हिंदू धर्म में हनुमान जी की उपासना का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दूर हो जाते हैं। बता दें कि मंगलवार का दिन हनुमान जी के उपासना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शास्त्रों में भी मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना के महत्व को विस्तार से बताया गया है। कई बार यह मन में सवाल उठता है कि मंगलवार का दिन हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित क्यों है? आइए जानते हैं, इसके पीछे क्या है मुख्य कारण और महत्व।
मंगलवार के दिन क्यों की जाती है हनुमान जी के पास में
शास्त्रों में और विशेष रूप से स्कंद पुराण में यह विदित है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी अवतरित हुए थे, जिस वजह से यह दिन उनकी उपासना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि मंगलवार के दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मंगलवार का ग्रहों के सेनापति मंगल के नाम पर रखा गया है। ज्योतिष शास्त्र में यह बताया गया है कि जिन जातकों के कुंडली में मंगल अशुभ भाव में या नीचे स्थान पर रहते हैं, उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना जरूर करनी चाहिए और साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इससे मंगल की शुभ दृष्टि कुंडली पर पड़ती है और जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
हनुमान जी की उपासना में इन नियमों का करना चाहिए पालन
हनुमान जी की गणना अष्ट चिरंजीवियों में की जाती है। अष्ट चिरंजीवी वह पौराणिक चरित्र है जिनके लिए कहा जाताकि वह आज भी धरती पर जीवित हैं। इन अष्ट चिरंजीवियों में हनुमान जी के साथ अश्वत्थामा, महर्षि वेदव्यास, विभीषण, भगवान परशुराम, गुरु कृपाचार्य, भगवान मारकंडेय और वानर राज बाली का नाम शामिल हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान जी उपासना के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। इन नियमों में ब्रह्मचर्य और तामसिक भोजन से दूर रहना शामिल है। हनुमान जी की पूजा में सिंदूर का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।