• NOIDA 15 Nov 2024, (अपडेटेड 15 Nov 2024, 10:26 AM IST)
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दीपदान का विशेष धार्मिक महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
हरिद्वार पर गंगा स्नान करने जुटे हजारों श्रद्धालु। (तस्वीर-PTI)
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। इस पवित्र तिथि पर देव दीपावली भी मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन, देवता अपनी दीपावली मनाते हैं। वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा का दिन, दीपावली की तरह ही बेहद खास होता है।
देशभर के नदियों के घाटों पर श्रद्धालु सुबह-सुबह स्नान करने पहुंचते हैं। हरिद्वार, प्रयागराज और अयोध्या जैसे शहरों में तो देशभर के लाखों श्रद्धालु इस दिन जुटकर उत्सव मनाते हैं, गंगा स्नान करते हैं और दीपदान करते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस दिन क्या करने से पुण्य लाभ होता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें? आचार्य पंडित मायेश द्विवेदी बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर सुबह उठकर नदी में स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। अगर आप घर पर हैं तो गंगा जल डालकर भी नहा सकते हैं। भगवान सत्यनारायण की कथा भी आज सुनी जाती है। स्नान और दान पुण्य करने के बाद श्रद्धालुओं को कथा सुननी चाहिए। कथा से आपके चारो पुरुषार्थ सिद्ध होते हैं।
चौक पूरें, दीप जलाएं और नामजप करें पंडित मायेश द्विवेदी बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर गोदान, वस्तुदान और दीपदान का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा पर व्यक्ति को शुद्ध चित्त से पूजन और नामजप करना चाहिए। संध्या से पहले अपने घर में लक्ष्मी का चौक बनाएं, दीप जलाएं। इस दिन चौक पूरने की परंपरा रही है।
#WATCH | Patna, Bihar: Devotees take a holy dip in river Ganga on the occasion of #KartikPurnima
किस देवता की करें आराधना? पंडित मायेश द्विवेदी बताते हैं कि शाम में भी इस दिन कथा सुनी जाती है। अगर दिन में आप न सुन पाएं तो शाम में कथा सुन सकते हैं। भगवान शिव की इन दिन पूजा की जाती है। जिनका चंद्रमा कमजोर है, उन्हें भी इस दिन पूजन से विशेष लाभ मिलता है। भूखों को भोजन कराने से भी भगवती की कृपा मिलती है।
किन मंत्रों से करें आराधना? कार्तिक पूर्णिमा पर ॐ ह्रीं श्रीं श्रीलक्ष्मीनारायणाय नमः का जाप करना चाहिए। चंद्रमा और भगवान शिव को प्रसन्न करने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं को ॐ सोमाय नम: का जाप करना चाहिए।