गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी क्षेत्र में आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ में अभी तक करीब 42 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से मात्र 24 दिनों के अंदर करीब 42 करोड़ श्रद्धालु नहा चुके हैं। इनमें श्रद्धालु और पर्यटक दोनों की संख्या शामिल है। प्रशासनिक आंकड़े में लगभग 10 लाख कल्पवासी और लाखों की संख्या में साधु संतों को अलग से दर्शाया गया है।
तृतीय अमृत स्नान पर बसंत पंचमी के बाद से जिस तरह महाकुंभ नगर क्षेत्र में श्रद्धालुओं का जल सैलाब उमड़ा है, इसको देखते हुए आगामी 17 दिनों में यह आंकड़ा 50 करोड़ के ऊपर पहुंचने की उम्मीद है। महाकुंभ नगर क्षेत्र में जारी प्रशासनिक आंकड़े के मुताबिक 9 फरवरी को रविवार को दोपहर 2 बजे तक 99 लाख 56 हजार श्रद्धालुओं महाकुंभ नगर क्षेत्र में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। लगभग 10 लाख कल्पवासी को काउंट नहीं किया गया है।
रविवार को कुल 1 करोड़ 9 हजार की संख्या महाकुंभ नगर क्षेत्र में पहुंच चुकी है। वहीं 8 फरवरी शनिवार को सुबह 8 बजे तक 42.31 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा चुके थे । जिसमें 10 लाख कल्पवासी अतिरिक्त थे। वहीं शनिवार को ही दोपहर 12 बजे तक 71.46 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। और 1 बजे तक कुल 81.46 लाख से अधिक स्नान हो चुका है। वहीं बीते 7 फरवरी शाम तक कुल 40.68 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ क्षेत्र पहुंच चुके थे।
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प्रयागराज में जुट रही है भारी भीड़
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में शुक्रवार सुबह तक महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या ने 40 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। तीनों अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के बाद भी श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है।
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महाशिवरात्रि के लिए जुट रही है भीड़
मौनी अमावस्या की हादसे की बात एक-दो दिन तक श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी दिखी। बसंत पंचमी के पूर्व से ही पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग तीर्थराज प्रयाग पहुंच रहे हैं। प्रयागराज शहर की चारों तरफ से आने वाली सड़कों पर करीब 20 से 30 किलोमीटर पहले से जाम लगा हुआ है। हजारों किलोमीटर से दूर आने वाले श्रद्धालु घंटे जाम में फंसे हैं लेकिन उनके उत्साह में किसी तरह की कमी नहीं दिख रही है।
स्थानीय लोग हैं परेशान
सभी श्रद्धालुओं का एकमात्र लक्ष्य संगम क्षेत्र में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाना ही है। तीर्थ क्षेत्र में भारी भीड़ लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। बीते कुछ दिनों में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। जो लोग प्रयागराज आ रहे हैं, वे ठहर जा रहे हैं। स्कूल और कॉलेज बंद है। सरकारी और प्राइवेट संस्थान से जुड़े लोगों को देर से ऑफिस पहुंचने पर डांट भी सुनने को मिल रही है।