logo

ट्रेंडिंग:

काशी से उज्जैन तक, इन जगहों पर स्नान करने से मिलता है महाकुंभ जैसा फल

प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में यदि शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो 5 पवित्र जगहों पर स्नान करने से वैसा ही फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं इन स्थानों के नाम।

Image of Kumbh Snan

कुंभ में स्नान करते भक्त।(Photo Credit: PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

महाकुंभ का महत्व भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यधिक है। ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वर्तमान समय में तीरतराज प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। इस कुंभ मेले का समापन फरवरी माह के अंत में होगा।

 

हालांकि, कोई व्यक्ति यदि किसी कारण से महाकुंभ में शामिल नहीं हो सकते हैं, तो कुछ ऐसे पवित्र स्थान हैं जहां स्नान करने से कुंभ जैसे ही फल की प्राप्ति होती है। इन स्थानों का धार्मिक महत्व पौराणिक कथाओं और ग्रंथों में बताया गया है। आइए इन पांच स्थानों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्रयागराज का संगम

प्रयागराज को तीर्थराज भी कहा जाता है। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। महाकुंभ के समय संगम पर स्नान का विशेष महत्व है लेकिन अन्य समय पर भी यहां स्नान करने से कुंभ स्नान के समान पुण्य मिलता है। ऐसा माना जाता है कि संगम पर स्नान से शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध हो जाते हैं और व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।

हरिद्वार का हर की पौड़ी

हरिद्वार में गंगा का महत्व अतुलनीय है। हर की पौड़ी वह स्थान है जहां स्वयं भगवान विष्णु ने अपने चरण रखे थे। यहां गंगा स्नान का महत्व इतना अधिक है कि इसे महाकुंभ स्नान के बराबर माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि हर की पौड़ी पर स्नान करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

काशी का मणिकर्णिका घाट

काशी को मृत्युंजय भगवान शिव की नगरी माना गया है। यहां का मणिकर्णिका घाट विशेष रूप से पवित्र है। यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है और ऐसा कहा जाता है कि यहां स्नान करने से कुंभ के समान पुण्य प्राप्त होता है। मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने वाले भक्तों को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

उज्जैन का क्षिप्रा तट

उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। यहां क्षिप्रा नदी के तट पर स्नान का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, क्षिप्रा नदी में स्नान करने से महाकुंभ के समान पुण्यफल मिलता है। उज्जैन का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व इसे कुंभ के समान फल प्रदान करने वाला बनाता है।

नासिक का गोदावरी तट

नासिक में गोदावरी नदी को पवित्र माना गया है। इसे दक्षिण गंगा भी कहा जाता है। यहां के रामकुंड में स्नान करने का महत्व इतना है कि इसे महाकुंभ के स्नान के बराबर माना गया है। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से भगवान राम का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।

आध्यात्मिक लाभ

महाकुंभ या इन पवित्र स्थानों पर स्नान करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। यह आत्मा को उन्नति की ओर ले जाने का माध्यम है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि कुंभ में स्नान करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap