भारत की स्टार शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख जॉर्जिया के बटुमी में हुए फिडे महिला विश्व कप के फाइनल में अनुभवी कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराकर चैंपियन बन गईं। इस जीत के साथ ही दिव्या ग्रैंडमास्टर बनने वाली भारत की चौथी महिला खिलाड़ी भी बन गई हैं। इस मैच में हारने वाली कोनेरू हम्पी भी ग्रैंडमास्टर रह चुकी हैं और वह भारत की अनुभवी शतरंज खिलाड़ी हैं।
दिव्या के लिए यह उपल्ब्धि बहुत बड़ी है क्योंकि कोनेरू हम्पी ग्रैंडमास्टर बनने वाली भारत की पहली महिला हैं। साथ ही वह 19 साल की दिव्या से उम्र में दोगुनी हैं।
मैच में पहला गेम ड्रॉ रहा
सोमवार को हुए फाइनल मैच में पहला गेम ड्रॉ रहा था। इसके बाद, हम्पी की गलती की वजह से दिव्या ने दूसरा टाईब्रेक गेम जीत लिया। जीत के तुरंत बाद भावुक दिव्या ने कहा, 'यह किस्मत थी। टूर्नामेंट से पहले मैं सोच रही थी कि शायद मैं यहां ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर लूं। आखिरकार, मैं ग्रैंडमास्टर बन गई।'
15वीं सीड के साथ इस टूर्नामेंच में आने वाली दिव्या के लिए ये सफर किसी सुनहरी याद से कम नहीं रहा है। उन्होंने इस दौरान विश्व की दिग्गज खिलाड़ियों से मुकाबला किया और उन्हें हराया। इस दौरान उन्होंने परिरक्वता, दिमागी मुस्तैदी और अपनी शानदार तैयारी का परिचय देते हुए खिताब अपने नाम किया।
नितिन नारंग ने दिव्या को दी बधाई
दिव्या देशमुख की जीत के बाद चेस फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नितिन नारंग ने बधाई दी है। उन्होंने कहा कि युवा और निडर दिव्या देशमुख ने अनुभव पर जीत हासिल की है और उन्होंने दिग्गज कोनेरू हम्पी को हराकर महिला विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है।
नितिन नारंग ने एक्स पर लिखा, 'दिव्या को इस शानदार उपलब्धि के लिए और हम्पी को उनकी शालीनता, दृढ़ता और जुझारूपन के लिए हार्दिक बधाई। भारतीय शतरंज के लिए एक गौरवशाली और ऐतिहासिक दिन। भारत को विश्व मंच पर चमकाने के लिए आप दोनों का धन्यवाद। असली विजेता तो भारतीय शतरंज है!'