मां दुर्गा की पूजा करें। राम नवमी के दिन श्रीराम के भजन गाएं और सुंदरकांड का पाठ करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में व्रत, दान और सत्संग का विशेष महत्व होता है, इसलिए जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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