दुनियाभर के तमाम देश हर चौथे साल होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारी करते हैं। इसे दुनिया के सबसे बड़े खेल टूर्नामेंट के तौर पर देखा जाता है। सैकड़ों साल से खेले जा रहे इन खेलों का इतिहास भी काफी रोचक रहा है। 1896 में आधुनिक ओलंपिक खेलों के शुरू होने से पहले जो खेल खेले गए थे उनका प्रारूप और उनकी दुनिया पूरी तरह से अलग ही थी। न तो तब इस तरह से पदक दिए जाते थे और न ही तब इस तरह के खेल हुआ करते थे। तब सिर्फ महिलाओं को ही ओलंपिक में खेलने का मौका मिलता था, उसमें भी कई तरह की पाबंदियां पुरुषों पर भी लगी होती थीं।
पहली बार ओलंपिक खेल 776 ईसा पूर्व में गर्मी के मौसम में आयोजित किए गए थे। ग्रीस के दक्षिणी हिस्से में बसे ओलंपिया में इन खेलों का आयोजन किया। ग्रीस के मशहूर देवताओं के राजा कहे जाने वाले Zeus की मूर्तियां उसी समय बनाई गईं। उस वक्त इस खेल में हिस्सा लेने आने वाले खिलाड़ी ज्यूस के आगे प्रार्थना करते और अपनी जीत की कामना करते थे। उस वक्त कुछ ऐसे खेल खेले जाते थे जिनके चलते ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी बिना कपड़ों के ही इसमें शामिल होते थे। कई खेल बेहद क्रूर होते थे और सामने वाले खिलाड़ी के मर जाने के बाद ही विजेता घोषित होता था।
कैसे शुरू हुए ओलंपिक गेम्स?
तब अलग-अलग गुटों में बंटे लोगों को एकसाथ लाने के लिए इन गेम्स की शुरुआत की गई थी। तब के हेलेनिक्स (ग्रीस के लोगों) को साथ लाने के लिए शुरू हुआ यह खेल धीरे-धीरे पैनहेलेनिक हो गया यानी सब इसमें शामिल होने लगे। इन गेम्स में न तो महिलाएं खेल सकती थीं और न ही अविवाहित लड़कियों को दर्शक के रूप में शामिल किया जाता था। उस वक्त के गुलामों को भी ओलंपिक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती थी।
लंबे समय तक इसी तरह के ओलंपिक खेल खेले जा रहे थे। हालांकि, 393 ईसवी में जब रोम न ग्रीस पर कब्जा किया तो इन खेलों को प्रतिबंधित कर दिया गया। आखिरकार साल 1896 में आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत हुई और तब से ये खेल लगातार जारी हैं और हर साल इसमें कई बदलाव भी किए जा रहे हैं।