भारतीय टीम मैनचेस्टर टेस्ट में बैकफुट पर है। इंग्लैंड ने भारत को 358 रन पर समेटने के बाद अपनी पहली पारी में 7 विकेट के नुकसान पर 544 रन बना दिए हैं। मुकाबले के तीसरे दिन (25 जुलाई) स्टंप्स तक कप्तान बेन स्टोक्स (77) और लियाम डॉसन (22) नाबाद लौटे। इंग्लिश टीम 186 रन की बढ़त हासिल कर चुकी है। भारतीय गेंदबाज तीसरे दिन के खेल में भी लय में नहीं दिखे। खासकर टेस्ट डेब्यू कर रहे अंशुल कम्बोज पूरी तरह से फीके नजर आए हैं।
कम्बोज की थी गजब की हाइप
मैनचेस्टर शुरू होने से पहले अंशुल कम्बोज की खूब हाइप बनाई गई थी। टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने कम्बोज की तुलना जहीर खान और जसप्रीत बुमराह से की थी। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था कि कम्बोज प्लान को समझते हैं और मैदान पर इसे अमल में भी लाते हैं। अश्विन और कम्बोज IPL 2025 के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का हिस्सा थे।
अश्विन ने कहा कि ये खूबियां जहीर खान में थी। हालिया समय में उन्होंने बुमराह को ऐसा करते देखा है। अश्विन ने कम्बोज की कलाई की पोजिशन और लंबे स्पेल डालने की क्षमता की भी तारीफ की। अश्विन के अलावा भारतीय टीम मैनेजमेंट से भी कम्बोज को समर्थन मिला। तभी उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट के लिए स्क्वॉड का हिस्सा बनाया गया और उन्हें प्लेइंग-XI में शामिल करने के बाद सीधे नई गेंद थमा दी गई। मगर कम्बोज टेस्ट क्रिकेट के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं नजर आए हैं।
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कम्बोज का पंकज सिंह की तरह हुआ हाल
लंबे कद के तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर साउथैम्पटन में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। इस मुकाबले में इंग्लैंड की दोनों पारियों में वह कोई विकेट नहीं ले पाए थे और 179 रन खर्चे थे। उनके बाद से कोई भारतीय गेंदबाज अपने डेब्यू मैच में कम्बोज की तरह असहाय नहीं दिखा है। कम्बोज के दिन के पहले स्पेल में जो रूट और ओली पोप ने बिना किसी परेशानी के रन बटोरे।
जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने तीसरे दिन के अपने शुरुआती स्पेल में रूट और पोप की कड़ी परीक्षा ली थी। भारत को मुकाबले में वापसी करने के लिए बाकी गेंदबाजों से भी ऐसी ही एफर्ट की जरूरत थी लेकिन कम्बोज दबाव बरकरार नहीं रख सके और इंग्लैंड की टीम अपनी पकड़ मजबूत करती चली गई।
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तीसरे दिन गिरी कम्बोज की स्पीड
अंशुल कम्बोज ने मुकाबले के दूसरे दिन औसतन 128.26 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली थी लेकिन तीसरे दिन उनकी गति में गिरावट आ गई। कम्बोज ने 125.34 किमी प्रति घंटे की औसत गति से गेंदबाजी की। उनके सामने रूट ने चलकर शॉट खेले। मजबूरन विकेटकीपर ध्रुव जुरेल को ऊपर लाना पड़ा, जबकि कम्बोज ने IPL में अपनी 55 फीसदी गेंदें 135 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की गति से की थी। कम्बोज अपने डेब्यू मैच में अब तक 18 ओवर में 89 रन देकर 1 ही विकेट ले पाए हैं। ये आंकड़े जितने निराशाजनक हैं, उससे ज्यादा उनकी गेंदबाजी रही है।