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इंग्लैंड में जीतने के लिए कुलदीप यादव को उतारेंगे गिल-गंभीर?

भारतीय टीम 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे चल रही है। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव को प्लेइंग-XI में शामिल करने की मांग की जा रही है। एजबेस्टन में कुलदीप को उतारना टीम इंडिया के लिए कितना अहम होगा?

Kuldeep Yadav Test

कुलदीप यादव। (Photo Credit: BCCI/X)

भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड दौरे की शुरुआत निराशाजनक रही। टीम इंडिया को लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर सभी भारतीय गेंदबाज बेअसर रहे। मोहम्मद सिराज ने टुकड़ों में अच्छी गेंदबाजी की, जबकि तीसरे सीमर के रूप में उतरे प्रसिद्ध कृष्णा पूरे मैच में लाइन और लेंथ तलाशते रहे।

 

शार्दुल ठाकुर बल्ले और गेंद दोनों से फेल रहे। वहीं सीनियर स्पिनर रवींद्र जडेजा ने लीड्स में 47 ओवर डाले और उनके खाते में सिर्फ एक विकेट रहा। सीरीज में 0-1 से पिछड़ रही भारतीय टीम को 2 जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के बिना उतरना पड़ सकता है। बुमराह को आराम दिए जाने की संभावना है। ऐसे में सुनील गावस्कर और माइकल क्लार्क जैसे दिग्गजों ने कुलदीप यादव को प्लेइंग-XI में शामिल करने की सलाह दी है।

 

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इंग्लैंड में कारगर होंगे कुलदीप?

कुलदीप यादव ने 2017 में टीम इंडिया के लिए टेस्ट डेब्यू किया था। उन्हें पिछले 8 साल में सिर्फ 13 टेस्ट खेलने का मौका मिला है, जिसमें उन्होंने 22.16 की प्रभावशाली औसत से 56 विकेट झटके हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो कुलदीप बैटिंग फ्रेंडली पिचों पर भी कारगर साबित हो सकते हैं। बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप पाटा विकेट पर भी गेंद को टर्न कराने की क्षमता रखते हैं। कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 5 विकेट हॉल लिया हुआ है।

 

लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर थोड़ी बहुत टर्न थी, जहां कुलदीप जैसे स्पिनर अबूझ पहेली साबित हो सकते थे। दूसरा टेस्ट बर्मिंघम के एजबेस्टन में होना है। यहां की पिच भी कुछ हद तक हेडिंग्ले जैसी ही होगी। यही वजह है कि शार्दुल ठाकुर की जगह कुलदीप को मौका दिए जाने की चर्चा है। दूसरा पहलू ये भी है कि इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए कुलदीप को पढ़ना आसान नहीं होगा। 30 साल के कुलदीप ने इसी इंग्लैंड के खिलाफ पिछले साल घरेलू सीरीज में 4 टेस्ट मैचों में 19 विकेट झटके थे। अब यह देखना अहम होगा कि कप्तान शुभमन गिल और हेड कोच गौतम गंभीर उन पर भरोसा जताते हैं या नहीं। 

 

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कुलदीप की बैटिंग में भी हुआ है सुधार

शार्दुल ठाकुर की बल्लेबाजी क्षमता के चलते ही उन्हें लीड्स टेस्ट में मौका मिला था। हालांकि वह बल्ले से कुछ खास नहीं कर सके। उन्होंने पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में 4 रन बनाए थे। दूसरी ओर कुलदीप का बल्ले से हालिया टेस्ट रिकॉर्ड अच्छा है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव टेस्ट में अपने करियर की बेस्ट पारी खेली थी। उन्होंने 293 के स्कोर पर 7 विकेट गिरने के बाद 114 गेंद में 40 रन बनाए थे। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ पिछले साल रांची टेस्ट में उन्होंने ध्रुव जुरेल के साथ आठवें विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी कर भारत को मुसीबत से निकाला था।

 

कुलदीप ने इस दौरान 131 गेंद में 28 रन बनाए थे। भले ही वे इन दोनों मौकों पर बड़ी पारियां नहीं खेल सके लेकिन सबसे महत्वपू्र्ण बात है कि उन्होंने 100 से ज्यादा गेंदों का सामना किया। इन सबके इतर कुलदीप इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टीम के बेस्ट 4 गेंदबाजों में शामिल हैं।

 

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अनलकी रहे हैं कुलदीप

कुलदीप दो मौकों पर प्लेयर ऑफ द मैच रहने के बावजूद अगले टेस्ट में प्लेइंग-XI से बाहर रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में 13 टेस्ट 9 सीरीज के दौरान खेले हैं। कुलदीप को किसी टेस्ट सीरीज में सिर्फ दो बार एक से ज्यादा मैच खेलने का मौका मिला है। 

 

विदेशी में एक स्पिनर के साथ उतरने की टीम इंडिया की रणनीति के चलते कुलदीप कई मौकों पर प्लेइंग-XI में जगह बनाने से चूकते रहे हैं, जबकि सिडनी में 5 विकेट हॉल लेने के बाद भारतीय टीम के तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने उन्हें घर के बाहर फर्स्ट च्वाइस स्पिनर कहा था। भारतीय सरजमीं की बात करें तो आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की बल्लेबाजी क्षमता की वजह से उन्हें बाहर बैठना पड़ा है।

इंग्लैंड में एक टेस्ट खेल चुके हैं कुलदीप

कुलदीप को 2018 के इंग्लैंड दौरे के दौरान लॉर्ड्स टेस्ट में उतारा गया था। इस मुकाबले में उन्हें 9 ओवर ही डालने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने 44 रन दिए थे और उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी। भारत यह मैच पारी के अंतर से हारा था। इस कारण उन्हें दूसरी पारी में गेंदबाजी का मौका नहीं मिला।

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