सप्ताह में शनिवार का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह भगवान शनि देव की उपासना के लिए समर्पित है। शनि देव न्याय के देवता के रूप में पूजे जाते हैं अर्थात जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है उन पर शनि की विशेष कृपा रहती है और जो बुरे कर्मों में लिप्त रहता है, उन्हें शनि के क्रोध का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में भी शनि ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। जिस व्यक्ति कुंडली में शनि उच्च स्थान पर स्थित रहते हैं, उन्हें जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। हालांकि, शनिवार के दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करके ही भगवान शनिदेव की उपासना करनी चाहिए अन्यथा नुकसान भी हो सकता है। आइए जानते हैं, शनिवार के कुछ महत्वपूर्ण नियम।
शनिवार के दिन इन नियमों का करें पालन
- ज्योतिष शास्त्र में यह बताया गया है कि शनिवार के दिन लोहे से बने सामान की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। लोहे का संबंध शनि देव से है और इस दिन लोहे की खरीदारी करने से शनि देव क्रोधित भी हो जाते हैं।
- शनिवार के दिन तेल खरीदना भी अशुभ माना जाता है और विशेष रूप से सरसों का तेल भूल कर भी नहीं खरीदना चाहिए। इससे जीवन में कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ मान्यता है कि इस विशेष दिन पर कोयला खरीदना भी शुभ नहीं होता है।
- ज्योतिष शास्त्र में दिशा का भी विशेष महत्व में बताया गया है। शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, इसे यम दिशा भी कहा जाता है। इसके साथ इस विशेष दिन पर बाल या नाखून को काटने की मनाही है। साथ ही इस विशेष दिन पर पैसों के बड़े लेनदेन से बचना चाहिए।
- शनिवार के दिन कई लोग व्रत का पालन करते हैं और इस दिन भगवान शिव, शनि देव और हनुमान जी की उपासना का विधान है। इसलिए इस दिन की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मांस, मदिरा या तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शनि देव क्रोधित हो सकते हैं।
- शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए और इस दिन संध्याकाल में दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए और कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से लाभ प्राप्त होता है। इसके साथ सुबह या संध्या काल में हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि ग्रह के कारण उत्पन्न हो रही समस्याएं भी दूर होती हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।