भविष्यवाणी वाले नोस्ट्राडेमस की पूरी कहानी क्या है?
विशेष
• NEW DELHI 05 Mar 2025, (अपडेटेड 05 Mar 2025, 2:15 PM IST)
लगभग हर दूसरी घटना पर एक नाम चर्चा में आता है और उसे किसी न किसी भविष्यवाणी से जोड़ दिया जाता है। यह नाम नोस्ट्राडेमस का है जो पिछले कुछ सालों में बेहद मशहूर हुआ है।

नोस्ट्राडेमस, Photo Credit: Khabargaon
1894, लन्दन के टाइम्स अखबार में एक खबर छपी कि अगले 50 साल में यह शहर डूब जाएगा। पानी में नहीं- घोड़े की लीद में। कुछ इसी तरह की आशंकाएं न्यू यॉर्क में भी जताई जा रही थीं। ट्रांसपोर्ट के लिए तब घोड़ागाड़ी का इस्तेमाल होता था और इनमें लगे ऐसे 50 हजार घोड़े न्यू यॉर्क में हर दिन 1000 टन लीद पैदा कर रहे थे। इस समस्या के निपटारे के लिए 1898 में एक कॉफ्रेंस रखी गई। इस समस्या के हल के लिए फर्स्ट इंटरनेशनल अर्बन प्लानिंग कॉन्फ्रेंस हुई लेकिन यह कॉन्फ्रेंस बिना किसी नतीजे के खत्म हुई क्योंकि घोड़े वाली समस्या का हल किसी के पास नहीं था।
लगभग एक सदी आगे बढ़ें तो टेक्नॉलजी की दुनिया का एक दिग्गज रॉबर्ट मेटकॉफ भरी पब्लिक के सामने कागज़ खा रहा था। इथरनेट के आविष्कारक मेटकॉफ ने भविष्यवाणी की थी कि 1996 तक इंटरनेट पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा। इस बात पर मेटकॉफ को इतना भरोसा था कि उन्होंने वादा किया कि अगर ऐसा न हुआ तो मैं अपने ही वर्ड्स खा जाऊंगा। 19वीं सदी के अंत में लोगों को नहीं पता था कि एक दिन मोटर गाड़ी आएगी, घोड़ों की जरूरत ख़त्म हो जाएगी लेकिन वे तो सामान्य लोग थे, अवैज्ञानिक लेकिन मेटकॉफ का क्या, अपने ही फील्ड का एक्सपर्ट भविष्य को प्रीडिक्ट नहीं कर पाया। ऐसे और भी उदाहरण हैं, मसलन वैक्यूम ट्यूब के अविष्कारक Lee De Forest ने 1957 में कहा था - इंसान कभी चांद पर नहीं पहुंच पाएगा, महज 12 साल बाद नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर पहला कदम रख चुके थे।
ऐसी कई और भविष्यवाणियां हैं जो गलत साबित हुई। एक्सपर्ट्स के द्वारा भी और आम लोगों के द्वारा भी लेकिन इंसान फिर इंसान है,
कुछ हैं मंज़र हाल के कुछ ख़्वाब मुस्तक़बिल के हैं
ये तमन्ना आँख की है वो तक़ाज़े दिल के हैं
इंसान भविष्य जानने की ख्वाहिश रखता है इसलिए हस्तरेखाएं देखी जाती हैं, कुंडली दिखाई जाती हैं, टैरो कार्ड्स चुने जाते हैं। भविष्य बताने वालों की कमी नहीं लेकिन क्या हो अगर कोई शख्स जिसकी भविष्यवाणी सच हो जाए। एक नहीं वह भी सैकड़ों, ऐसा व्यक्ति मात्र व्यक्ति नहीं रहता, किंवदंती बन जाता है। ऐसा ही एक शख्स हुआ- नोस्ट्राडेमस।
फ़्रांस में पैदा हुए शख्स ने अपनी किताब में लिखा है -
"जब मशीनें इंसान की जगह लेंगी,
लाखों लोग सड़कों पर होंगे,
सोने की कीमत आसमान छुएगी,
और बैंक दरवाजे बंद कर देंगे।"
क्या ये AI की भविष्यवाणी थी? मानने वाले कहते हैं हां। हिटलर का उदय, जॉन एफ कैनेडी की हत्या, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की मृत्यु, कोविड से लेकर रूस यूक्रेन वॉर तक- नोस्ट्राडेमस ने हर बात की भाष्यवाणी पहले ही कर दी थी। ऐसा दावा है लेकिन ये शख्स था कौन?
क्या सच में उसने आने वाले वक्त की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी?
अगर हां तो कैसे, नोस्ट्राडेमस भविष्य को कैसे कैलकुलेट करता था। और 2025 के लिए नोस्ट्राडेमस ने कौन सी भविष्यवाणी की हैं?
इन तमाम सवालों के जवाब और नोस्ट्राडेमस की पूरी कहानी, चलिए जानते हैं।
डॉक्टर कैसे बना ज्योतिष?
नोस्ट्राडेमस का जन्म साल 1503 में फ्रांस में हुआ था। असली नाम - मिशेल डी नोस्ट्राडम। संपन्न व्यापारी परिवार में पैदा हुआ ये लड़का, बचपन से ही तेज़ था। विज्ञान और गणित से लेकर लैटिन, ग्रीक और हिब्रू भाषाओं तक सब कुछ सीखा। दिल लेकिन राब्ता था- ज्योतिष से। यही चलकर आगे नोस्ट्राडेमस की पहचान बना। उसकी भविष्यवाणियों में धर्म का भी बड़ा रोल था। दरअसल, नोस्ट्राडेमस के पिता ने यहूदी धर्म से रोमन कैथोलिक धर्म अपना लिया था। इस विरासत के कारण उन्होंने यहूदी धर्मग्रंथों का अध्ययन किया। साथ-साथ बाइबिल भी अच्छे से पढ़ी। नोस्ट्राडेमस के लिखे में इन दोनों धर्मों का काफी असर दिखता है। आज उन्हें एक भविष्यवक्ता के रूप में जाना जाता है लेकिन इनकी शुरुआत हुई थी मेडिकल की पढाई से। मात्र 14 साल की उम्र में नोस्ट्राडेमस ने चिकित्सा की पढ़ाई शुरू की। जब वह कॉलेज में थे, उन दिनों यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग फ़ैल रहा था। 16वीं सदी के यूरोप ये बीमारी एक तिहाई आबादी को खा गई थी। इस बीमारी के चक्कर में नोस्ट्राडेमस की पढाई छूटी, फिर 1522 में उन्होंने दोबारा इसे कंटीन्यू किया और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
पढ़ाई के बाद कई साल तक उन्होंने दक्षिणी फ्रांस में डॉक्टर के रूप में काम किया। वह मुख्य रूप से प्लेग के मरीजों का इलाज करते थे। मेडिकल साइंस ने तब इतनी तरक्की नहीं की थी। इसलिए डॉक्टर अक्सर, खून निकालकर या लहसुन के इस्तेमाल से इलाज की कोशिश करते थे। जाहिर है कि इन तरीकों से फायदा कम ही होता था। लिहाजा नोस्ट्राडेमस ने कुछ अलग करने की सोची। उन्होंने सफाई, साफ़ हवा, खान पान पर जोर दिया। साथ ही गुलाब से बनी विशेष गोलियां तैयार कीं, जिन्हें वे मरीजों को देते थे। इन तरीकों से जब फायदा होने लगा, नोस्ट्राडेमस फेमस हो गए। नोस्ट्राडेमस को खुद ये नहीं पता था कि उनकी दवा क्यों काम कर रही हैं।
असल में गुलाब की जिन गोलियों का इस्तेमाल नोस्ट्राडेमस कर रहे थे, उनमें विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है। इसी के चलते लोगों को फायदा हुआ और नोस्ट्राडेमस हिट हो गए। ये उनका फेम से पहला परिचय था। डॉक्टरी में सफलता के चलते ही फ़्रांस में चर्चा शुरू हुई कि नोस्ट्राडेमस एक चमत्कारिक व्यक्ति हैं। यह चमत्कार हालांकि उनके परिवार को नहीं बचा पाया। प्लेग ने उनकी पत्नी और बच्चों की जान ले ली। इस हादसे के बाद नोस्ट्राडेमस का जीवन एक नया मोड़ लेता है। 1540 के दशक के अंत में वो सैलों-डी-प्रोवेंस नाम के एक छोटे से शहर में जा बसे। यह शहर भूमध्य सागर के पास था। यहां उन्होंने एक धनी विधवा से दूसरी शादी की, जिससे उनके छह बच्चे हुए। इसी दौरान उन्होंने भविष्यवाणियां लिखना शुरू किया। 1550 में नोस्ट्राडेमस ने अपनी पहली भविष्यवाणी पुस्तिका प्रकाशित की। इसमें आने वाले साल की भविष्यवाणियां थीं।
पहली भविष्यवाणी
इत्तेफाक कहिए या किस्मत या जो भी। उसी साल यूरोप में एक लड़ाई छिड़ गई। जिनका जिक्र नोस्ट्राडेमस ने पहले ही कर दिया था। इसके बाद तो लोगों को पक्का विश्वास हो गया कि नोस्ट्राडेमस भविष्य बता सकते हैं। उनकी पहली ही किताब इतनी हिट हुई कि उन्होंने हर साल ऐसी पुस्तिका निकालने का फैसला किया। नोस्ट्राडेमस की सबसे फेमस किताब का नाम है "द सेंचुरीज"। इस किताब के बारे में दो दिलचस्प बातें। पहली - कहा जाता है कि इस किताब में नोस्ट्राडेमस ने अगले हजार सालों की भविष्यवाणी की थीं। असल में किताब में करीब 1000 चौपाइयां थीं, जिन्हें सौ-सौ के समूह में बांटा गया था। इसी कारण किताब को "द सेंचुरीज" नाम मिला। ये नाम किताब के संगठन को दर्शाता है, टाइम को नहीं।
किताब से जुड़ा दूसरा दिलचस्प पहलू- नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियों का एक बड़ा हिस्सा 'मिराबिलिस लिबर' नाम की किताब से लिया गया था। जिसमें ईसाई संतों की भविष्यवाणियां लिखी थीं। ये तमाम भविष्यवाणियां नोस्ट्राडेमस ने अपनी किताब में भी जोड़ी। हालांकि इसे चोरी नहीं कहा गया क्योंकि तब कॉपीराइट जैसी कोई चीज नहीं थी। दूसरे की किताब से चीजें उठाना, आम हुआ करता था। बहरहाल - नोस्ट्राडेमस की तमाम भविष्यवाणियां, जो आज चर्चा का विषय बनती हैं। "द सेंचुरीज" में दर्ज़ हैं। क्या लिखा है इस किताब में?
उससे पहले एक सवाल, नोस्ट्राडेमस भविष्य जानने का दावा करते थे। ये दावा सही गलत हो सकता है, लेकिन वो भविष्य जानते कैसे थे?
कुछ-कुछ वैसे ही जैसे वर्तमान ज्योतिष दावा करते हैं। बकौल नोस्ट्राडेमस ग्रहों की गति को स्टडी कर उन्होंने धरती पर होने वाली घटनाओं से उसका मिलान किया और इस तरह एक पैटर्न बनाया, जिसकी मदद से वे भविष्य को कैलकुलेट करते थे। नोस्ट्राडेमस की जीवनी में जिक्र आता है कि वे रात को ध्यान लगाते थे। अक्सर आग या पानी पर- इससे उन्हें भविष्य जानने में मदद मिलती है और कई जगह तो वे ये दावा भी करते हैं कि किसी फ़रिश्ते ने उन्हें आकर उन्हें भविष्य के बारे में बताया है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वह जायफल खाते थे, जिससे हल्का-हल्का नशा होता था।
यहां नोट करने वाली बात है कि 16 वीं सदी के यूरोप में भविष्यवाणी का दावा करने वालों की कोई कमी नहीं थी। बल्कि पूरी दुनिया में फ्यूचर प्रिडिक्ट करने का चलन रहा है। इनमें अधिकतर कुछ टाइम के लिए चमकते हैं, फिर गायब हो जाते हैं। नोस्ट्राडेमस का नाम इतने लम्बे समय से चर्चित क्यों है?
नोस्ट्राडेमस के जीवन की एक घटना है। एक बार फ्रांस के राजा की पत्नी, कैथरीन को भविष्यवाणियों की खबर मिली। उन्होंने नोस्ट्राडेमस को दरबार में बुलाया। और उनसे राजपरिवार के भविष्य के बारे में पूछा।
नोस्ट्राडेमस ने जो जवाब दिया, उसका हिंदी में कुछ हिंदी तर्जुमा कुछ इस प्रकार था-
"युवा शेर बूढ़े को युद्ध में हराएगा,
स्वर्णिम क्षेत्र में एक द्वंद्व युद्ध में,
आंखों में भाला घुसेगा,
दो घाव एक होंगे, फिर एक क्रूर मौत।"
इस भविष्यवाणी के चंद सालों बाद एक घटना हुई। फ़्रांस के राजा हेनरी युद्धकला का प्रदर्शन कर रहे थे।
- इस दौरान भाले का टूटा हुआ सिरा उनकी आंख में घुसा और राजा की मृत्यु हो गई।
नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणी एकदम सटीक बैठी थी। लिहाजा फ़्रांस की राजाओं की कहानी से नोस्ट्राडेमस का नाम हमेशा हमेशा के लिए जुड़ गया। रानी कैथरीन ने उन्हें दरबार में शामिल किया - वह राज ज्योतिषी बन गए। धीरे-धीरे पूरे यूरोप में उनका नाम फैला और यूरोप के अन्य शाही परिवार भी उनकी सलाह लेने लगे। नोस्ट्राडेमस ने अपना बाकी का जीवन राज ज्योतिष के रूप में गुजारा और 1566 में उनकी मौत हो गई। किस्सा है कि मौत से पहली रात उन्होंने अपनी सेक्रेटरी से कहा था, "कल सूर्योदय पर तुम मुझे जिन्दा नहीं पाओगी”। अगली सुबह ही उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद नोस्ट्राडेमस के नाम को और भी ख्याति मिली क्योंकि लोगों ने उनके लिखे को भविष्य की घटनाओं से जोड़ना शुरू कर दिया।
नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियां
आमतौर पर आपने सुना होगा कि नोस्ट्राडेमस ने 20वीं सदी के लिए ये कहा था। 21 वीं के लिए वो कहा था लेकिन उनके लिखे में असल में किसी तारीख का जिक्र नहीं है। या है भी तो बहुत क्लियरली नहीं है। नोस्ट्राडेमस ने फ्रेंच, लैटिन, ग्रीक और इतालवी भाषाओं में भविष्यवाणियां लिखी हैं। इन्हें चौपाइयों की तरह लिखा गया है। हर चौपाई में किसी विशेष घटना या युग का वर्णन है लेकिन डायरेक्टली नहीं। ये चौपाइयां रूपक या पहेली ही तरह हैं।
अपने बेटे सीज़र को लिखे एक पत्र में नोस्ट्राडेमस लिखते हैं कि उन्होंने जानबूझकर अपनी भविष्यवाणियों को रहस्यमय बनाया था ताकि हंगामा न खड़ा हो। उन्होंने ये भी लिखा कि भविष्य के लोग उनकी बातों को समझ जाएंगे। भविष्य के लोगों के पास पहला मौका आया, 1789 में। फ्रांस में क्रान्ति की शुरुआत हुई। नोस्ट्राडेमस के फोल्लोवेर्स ने दावा किया कि उन्होंने पहले ही इसकी भविष्यवाणी कर दी थी। क्या लिखा था?
“जब राजकुमार जेलों में कैद होंगे,
तब गुलाम जनता के गीत, गायन और मांगें,
भविष्य में सिरकटे मूर्खों द्वारा,
दैवीय प्रार्थनाओं के रूप में स्वीकार किए जाएंगे।"
फ़्रांस की क्रांति में कुछ ऐसा ही हुआ था। नोस्ट्राडेमस ने 'सिरकटे मूर्ख' का जिक्र किया है। फ़्रांस में गिलेटिन से सर काटने की सजा दी जाती थी। फ़्रांस के राजा लुई और उनकी पत्नी मैरी दोनों को क्रांति के दौरान गिलेटिन की सजा दी गई थी।
फ़्रांस के इतिहास की एक और बढ़ी घटना है, जिसका रिलेशन नोस्ट्राडेमस के लिखे से जोड़ा जाता है। वो लिखते हैं-
"इटली के पास एक सम्राट जन्म लेगा
जो साम्राज्य को बहुत महंगा पड़ेगा।
जब उसके सहयोगी दिखेंगे तब कहा जाएगा
कि वह राजकुमार कम और कसाई ज्यादा है।"
"एक साधारण सैनिक
वह साम्राज्य की महत्वाकांक्षा रखेगा।
छोटे लबादे से
लंबे लबादे की महत्वाकांक्षा रखेगा।"
ये तमाम बातें कुछ कुछ नेपोलियन के उदय से मिलती जुलती हैं। नेपोलियन ने फौज में लेफ्टिनेंट के पद से शुरुआत की थी। और बाद में उन्होंने फ्रेंच रिपब्लिक को ख़त्म कर खुद को राजा घोषित कर दिया था। नोस्ट्राडेमस की कई और चौपाइयां हैं। जो नेपोलियन से जोड़ी जाती हैं। मसलन उन्होंने इटली के पास जन्मे नायक की लड़ाइयों, हार-जीत और उसके अंत में बारे में लिखा है। जो काफी हद तक नेपोलियन की कहानी से मिलता जुलता है।
क्या इसका मतलब है कि नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियां सच हो गई?
इस सवाल के जवाब में कहा जा सकता है कि नजरिए पर निर्भर करता है। सीरियस स्कॉलर्स इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। नोस्ट्राडेमस की बातें रूपक के तौर पर हैं। जिन्हें बहुत सारी घटनाओं पर फिट बिठाया जा सकता है। मसलन उनकी एक चौपाई है-
"सूरज की आग धरती पर गिरेगी,
दो शहर जल कर राख हो जाएंगे,
आकाश से मौत बरसेगी,
और दुनिया कभी पहले जैसी नहीं होगी।"
इस चौपाई को सीधे नागासाकी और हिरोशिमा परमाणु बम विस्फोट से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन ये चौपाई कई हादसों से जोड़ी जा सकती है। सेकेण्ड वर्ल्ड वॉर के दौरान लन्दन म्यूनिक कलकत्ता, इन तमाम शहरों पर बम गिराए गए। चाहे तो इन्हें भी नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणी से जोड़ा जा सकता है।
इस तरह और भी कई चौपाइयां हैं,
एक में वो लिखते हैं,
लन्दन 6 को लोगों खून उबलेगा,
बिजली से जलेगा 23 का 6
अब इस चौपाई में से नोस्ट्राडेमस के फॉलोवर्स का कहना है कि 23 असल में 20, 3 हैं। यानी 3 की संख्या 20 बार। जिसका योग 60 होगा, इसे चौपाई में मेंशन 6 से जोड़ो तो 66 बनता है। इसके बाद एक और 6 है। उसे भी मिला दें तो 666 बन जाता है। अब इस गुणा-भाग के हिसाब से दावा किया जाता है कि नोस्ट्राडेमस ने 1666 में लन्दन में लगी भयानक आग की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी।
कुछ और चर्चित भविष्याणियों के बारे में सुनिए।
"भूखे जानवर नदियों को पार करेंगे,
एक बड़ा हिस्सा हिस्टर के विरुद्ध होगा,
जब जर्मन बच्चे कुछ नहीं देखेंगे।
एक महान शख्स लोहे के पिंजरे में खींचा जाएगा"
इस चौपाई में जो हिस्टर शब्द है उसे हिटलर के उदय से जोड़कर माना जाता है कि ये हिटलर के उदय की भविष्यवाणी थी। असल में जर्मनी से बहने वाली एक नदी है - डैन्यूब। इसके आसपास का इलाका हिस्टर कहलाता था। दिलचस्प बात ये कि हिटलर का जन्म इसी नदी के किनारे हुआ था।
अगली बड़ी घटना जिसे नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणी से जोड़ा गया वह थी अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन ऍफ़ केनेडी की हत्या। साल 1963, 22 नवंबर का दिन। अमेरिका के डैलस शहर में केनेडी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब वह एक ओपन कार से ट्रैवल कर रहे थे।
नोस्ट्राडेमस की एक चौपाई कहती है
"बड़ा आदमी बिजली की गति से गिरेगा,
दिन के उजाले में, खुले मैदान में,
बहन का भाई गिरेगा लाल में,
दो भाई जब एक रास्ते पर मिलेंगे।"
नोस्ट्रॉमेड्स के फॉलोवर मानते हैं कि बड़े आदमी का मतलब जॉन ऍफ़ केनेडी है। लास्ट लाइन कहती है दोनों भाई एक रस्ते में मिलेंगे। जॉन ऍफ़ केनेडी के भाई रोबर्ट केनेडी की भी 1968 में हत्या कर दी गई थी। हालिया समय की बात करें तो पिछले कुछ सालों में हुई कई घटनाओं को लेकर नोस्ट्राडेमस का सन्दर्भ जोड़ा गया है।
"राजसिंहासन पर सबसे लंबे समय तक बैठी रानी,
आखिरी दिनों में स्कॉटलैंड की धरती पर,
जब नया राजा आएगा पुराने विचारों के साथ,
तब साम्राज्य में बदलाव की लहर आएगी।"
इस चौपाई को ब्रिटेन की रानी एलिज़ाबेथ की मौत से जोड़ा जाता है। चौपाई में स्कॉटलैंड का जिक्र है। महारानी की मृत्यु स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल में हुई थी।
2025 में क्या होगा?
नोस्ट्राडेमस के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अगले हजार साल की बातें पहले ही बता दी हैं। 9/11 से लेकर कोविड तक, दुनिया में जब भी कोई बड़ी घटना होती है। नोस्ट्राडेमस की कोई न कोई चौपाई ढूंढकर बाद में इंटरनेट पर चेप दी जाती है। ‘बाद में’ कीवर्ड है। अंग्रेज़ी में इस फिनोमेना को कहते हैं, "retrospective clairvoyance"। सुबह सुबह आज मैं अपने रोजाना वाले रस्ते को छोड़ कर दूसरे रास्ते से आया। बाद में पता चला कि रोज़ वाले रास्ते पर ट्रैफिक था। बाद में मैं कह सकता हूं कि मुझे ट्रैफिक का आभास पहले ही हो गया था। इसे "retrospective clairvoyance"कहते हैं। यानी घटना के बाद चीजों को फिट करने की कोशिश करना। नोस्ट्राडेमस के केस में तमाम भविष्यवणीयों को घटना के बाद फिट किया गया है।
एक उदाहरण से एक उदाहरण से समझिए। अगर कोई कहे "पूरब से एक बड़ी शक्ति उभरेगी", तो इसे कई देशों पर लागू किया जा सकता है। चीन हो या जापान, भारत हो या कोरिया - किसी भी देश के उभरने पर कहा जा सकता है कि भविष्यवाणी सच हो गई।
भविष्यवाणियों के इस खेल में इंटरनेट का भी एक बड़ा रोल है।
11 सितंबर 2001 की सुबह। न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें धूल में मिल गईं। घटना के कुछ ही दिनों बाद, इंटरनेट पर एक ईमेल वायरल हुआ। इसमें लिखा था कि नोस्ट्राडेमस ने इस हमले की भविष्यवाणी कर दी थी। ईमेल में एक चौपाई थी:
"ईश्वर के नगर में एक महान गड़गड़ाहट होगी,
दो भाई अराजकता से दोफाड़ हो जाएंगे,
किला टिका रहेगा लेकिन महान नेता झुक जाएगा"
लोगों ने इसकी व्याख्या की - 'दो भाई' का मतलब जुड़वां टावर, 'किला' पेंटागन और 'बड़ा शहर' न्यूयॉर्क। इस चौपाई के जरिए एक बार फिर दावा किया गया। देखो नोस्ट्राडेमस ने सटीक भविष्यवाणी की थी। असलियत क्या थी?
ये सच है कि ये चौपाई 9/11 से पहले लिखी गई लेकिन नोस्ट्राडेमस ने नहीं, कनाडा के एक स्टूडेंट, नील मार्शल ने अपने रिसर्च पेपर में इसे लिखा था। इस पेपर में वह दिखाना चाहता था कि vague सी बातों के कुछ भी मतलब निकाल कर उन्हें भविष्यवाणियों से जोड़ा जा सकता है।
नोस्ट्राडेमस ने अपनी भविष्य वाणियों में कई जगह एक रहस्यमय व्यक्ति 'मबस' (mabus) का जिक्र किया है , जो कथित तौर पर एक विश्व युद्ध शुरू करेगा। इस नाम को लेकर भी कई किंवदंतियां चलीं। इस नाम को उल्टा-पुल्टा कर ओबामा, ओसामा, बुश, तमाम लोगों से जोड़ा गया। साल 2020 में एक अफवाह फैली कि नोस्ट्राडेमस ने कोविड-19 महामारी की भी भविष्यवाणी की थी। एक कथित चौपाई इंटरनेट पर वायरल हुई, जिसमें पूरब से एक महामारी के इटली तक फैलने की बात थी लेकिन जांच में पता चला कि ऐसी कोई चौपाई "द सेंचुरीज" में मौजूद ही नहीं है।
इसी तरह एक दूसरी अफवाह फैली कि नोस्ट्राडेमस ने कहा था कि "महामारी के बाद एक कमजोर आदमी जेजेबेल के साथ पश्चिमी दुनिया पर राज करेगा।" अमेरिकी लोगों ने अपनी राजनीतिक विचारधारा के अनुसार इसे डोनाल्ड ट्रम्प या जो बाइडेन से जोड़ा लेकिन यह भी एक मनगढ़ंत भविष्यवाणी निकली।
नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियों की असलियत क्या है?
दिलचस्प बात यही है। पहेलियों और संकेतों को जोड़कर आप कुछ भी सच मान सकते हैं। यहां तक की भविष्य बता भी सकते हैं। किसी का हाथ देखकर कहिए, “आपका मन चंचल है”। “आप मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन फल नहीं मिलता”। ये सुनकर सामने वाला तुरंत कहेगा, एकदम ठीक क्योंकि ये बातें दुनिया के तमाम लोगों पर लागू होती हैं। नोस्ट्राडेमस की चौपाइयां हजारों की संख्या में है। किसी भी घटना पर इन्हें फिक्स किया जा सकता है।
इसका मतलब क्या ये कि भविष्यवाणी नहीं हो सकती?
ईमानदारी से कहा जाए तो क्या पता। ऐसा बहुत कुछ है जो हम नहीं जानते लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि कुछ भी मान लिया जाए। विज्ञान में किसी भी नए बात को जानने के दो तरीके होते हैं। हाइपोथीसिस और थ्योरी।
भविष्यवाणी हो सकती है - ये हाइपोथीसिस है लेकिन ये सिर्फ तभी थियोरी कहलाएगी जब इससे प्रेडिक्टबल रिजल्ट्स पैदा किए जा सकें। मसलन थ्योरी ऑफ ग्रेविटी भी एक थ्योरी है। लेकिन इसके बल पर आप प्रेडिक्ट कर सकते हैं कि पत्थर जमीन पर ही गिरेगा। वो भी एक दो बार नहीं, हर बार।
इसी तरह नोस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियों के जरिए ठीक ठीक बातें बताई जाएं, तो उसे सीरियसली लिया जा सकता है। इस मामले में जरूरी है कि भविष्यवाणी एकदम क्लियर हो। और सिर्फ अपवाद के रूप में नहीं हों। ख़राब घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है। इसलिए नोस्ट्राडेमस की बातों को भविष्यवाणी कहने पहले उनसे ऐसे प्रीडिक्शन करने पड़ेंगे, जिनमें बात एकदम क्लियर हो। वो भी एक दो बार नहीं, बार बार।
क्या नोस्ट्राडेमस ने ऐसी कोई भविष्यवाणियां की हैं। आने वाले वक्त के लिए जिन्हें टेस्ट किया जा सके?
साल 1555 में नोस्ट्राडेमस ने लिखा था - "मेरी भविष्यवाणियां तब तक रहस्य बनी रहेंगी, जब तक वो समय न आ जाए।"
इस लिहाज से बताना मुश्किल है कि 2025 किस घटना का साल है।
रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है। मध्य-पूर्व में हालात बिगड़े हुए हैं। ग्लोबल वार्मिंग, AI का उदय - ये तमाम समसामयिक मुद्दे हैं, जिनसे नोस्ट्राडेमस की कुछ चौपाइयों को जोड़ा जा सकता है।
मसलन एक चौपाई कहती है -
“जब पूरब का राजा पश्चिम की ओर बढ़ेगा, युद्ध की आग यूरोप को घेर लेगी।
पूरब का राजा चाहें तो आप चीन को मान सकते हो।
एक और चौपाई कहती है-
"पूरब से आएगा एक नया राजा,
उसकी मशीनें दुनिया पर राज करेंगी,
लोग उसे देवता मानेंगे,
लेकिन वो विनाश का कारण बनेगा।"
इसे आप AI से जोड़ सकते हो।
एक और चौपाई कहती है:
"समुद्र उबलेगा, आकाश काला होगा,
धरती की सांस रुक जाएगी,
लेकिन एक नया विज्ञान आएगा,
जो धरती को बचा लेगा।"
जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि 2025 ग्लोबल वार्मिंग के लिहाज से एक महत्वपूर्ण साल होगा। तो आप इस चौपाई को भी चाहे तो समसामयिक मान सकते हैं। शुगल करने के लिए ऐसे अंदाज़े लगाने में यूं हर्ज़ नहीं लेकिन दुनिया सिर्फ यूट्यूब तक सीमित नहीं है। आज भी लोग हैं जो चटनियों से भविष्य चमकाने की बातें करते हैं। ऐसी भविष्यवाणियों के बल पर पर्सनालिटी कल्ट तैयार होते हैं, भीड़ इकठ्ठा होती है। भीड़ से मिलती है पॉवर, और पावर का क्या है कि...
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