logo

ट्रेंडिंग:

गणेश चतुर्थी: जब विसर्जन करना है तो क्यों घर लाए जाते हैं गणपति?

गणेश चतुर्थी भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, इस दिन लोग गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती हैं। इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं प्रचलित है, जिसमें बताया गया है कि प्रतिमा की स्थापना क्यों करते हैं?

Representational Picture

प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo Credit: AI

गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में भक्ति, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी तिथि पर लोग घरों और सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं। सवाल उठता है कि आखिर इस दिन गणेश प्रतिमा की स्थापना क्यों की जाती है? धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

पौराणिक कथाओं में गणेश जी को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता कहा गया है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इसी परंपरा के तहत गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापना कर उन्हें आवाहित स्वरूप में घर और पंडाल में आमंत्रित किया जाता है। दस दिनों तक भक्त विशेष पूजा, आरती और भजन करते हैं, जिससे घर का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।

 

यह भी पढ़ें: एक ऐसा मंदिर जहां बिना सूंड वाले गणेश जी की होती है पूजा

मूर्ति स्थापना की पौराणिक मान्यता

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा से जुड़ी बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, गणेश जी को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता माना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से कार्यों में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है। जब भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र गणेश को देवताओं में प्रथम पूज्य का स्थान दिया गया, तब से किसी भी शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा की परंपरा शुरू हुई। गणेश चतुर्थी को गणेश जी के जन्मदिवस के रूप में  मनाया जाता है, इसलिए इस दिन उनकी प्रतिमा को घर या पंडाल में स्थापित कर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

 

वहीं, एक दूसरी कथा के अनुसार, महर्षि वेद व्यास के कहने पर भाद्रपद मास की चतुर्थी को गणेशजी ने महाभारत का लेखन कार्य शुरू किया था। तब महर्षि वेद व्यास ने गणेश जी को महाभारत की कहानी सुनाते रहे और गणेश जी अपनी कलम से महाभारत को लिपिबद्ध करते रहे। माना जाता है कि महाभारत लेखन में 10 दिनों का समय लग गया था। 10 दिनों तक गणेश जी एक ही मुद्रा में बैठे रहे थे, जिससे उनका शरीर जड़वत (पत्थर की तरह) होने के साथ शरीर पर धूल-मिट्टी की चादर चढ़ गई थी। इसी वजह से गणेश जी 10 दिनों बाद नदी में स्नान करने गए थे, उस दिन को अंनत चतुदर्शी के नाम से जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के मौके पर स्थापित प्रतिमा का विसर्जन भी अंनत चतुदर्शी के दिन किया जाता है।

 

यह भी पढ़ें: परशुराम का गुस्सा और एकदंत पड़ा नाम, भगवान गणेश की कथा क्या है?

 

धार्मिक मान्यता

गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापना का मुख्य उद्देश्य आवाहित स्वरूप में गणेश जी को घर या समाज में आमंत्रित करना होता है। मूर्ति को स्थापित कर के भक्त मानो उन्हें अपने घर का अतिथि बनाते हैं और दस दिनों तक उनकी सेवा, पूजा, भजन, आरती और प्रसाद अर्पित करते हैं। यह धार्मिक प्रक्रिया भक्त और भगवान के बीच घनिष्ठ भावनात्मक संबंध स्थापित करती है।

सामाजिक मान्यता

गणेश चतुर्थी उत्सव को समाजिक रूप भी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान उन्होंने घर-घर की पूजा को सार्वजनिक रूप में मनाने की परंपरा शुरू की थी, जिससे लोग एकजुट होकर समाज और राष्ट्र की शक्ति बढ़ा सकें। इस प्रकार प्रतिमा स्थापना ने सामाजिक एकता और सामूहिक शक्ति का प्रतीक रूप भी धारण कर लिया था।

प्रतिमा विसर्जन से जुड़ी मान्यता

गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापित करने के साथ ही विसर्जन की परंपरा भी जुड़ी है। इसका अर्थ यह है कि हम गणेश जी को सम्मानपूर्वक अपने घर बुलाते हैं, पूजा करते हैं और फिर उन्हें जल में विसर्जित कर विदा करते हैं, जिससे वह अगले वर्ष फिर आने का वचन दें। यह जीवन के अनित्यत्व (कुछ भी स्थायी नहीं है) का संदेश भी देता है। विसर्जन से जुड़ी एक कथा और प्रचलित है। उसके अनुसार,  गणेश जी ने 10 दिन लगातार बैठकर महाभारत को लिपिबद्ध किया था। ऐसे में उनके शरीर पर धूल-मिट्टी की चादर चढ़ गई थी। इसी वजह से गणेश जी 10 दिनों बाद नदी में स्नान करने गए थे, उस दिन को अंनत चतुदर्शी के नाम से जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के मौके पर स्थापित प्रतिमा का विसर्जन भी अंनत चतुदर्शी के दिन किया जाता है। 

Related Topic:#Dharma Adhyatma

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap