4 साल के वनवास के बाद एशिया कप की 1995 में वापसी हुई थी। टूर्नामेंट का आयोजन शारजाह में हुआ, जहां 11 साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी। इस बार के एशिया कप में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमों ने हिस्सा लिया। पाकिस्तान ने 1990-91 में भारत में खेले गए इस कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट का बहिष्कार किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव के चलते 1993 में होने वाला पाचंवा संस्करण सस्पेंड हो गया था। ऐसे में जब यह टूर्नामेंट 4 साल बाद लौटा तो सबकी नजरें भारत-पाकिस्तान मुकाबले पर थीं।
इस गेंदबाजी की आंधी में उड़ी टीम इंडिया
5 अप्रैल को 1995 को खेले गए उद्घाटन मुकाबले में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने बांग्लादेश को 9 विकेट से रौंद टूर्नामेंट का धांसू अंदाज में आगाज किया। इसके 1 दिन बाद यानी 7 अप्रैल को टीम इंडिया का सामना पाकिस्तान से हुआ। पाक कप्तान मोईन खान ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। इंजमाम उल हक के 88 रन और वसीम अकरम की 46 गेंद में 50 रन की पारी की बदौलत पाकिस्तान ने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 266 रन बनाए। भारत की ओर से अनिल कुंबले और उत्पल चटर्जी ने 2-2 विकेट झटके। जवागल श्रीनाथ और वेंकटेश प्रसाद को भी एक-एक सफलता मिली। 3 पाकिस्तानी खिलाड़ी रन आउट हुए।
267 रन के चुनौतीपूर्ण टारगेट का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकिब जावेद ने 11 रन के स्कोर पर भारतीय सलामी जोड़ी को पवेलियन भेज दिया। आकिब जावेद ने पहले मनोज प्रभारकर (0) को विकेट के पीछे लपकवाया। इसके बाद उन्होंने सचिन तेंदुलकर (4) को भी इसी अंदाज में आउट किया। भारतीय टीम इन झटकों से उबरी भी नहीं थी कि आकिब जावेद ने अजहरुद्दीन और विनोद कांबली को भी चलता कर दिया।
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नवजोत सिंह सिद्धू (54) और संजय मांजरेकर (50) ने अर्धशतकीय पारियां खेलकर भारत की पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। भारत की पूरी टीम 169 रन पर सिमट गई और उसे हाई-वोल्टेज मुकाबले में 97 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा। आकिब जावेद ने 9 ओवर में सिर्फ 19 रन खर्चे और कुल 5 विकेट झटक टीम इंडिया का पुलिंदा बांध दिया। एशिया कप के इतिहास में यह भारत के खिलाफ पाकिस्तान की पहली जीत थी।
श्रीलंका को हराकर बचाया खिताब
टूर्नामेंट राउंड रॉबिन फॉर्मेट में हो रहा था। यानी हर टीम को एक-दूसरे से एक-एक मैच खेलने थे। इसके बाद पॉइंट्स टेबल में टॉप-2 टीमें फाइनल में पहुंचने वाली थी। पाकिस्तान से हार के बाद भारतीय टीम ने अगले मैच में श्रीलंका के खिलाफ जबरदस्त वापसी की और सचिन तेंदुलकर की शतक की मदद से 8 विकेट से आसान जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बना ली। श्रीलंका ने अपने अगले मैच में पाकिस्तान को हराया और उसने भी खिताबी मुकाबले का टिकट कटा लिया।
14 अप्रैल को खेले गए फाइनल में श्रीलंका ने 7 विकेट के नुकसान पर 230 रन का स्कोर खड़ा किया। भारत के टॉप ऑर्डर ने लगातार दूसरे मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया और इस टारगेट को 41.5 ओवर में 2 विकेट खोकर ही हासिल कर लिया। सचिन ने 41 जबकि सिद्धू और अजहरुद्दीन ने क्रमश: 84 और 90 रन की नाबाद पारियां खेलीं, जिसकी बदौलत टीम इंडिया लगातार तीसरी बार एशिया कप चैंपियन बन गई। अजहरुद्दीन लगातार दूसरे फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच रहे।
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फाइनल में भारत की प्लेइंग-XI: मनोज प्रभाकर, सचिन तेंदुलकर, नवजोत सिंह सिद्धू, मोहम्मद अजहरुद्दीन (कप्तान), अजय जडेजा, संजय मांजरेकर, नयन मोंगिया (विकेटकीपर), जवागल श्रीनाथ, अनिल कुंबले, आशीष कपूर, वेंकटेश प्रसाद
1995 एशिया कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज
- सचिन तेंदुलकर (भारत) - 205 रन
- नवजोत सिंह सिद्धू (भारत) - 197 रन
- इंजमाम उल हक (पाकिस्तान) - 190 रन
- सनत जयसूर्या (श्रीलंका) - 134 रन
- मनोज प्रभाकर (भारत) - 122 रन
1995 एशिया कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
- अनिल कुंबले (भारत) - 7 विकेट
- वेंकटेश प्रसाद (भारत) - 6 विकेट
- आकिब जावेद (पाकिस्तान) - 5 विकेट
- सैफुल इस्लाम (बांग्लादेश) - 5 विकेट
- मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) - 5 विकेट
एशिया कप के इन संस्करणों में चैंपयिन बना है भारत
- 1984
- 1988
- 1990/91
- 1995
- 2010
- 2016
- 2018
- 2023