भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) का दूसरा टेस्ट एडिलेड ओवल मैदान पर खेला गया। यह डे-नाइट टेस्ट था, जो पिंक बॉल से खेला गया। इस मुकाबले के तीसरे दिन (8 दिसंबर) भारत को 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया को 19 रन का टारगेट मिला था, जिसे उसने 3.2 ओवर में बगैर किसी नुकसान के हासिल कर लिया। इसके साथ ही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई है। पर्थ में 295 रन से विशाल जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम आखिर पिंक बॉल टेस्ट में चारों खाने चित्त कैसे हो गई? एक नजर डालते हैं 5 बड़े कारण पर -
पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाई भारतीय टीम
ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला काफी कारगर साबित होता है। कप्तान रोहित शर्मा ने भी यही किया, लेकिन, भारतीय टीम पहली पारी में बोर्ड पर बड़ा स्कोर नहीं लगा पाई। मिचेल स्टार्क (6 विकेट) की कहर बरपाती गेंदबाजी के सामने टीम इंडिया 44.1 ओवर में सिर्फ 180 रन पर ही सिमट गई। इस कारण ऑस्ट्रेलिया पर दबाव नहीं बनाया जा सका।
कोहली-रोहित का फ्लॉप शो
पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में शतक जड़कर विराट कोहली ने फॉर्म में वापसी के संकेत दिए थे, लेकिन एडिलेड में वह कोई कमाल नहीं कर सके। उन्होंने पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में 11 रन बनाए। कोहली ने इससे पहले एडिलेड ओवल मैदान पर 4 टेस्ट मैचों में 63.62 की औसत से 509 रन बनाए थे। दूसरी ओर पैटरनिटी लीव से लौटे रोहित शर्मा दोनों पारियों में डबल डिजिट स्कोर में नहीं पहुंच सके।
बुमराह को नहीं मिला साथ
जसप्रीत बुमराह के अलावा कोई दूसरा भारतीय गेंदबाज एडिलेड में प्रभाव डालने में नाकाम रहा। सिराज ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान 4 विकेट जरूर लिए थे, लेकिन इसमें से दो मिचेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड के थे। हर्षित राणा ने 16 ओवर में 5.37 की इकॉनमी से 86 रन लुटाए। वहीं प्लेइंग-XI में वापसी करने वाले ऑफ स्पिनर आर अश्विन एक ही विकेट झटक पाए।
दूधिया रोशनी में पिंक बॉल से प्रभावहीन गेंदबाजी
एडिलेड टेस्ट के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया को दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करनी थी। पिंक बॉल टेस्ट में दिन के मुकाबले रात में बैटिंग मुश्किल हो जाती है। मगर भारतीय तेज गेंदबाज परिस्थितियों का फायदा नहीं उठा सके। उन्होंने गेंद को ज्यादा स्विंग और सीम होने का मौका दिया। सिर्फ 4.6 प्रतिशत गेंदें ही स्टंप्स को हिट कर रही थी, जिस वजह से उन्होंने फ्लड लाइट जलने के बाद 71 रन देकर सिर्फ एक विकेट लिया। वहीं ऑस्ट्रेलिया के पेसर्स ने भारत की दूसरी पारी के दौरान अंडर लाइट्स 11.6 प्रतिशत गेंदें स्टंप में की और उन्होंने 119 रन देकर 5 विकेट हासिल किए।
ट्रेविस हेड को जमने का मौका दिया
जसप्रीत बुमराह ने इस मुकाबले दूसरे दिन (7 दिसंबर) की शुरुआत में नाथन मैक्सवीनी और स्टीव स्मिथ को आउट कर भारत की वापसी करवा दी थी। 103/3 के स्कोर पर ट्रेविस हेड क्रीज पर उतरे। उनके आते ही बुमराह को आक्रमण से हटा दिया गया, जबकि भारतीय गेंदबाजी के अगुवा ने 4 ही ओवर डाले थे। हेड की कमजोरी शॉर्ट पिच गेंदें हैं, लेकिन भारतीय टीम ने इसे भी अप्लाई करने में देरी की। वह जब 13 गेंदों का सामना कर चुके थे, तब उन्हें पहली बार शॉर्ट पिच गेंदबाजी की गई। हेड को जमने का मौका दिया गया और उन्होंने 140 रन की पारी खेलकर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया।