एडिलेड ओवल मैदान पर खेले जा रहे पिंक बॉल टेस्ट के पहले ही दिन भारतीय टीम बैकफुट पर चली गई है। ऑस्ट्रेलिया ने उसे 180 रन पर ढेर करने के बाद स्टंप्स तक 1 विकेट नुकसान पर 86 रन बना लिए हैं। कंगारू टीम अब भारत के स्कोर से सिर्फ 94 रन पीछे है और उनके पास 9 विकेट बचे हुए हैं। वे दूसरे दिन (शनिवार) अपने स्कोर में कम से कम 200 प्लस रन का इजाफा कर भारत पर दबाव डालने की कोशिश करेंगे। दूसरी ओर टीम इंडिया पर्थ टेस्ट जैसी वापसी करना चाहेगी। जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारत ने पर्थ टेस्ट की पहली पारी में 150 पर सिमटने के बावजूद 295 रन के विशाल अंतर से जीत दर्ज की थी।
ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट जीतने का क्या है फॉर्मूला?
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर डे-नाइट टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय काफी कारगर साबित होता है। ऑस्ट्रेलिया ने इस रणनीति को अपनाकर अपना दबदबा कायम किया हुआ है। टीम ने घरेलू सरजमीं पर पिंक-बॉल टेस्ट में अब तक 7 मैचों में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी है और सभी में जीत हासिल की है। इनमें से 6 मैचों में उन्होंने पहली पारी 400 प्लस स्कोर बनाए हैं।
वेस्टइंडीज ने इसी फॉर्मूले को अपनाकर जनवरी में पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का विजयरथ रोका था। कैरेबियाई टीम ने सिक्का उछलने के बाद पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पहली पारी में 311 रन बना डाले। इसके बाद उन्होंने 8 रन से जीत दर्ज की।
टीम इंडिया से हो गई चूक
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने जब टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया तो उम्मीद की जा रही थी कि स्कोरबोर्ड पर बड़े रन लगेंगे। लेकिन टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। यशस्वी जायसवाल पहली ही गेंद पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद केएल राहुल (37) और शुभमन गिल (31) के बीच 69 रन की पार्टनरशिप हुई। गिल-राहुल की जोड़ी टूटते ही भारतीय पारी बिखरनी शुरू हो गई। नीतीश कुमार रेड्डी ने अंत में कुछ बड़े शॉट लगाकर भारत को 200 के करीब पहुंचाया। हालांकि बोर्ड पर ये उतने रन नहीं थे, जिनसे ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाया जा सके।
पहले बल्लेबाजी का फायदा उठाने में भारतीय टीम असफल रही। अब वो ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को जल्दी समेट मैच में वापसी करने की कोशिश करेगी।
बता दें कि टीम इंडिया ने जब ऑस्ट्रेलिया में पिछला डे-नाइट टेस्ट खेला था, तब उसमें भी पहले बैटिंग की थी। एडिलेड के मैदान पर ही खेले गए उस मुकाबले में भारत ने पहली पारी के आधार पर बढ़त हासिल की थी, लेकिन दूसरी पारी में 36 रन पर सिमट गई, जिससे उसे शर्मनाक हार का सामना करना करना पड़ा। यह एकमात्र मौका है जब किसी टीम को ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट में पहली पारी के आधार पर बढ़त बनाने के बावजूद हार का मुंह देखना पड़ा।