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होलिका दहन पर क्या नहीं करना चाहिए, यहां विस्तार से जानें

हिंदू धर्म में होलिका दहन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन-किन कामों को करने से बचना चाहिए।

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होलिका दहन का सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Wikimedia Commons)

हिंदू धर्म में होलिका दहन परंपरा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। होली महापर्व से ठीक एक दिन पहले मनाए जाने वाली होलिका दहन पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ये पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि से एक दिन पहले रात्रि के समय मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दिन कुछ गलतियों से बचा जाए, तो जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं होलिका दहन के दिन किन गलतियों से रहना चाहिए दूर।

अशुभ समय में होलिका दहन न करें

होलिका दहन करते समय शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गलत समय पर किया गया दहन अशुभ फल दे सकता है। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा काल में होलिका दहन वर्जित होता है। अतः हमेशा सही समय देखकर ही दहन करना चाहिए।

 

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होलिका दहन में अशुद्ध चीजें न डालें

होलिका में शुद्ध वस्तुओं का ही प्रयोग करना चाहिए। कई लोग लकड़ी के साथ गंदे कपड़े, प्लास्टिक, चमड़े की चीजें या अन्य अशुद्ध वस्तुएं डाल देते हैं, जो गलत होता है। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।

घर में झगड़ा न करें

इस दिन घर में कलह या विवाद नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि होलिका दहन के दिन गुस्सा करने, किसी से कटु वचन बोलने या झगड़ा करने से घर की सुख-शांति प्रभावित होती है और नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इस दिन प्रेम और सद्भाव बनाए रखना चाहिए।

अग्नि का अपमान न करें

होलिका दहन के समय अग्नि की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि इसे पवित्र और देवी स्वरूप माना गया है। कई लोग जलती हुई होलिका में पैर रखकर खेलते हैं या किसी भी तरह से अपमानजनक व्यवहार करते हैं, जो अनुचित है। अग्नि का सम्मान करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

जरूरतमंदों की अनदेखी न करें

होलिका दहन के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने की परंपरा है। इस दिन माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए किसी जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या धन दान करना चाहिए।

 

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होलिका की राख का अपमान न करें

होलिका दहन के अगले दिन बची हुई राख को पवित्र माना जाता है। इसे तिलक के रूप में माथे पर लगाने से नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है।

नशा और अनुचित आचरण से बचें

इस पावन दिन पर शराब, मांसाहार और किसी भी तरह के गलत आचरण से बचना चाहिए। होलिका दहन आत्मशुद्धि का प्रतीक है, इसलिए इस दिन सात्विक आचरण करना और सकारात्मक ऊर्जा को अपनाना शुभ माना जाता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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