logo

विनायक चतुर्थी व्रत से भगवान गणेश होते हैं प्रसन्न, जानें तिथि व महत्व

भगवान गणेश की उपासना के लिए चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व।

Image of Bhagwan Ganesh Puja

विघ्नहर्ता भगवान गणेश। (Pic Credit- Canva)

हिंदू धर्म में भगवान गणेश की उपासना विघ्नहर्ता के रूप में की जाती है। शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम देवता के रूप में वर्णित किया गया है और किसी भी मांगलिक कार्य या पूजा-पाठ में सर्वप्रथम गणपति जी की पूजा की जाती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चतुर्थी व्रत का पालन करना चाहिए।

 

चतुर्थी व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि महीने के प्रत्येक 15 दिन पर आती है, इसलिए हर माह में 2 चतुर्थी व्रत का पालन किया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले चतुर्थी व्रत को विनायक चतुर्थी व्रत के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं, मार्गशीर्ष महीने के चतुर्थी व्रत की तिथि और महत्व।

विनायक चतुर्थी व्रत 2024 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 दिसंबर दोपहर 01 बकजर 15 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन 05 दिसंबर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत का पालन 05 दिसंबर 2024 गुरुवार के दिन किया जाएगा। इस दिन चतुर्थी व्रत पूजा समय सुबह 11 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट के बीच रहेगा।

विनायक चतुर्थी व्रत के नियम’

चतुर्थी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और साफ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश की उपासना करें। पूजा से पहले सूर्य देव को जल प्रदान करें और फिर ईशान कोण में मुख कर के पूजा प्रारंभ करें।

 

पूजा में भगवान गणेश को रोली, पुष्प, दूर्वा, फल इत्यादि अर्पित करें और लड्डू का भोग लगाएं। इसके साथ पूजा के दौरान भगवान गणेश के मंत्र और स्तोत्र का पाठ करें व पूजा के अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

 

व्रत के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी के भी प्रति मन में द्वेष की भावना न आए और किसी से भी वाद-विवाद न करें। व्रत के दौरान दोपहर के समय सोना वर्जित है, ऐसा करने व्रत का फल नष्ट हो जाता है।

 

चतुर्थी व्रत की पवित्रता को बनाए रखने के लिए तामसिक भोजन जैसे प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है। इससे भगवान गणेश क्रोधित हो जाते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

शेयर करें

संबंधित आलेख


और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap