फैमिली से लेकर एड शूट तक... खिलाड़ियों पर सख्ती के लिए BCCI के 10 नियम
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद बीसीसीआई ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए 10 सख्त नियम बनाए हैं। नियमों का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

हेड कोच गौतम गंभीर और जसप्रीत बुमराह। (Photo Credit: BCCI/X)
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया की 3-1 से हार के बाद BCCI ने 10 सख्त नियम बनाए हैं। टीम में अनुशासन और एकजुटता बनाए रखने के लिए 16 जनवरी को नई गाइडलाइन जारी की गई। ऑस्ट्रेलिया दौरे भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम से अनबन की खबरें सामने आई थीं। बीसीसीआई ने स्टार कल्चर पर भी शिकंजा कसा है। अब से सभी खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया गया है। पर्सनल स्टाफ की मौजूदगी पर पाबंदी के अलावा सीरीज के बीच एड शूड पर भी बैन लगाया है।
बीसीसीआई के ये हैं 10 सख्त नियम
- 1. घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य
भारतीय टीम के खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में खेलना होगा। अगर कोई खिलाड़ी किसी कारणवश घरेलू क्रिकेट के लिए उपलब्ध नहीं रहता है तो इसकी जानकारी बीसीसीआई को देनी होगी। साथ ही सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन से अनुमति लेनी होगी। अब से टीम इंडिया का सेलेक्शन घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
- 2. फैमिली साथ नहीं करेगी सफर
खिलाड़ी अब फैमिली के साथ सफर नहीं कर पाएंगे। विदेशी दौरों पर यह नियम ज्यादा सख्ती से लागू होगा। 45 दिन से कम के दौरे के लिए खिलाड़ियों की फैमिली 7 दिन साथ रह सकेगी। अगर किसी खिलाड़ी को फैमिली के साथ या अलग से यात्रा करनी है, तो हेड कोच और सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से अनुमति लेनी होगी।
- 3. ज्यादा समान ले जाने पर पाबंदी
खिलाड़ी अब दौरों पर तय सीम तक ही समान ले जा पाएंगे। अगर खिलाड़ी के सामान का वजन ज्यादा है, तो इसका खर्च उन्हें खुद उठाना होगा। बीसीसीआई ने लगेज पॉलिसी अलग से जारी की है।
लंबे दौरे (30 दिनों से अधिक) के लिए: खिलाड़ी - 5 पीस (3 सूटकेस+2 किट बैग) या 150 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ - 2 पीस (2 बड़े+1 छोटे सूटकेस) या 80 किलोग्राम तक।
छोटे दौरे (30 दिनों से कम) के लिए: खिलाड़ी - 4 पीस (2 सूटकेस+2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ - 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक।
होम सीरीज के लिए: खिलाड़ी - 4 पीस (2 सूटकेस+2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ - 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक।
- 4. पर्सलन स्टाफ पर पाबंदी
किसी दौरे या सीरीज में टीम का कोई भी सदस्य अपने साथ किसी पर्सनल स्टाफ (जैसे - पर्सनल मैनेजर, शेफ, असिस्टेंट्स और सिक्योरिटी) को नहीं रखेगा। जब तक कि इसके लिए बीसीसीआई से इजाजत न मिल जाए।
- 5. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के नियम बदले
खिलाड़ियों को बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एक्सीलेंस (CAC) में सामान या व्यक्तिगत चीजें भेजने के लिए टीम मैनेजमेंट से बात करनी होगी। अगर कोई खिलाड़ी सीएसी में उपलब्ध व्यवस्थाओं के अलावा कुछ सुविधा चाहता है तो उसका खर्च उसे खुद उठाना होगा।
- 6. प्रैक्टिस सेशन में छूट नहीं
प्रैक्टिस सेशन में किसी भी खिलाड़ी को छूट नहीं मिलेगी। जल्दी प्रैक्टिस सेशन छोड़ने पर पाबंदी है। सीरीज या टूर्नामेंट के दौरान टीम बस में स्टेडियम पहुंचना होगा।
- 7. सीरीज के दौरान एड शूट पर बैन
खिलाड़ियों को सीरीज और टूर के दौरान पर्सनल फोटोशूट या एड शूट की इजाजत नहीं होगी।
- 8. फैमिली को ज्यादा समय तक साथ रखने पर उठाने होंगे खर्च
विदेशी दौरे पर अगर कोई खिलाड़ी भारतायी टीम के साथ 45 दिन तक रहता है, तो उसकी पत्नी और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा एक सीरीज में 2 हफ्ते के लिए उसके साथ रह सकते हैं। बोर्ड उनके रहने का खर्च उठाएगा लेकिन बाकी सारा खर्च खिलाड़ी को उठाना होगा।
कोच और कप्तान और जीएम ऑपरेशन की अनुमति के बाद फैमिली एक ही बार खिलाड़ी के पास आएगी। अगर 14 दिन के बीच में वे जाते हैं तो उन्हें दोबारा आने की अनुमति नहीं होगी। इस पॉलिसी में छूट के लिए कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशन को पहले बताना होगा और स्वीकृति लेनी होगी। 14 दिन का समय सीमा खत्म होने के बाद खर्च खिलाड़ी खुद उठाएगा।
- 9. BCCI के शूट और फंक्शन में लेना होगा हिस्सा
BCCI के ऑफिशियल शूट, प्रमोशन और अन्य किसी भी तरह के प्रोग्राम में हर खिलाड़ी को हिस्सा लेना होगा। खेल को बढ़ावा देने और स्टेकहोल्डर्स के साथ बीसीसीआई के कमिंटमेंट्स को पूरा करने के लिए यह जरूरी है।
- 10. सीरीज के जल्दी समाप्ति के बाद भी नहीं मिलेगी छूटी
हर खिलाड़ी को दौरे के खत्म होने तक टीम के साथ रहना होगा। सीरीज अगर समय से पहले खत्म हो गई तब भी जल्दी छुट्टी नहीं मिलेगी। यह फैसला टीम बॉन्डिंग के लिए लिया गया है।
बोर्ड ने सभी नियमों के सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसमें किसी भी एक्सेप्शन या बदलाव को सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन और हेड कोच से पहले से अप्रूवल चाहिए।
नियमों का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। अगर कोई खिलाड़ी नियम तोड़ता है तो बीसीसीआई उसे इंटरनेशनल मैचों के अलावा IPL में भी नहीं खेलने देगा। साथ ही बोर्ड खिलाड़ियों की सैलरी और उनका कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर सकता है।
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