वैदिक पंचांग के अनुसार, आज से पवित्र पौष महीना शुरू हो गया है। हिंदू धर्म में इस माह का अपना एक विशेष महत्व है। शास्त्रों में भी यह बताया गया है कि पौष माह में पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। बात दें कि पौष महीने में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। साथ ही इस पवित्र माह में कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जिनका अपना एक विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, पौष महीने के प्रमुख व्रत त्योहार।
पौष महीने के प्रमुख व्रत-त्योहार
- 18 दिसंबर 2024, बुधवार- संकष्टी गणेश चतुर्थी, गुरु घासीदास जयंती, महाराजा छत्रसाल दिवस
- 22 दिसंबर 2024, रविवार- भानु सप्तमी
- 23 दिसंबर 2024, सोमवार- रुक्मिणी अष्टमी, किसान दिवस
- 25 दिसंबर 2024, बुधवार- पार्श्वनाथ भगवान जयंती
- 26 दिसंबर 2024, गुरुवार- सफला एकादशी, भगवान चंद्रप्रभु जयंती
- 28 दिसंबर 2024, शनिवार - शनि प्रदोष व्रत
- 30 दिसंबर 2024, सोमवार- सोमवती और पौषी अमावस्या
- 1 जनवरी 2025, बुधवार- चंद्र दर्शन, नव वर्ष 2025 प्रारंभ
- 2 जनवरी 2025, गुरुवार- रज्जब मास प्रारंभ
- 3 जनवरी 2025, शुक्रवार- विनायकी चतुर्थी, पंचक शुरू
- 6 जनवरी 2025, सोमवार- गुरु गोकुलगास जन्मोत्सव, गुरु गोविंद सिंह जयंती
- 7 जनवरी 2025, मंगलवार- शाकंभरी यात्राकंभ, पंचक समापन
- 10 जनवरी 2025, शुक्रवार- पुत्रदा एकादशी व्रत
- 11 जनवरी 2025, शनिवार- रोहिणी व्रत, शनि प्रदोष,
- 13 जनवरी 2025, सोमवार- पौष पूर्णिमा, प्रयागराज कुंभ मेला, लोहड़ी उत्सव, शाकंभरी यात्रा समापन, माघ स्नान
महाकुंभ मेला 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह कीशुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ होगा। इस दिन लाखों की संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालु पवित्र संगम नदी में डुबकी लगाकर अपने पापों को नष्ट करने की प्रार्थना करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ स्नान करने से व्यक्ति को रोग, दोष और सभी प्रकार के समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। ऐसी मान्यता भी है कि कुंभ स्नान करने से मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।