विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ में जन आस्था से जुड़े लाखों साधु संत, शंकराचार्य महामंडलेश्वर आदि आ चुके हैं। कुछ ऐसे विरले लोग भी आए हैं जो कोई साधु-संत नहीं लेकिन अगर मानवता से जोड़कर देखें तो संत से मिलते-जुलते ही हैं। हम बात कर रहे हैं ब्लड मैन के नाम से प्रसिद्ध डॉ० राजीव मिश्र की जोकि बेहद साधारण जीवन जीते हैं लेकिन अपने जीवन काल में अभी तक 110 बार रक्तदान कर चुके हैं। महाकुंभ क्षेत्र में घूम घूम रक्तदान महादान के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
'काम आदमी का औरों के काम आना' भले ही पुरानी हिंदी फिल्म का सुपरहिट गाना रहा हो लेकिन डॉ० राजीव मिश्र ने उसे अपनी जिंदगी में ढाल लिया। दूसरे लोगों की जिंदगी बचाने के लिए डॉ.राजीव मिश्रा अभी तक 110 बार रक्तदान कर चुके हैं। अब महाकुंभ 2025 में रक्तदान महादान को लेकर एक अलग अलख जगा रहे हैं। महाकुंभ नगर क्षेत्र में कार्य सुरक्षा ग्राहियों से लेकर सांसद विधायक उच्चाधिकारियों तक पहुंचकर वह रक्तदान महादान के प्रति जागरूक कर रहे हैं। खासकर युवाओं को लेकर वह काफी उत्साहित रहते हैं।
पिछले साल लगाया शतक
फिरहाल डॉ० राजीव मिश्र ने रक्तदान से जुड़े सभी मिथकों को पीछे छोड़ते हुए 110 वीं बार रक्तदान कर मानवता को बहुत बड़ा संदेश दिया है। उनका कहना है कि मानव जीवन के लिए अपने जीवन को संकल्पित कर देना ही असली मानव धर्म है। बता दें 22 जनवरी के अविस्मरणीय जब अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी उसी दिन डॉ०राजीव मिश्र ने रक्तदान करने का शतक पूरा किया था। और दीपावली पर 106 वीं बार रक्तदान का महादान कर एक रिकॉर्ड कायम किया था।
आमतौर पर आज भी लोग रक्तदान करने से बचते हैं। ऐसा मिथक पाल रखे हैं कि रक्तदान करने से इनका शरीर कमजोर हो जाएगा।बीमारी घेर लेगी। ऐसे में राष्ट्रीय रक्तदाता डॉक्टर राजीव मिश्र ने 106 वीं बार रक्तदान कर एक रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि रक्तदान करने वालों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन चुके हैं।
25 राज्यों में फैलाई जागरूकता
बता दें कि ब्लड बैंकों में रक्त की अनुपलब्धता की वजह से किसी की जान न जाए इसके लिए रक्तदान को महादान अभियान की अलख जगाने के लिए डॉ०राजीव मिश्र भारत के 25 राज्यों के साथ ही नेपाल में भी जागरूकता रक्तदान कैम्प कर चुके हैं। रक्तदान और रक्तदान के प्रति जागरूकता के लिए डॉ राजीव मिश्रा देश के विभिन्न राज्यों में जैसे जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरला, बिहार, असम, नागालैंड की राजधानी कोहिमा, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश,केरल, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, भोपाल, राजस्थान जैसे 25 प्रांतों में दौरा कर चुके हैं।
वैसे डॉ० राजीव मिश्र को ब्लड मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाने जाना लगा है। इन्होंने अपने शरीर का साढे 36 लीटर खून दान कर चुके हैं। उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों पर रक्तदान 150 रक्तदान शिविर लगवाकर हजारों लोगों की जिंदगी बचाने का निस्वार्थ एवं पुनीत कार्य किया है। डॉ० राजीव मिश्र का कहना है कि अपने देश भारत में रक्तदान को लेकर बहुत जागरूकता की जरूरत है।
अभी हाल में ही रक्तदान के क्षेत्र मे विशेष कार्य करने पर लखनऊ मे मुख्य अथिति श्री रंजन कुमार आईएएस. सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तरप्रदेश, अमृत सोनी आईएएस, उपाध्यक्ष राज्य रक्त संचरण परिषद उत्तर प्रदेश, रविन्द्र कुमार आईएएस निदेशक राज्य रक्त संचरण परिषद उत्तर प्रदेश, डॉ.सीएम सिंह, निदेशक डॉ राम मनोहर लोहियाआयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के आडोटोरियम मे उत्तर प्रदेश राज्य पुरस्कार दिया गया।
इतना ही नहीं डॉ०राजीव मिश्रा को 14 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ साथ राज्यपाल,मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री,सांसद,चिकित्सामंत्री, विधायक,स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तर प्रदेश,कमीशनर,जिलाधिकारी,अपर निदेशक,मुख्य चिकित्सा अधिकारी औऱ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आदि से सम्मानित हो चुके हैं।