क्रिसमस आते ही बाजारों की रौनक, ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती गतिविधियां और गिफ्ट पैक कराते लोगों की भीड़ इस बात की गवाही देती है कि उपहार देना इस पर्व का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। क्या आपने कभी सोचा है कि क्रिसमस पर गिफ्ट देने की यह परंपरा आखिर शुरू कब और कैसे हुई? यह परंपरा सिर्फ आधुनिकता की देन नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें हजारों साल पुरानी धार्मिक कथाओं, प्राचीन सभ्यताओं और मानव समाज की साझा खुशियां बांटने की भावना से जुड़ी हुई हैं।
दरअसल, क्रिसमस पर उपहार देने की परंपरा की शुरुआत ईसा मसीह के जन्म से मानी जाती है, जब तीन ज्ञानी पुरुषों ने नवजात यीशु को सोना, लोबान और गंधरस भेंट किया था। समय के साथ यह धार्मिक प्रतीक सामाजिक परंपरा में बदला और यूरोप, अमेरिका होते हुए पूरी दुनिया में फैल गया। रोमन साम्राज्य के सैटर्नेलिया उत्सव से लेकर सेंट निकोलस की कहानियों और आधुनिक सांता क्लॉज की कल्पना तक, क्रिसमस गिफ्ट देने की यह परंपरा इतिहास के कई दौरों से गुजरकर आज के स्वरूप में पहुंची है।
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बाइबिल और यीशु के जन्म से जुड़ी परंपरा
क्रिसमस पर उपहार देने की परंपरा की जड़ें यीशु मसीह के जन्म से जुड़ी हैं।
तीन ज्ञानी पुरुष
बाइबिल के अनुसार, यीशु के जन्म के समय तीन ज्ञानी पुरुष पूर्व से बेथलहम आए और बच्चे यीशु को तीन उपहार दिए, जिसमें-
- सोना – राजसी सम्मान का प्रतीक
- लोबान – ईश्वरत्व का प्रतीक
- गंधरस – भविष्य के बलिदान का संकेत
यहीं से यह विचार जन्मा कि क्रिसमस के अवसर पर प्रेम और सम्मान के प्रतीक के रूप में उपहार दिए जाएं।
प्राचीन रोमन सभ्यता का प्रभाव
सैटर्नेलिया पर्व
यीशु के जन्म से पहले ही रोमन साम्राज्य में दिसंबर के महीने में सैटर्नेलिया नामक उत्सव मनाया जाता था
- लोग एक-दूसरे को छोटे उपहार देते थे।
- नौकरों और मालिकों के बीच समानता का भाव होता था।
- खुशियां, भोज और सजावट होती थी।
- जब ईसाई धर्म फैला, तो कई रोमन परंपराएं क्रिसमस में शामिल हो गईं, जिनमें उपहार देना भी था।
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सेंट निकोलस की भूमिका (सांता क्लॉज की शुरुआत)
सेंट निकोलस (चौथी शताब्दी)
- सेंट निकोलस तुर्की क्षेत्र के एक ईसाई बिशप थे।
- वह गरीबों और बच्चों को गुप्त रूप से उपहार देने के लिए प्रसिद्ध थे।
- उनकी दयालुता की कहानियां पूरे यूरोप में फैल गईं।
- बाद में यही व्यक्तित्व बदलकर डच संस्कृति में 'सिंटरक्लास' बना और अग्रेजी दुनिया में 'सांता क्लॉज' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
मध्यकालीन यूरोप में परंपरा का विकास
- 12वीं–15वीं शताब्दी में यूरोप में क्रिसमस पर उपहार देना आम होने लगा।
- शुरुआत में उपहार छोटे और प्रतीकात्मक होते थे।
- ज्यादातर उपहार 1 जनवरी (नए साल) या 6 जनवरी (Epiphany) को दिए जाते थे
- बाद में यह परंपरा 25 दिसंबर से जुड़ गई।
19वीं सदी: आधुनिक क्रिसमस गिफ्ट की शुरुआत
विक्टोरियन युग (ब्रिटेन)
- परिवार केंद्रित क्रिसमस की शुरुआत
- बच्चों को उपहार देना मुख्य बन गया।
- क्रिसमस ट्री के नीचे गिफ्ट रखने की परंपरा शुरू हुई।
अमेरिका में विकास
- 1823 की कविता 'A Visit from St. Nicholas' ने सांता क्लॉज की छवि को लोकप्रिय बनाया
- 20वीं सदी में विज्ञापनों (विशेषकर Coca-Cola) ने सांता को लाल कपड़ों में दिखाया
आधुनिक समय में गिफ्ट देने का अर्थ
आज क्रिसमस पर गिफ्ट देने का मतलब है-
- प्रेम और अपनापन दिखाना
- परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां बांटना
- बच्चों के लिए उत्साह और कल्पना की दुनिया
- हालांकि आज इसमें व्यावसायिकता बढ़ गई है, फिर भी मूल भावना अब भी दयालुता और साझा खुशी ही है।