पर्थ में बड़ी जीत के बाद एडिलेड पहुंची भारतीय टीम के लिए पिंक बॉल टेस्ट का पहला दो दिन बेहद खराब गुजरा है। 6 दिसंबर से शुरू हुए इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया महज 180 पर सिमट गई थी। स्टंप्स तक ऑस्ट्रेलिया ने एक विकेट के नुकसान पर 86 रन बना लिए और पहले ही दिन मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। दूसरे दिन यानी आज रोहित शर्मा ब्रिगेड से जोरदार पलटवार की उम्मीद की जा रही थी, मगर दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम भी पूरी तरह से तैयार थी।
ट्रेविस हेड के ताबड़तोड़ शतक की मदद से कंगारू टीम ने अपनी पहली पारी में स्कोरबोर्ड पर 337 रन टांग दिए। मार्नस लाबुशेन ने जहां भारतीय गेंदबाजों को थकाया तो हेड ने चौतरफा धुनाई की। लाबुशेन ने फॉर्म में वापसी करते हुए बेहतरीन 64 पर बनाए। हेड ने 141 गेंद में 140 रन की यादागार पारी खेली। जिससे ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी के आधार पर 157 रन की अहम बढ़त हासिल की।
बल्लेबाज जिम्मेदार, गेंदबाजी में भी हुई चूक
अब भारतीय बल्लेबाजों पर दोहरा दबाव था। एक तो उन्हें बढ़त उतारनी थी, इसके अलावा दूधिया रोशनी में ऑस्ट्रेलियाई पेसर्स के खतरे को भी झेलना था। इस कड़ी परीक्षा में सभी धुरंधर फ्लॉप साबित हुए और टीम इंडिया 128 रन पर 5 विकेट खोकर हार के कगार पर पहुंच गई है। ऋषभ पंत (25) और नीतीश कुमार रेड्ड (15) के रूप में आखिरी विशेषज्ञ बल्लेबाजों की जोड़ी क्रीज पर है। जिसे देखते हुए इस मुकाबले में भारत का कमबैक अब नामुमकिन लग रहा है। इस हालत में पहुंचने के जिम्मेदार बल्लेबाज तो हैं ही, गेंदबाजी में भी बड़ी चूक हुई है।
एडिलेड टेस्ट के पहले दिन भारत के जल्दी ऑलआउट होने के चलते ऑस्ट्रेलियाई टीम को दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करनी थी। पिंक बॉल टेस्ट में दिन के मुकाबले रात में बैटिंग मुश्किल मानी जाती है। मगर भारतीय तेज गेंदबाज परिस्थितियों का फायदा उठाने में नाकाम रहे। उन्होंने गेंद को ज्यादा स्विंग और सीम होने का मौका दिया। सिर्फ 4.6 प्रतिशत गेंदें ही स्टंप्स को हिट कर रही थी, जिस वजह से उन्होंने फ्लड लाइट जलने के बाद 71 रन देकर सिर्फ एक विकेट लिया। वहीं ऑस्ट्रेलिया के पेसर्स ने आज अंडर लाइट्स 11.6 प्रतिशत गेंदें स्टंप में की और उन्होंने 119 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। ये आंकड़े बताते हैं कि भारतीय टीम मैच में कहां पिछड़ी।