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टेस्ट क्रिकेट में रिप्लेसमेंट बॉल कहां से आती है? पूरी प्रक्रिया समझिए

टेस्ट क्रिकेट में जब कोई गेंद खेलने लायक नहीं रह जाती है तो उसे अंपयार 'बॉल लाइब्रेरी' में से किसी एक से गेंद से रिप्लेस करते हैं। 'बॉल लाइब्रेरी' में गेंद कहां से आती है? इसकी पूरी प्रक्रिया समझिए।

Umpire Ball Change

लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान गेज से गेंद की शेप चेक करते फील्ड अंपायर सैकत शरफुद्दौला। (Photo Credit: PTI)

भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज अब तक ब्लॉकबस्टर रही है। पहले टेस्ट इंग्लैंड ने जीता तो दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने बाजी मारी और धांसू वापसी की। इसके बाद मेजबान टीम ने लॉर्ड्स टेस्ट जीतकर सीरीज में 2-1 बढ़त हासिल कर ली है। अब तक हुए तीनों मुकाबले बेहद रोमांचक रहे हैं लेकिन गेंद की क्वालिटी ने थोड़ा मजा जरूर किरकिरा किया है।

 

इंग्लैंड में होने वाले टेस्ट मैचों में ड्यूक बॉल का इस्तेमाल किया जाता है। मौजूदा सीरीज भी ड्यूक बॉल से खेली जा रही है लेकिन इसकी क्वालिटी उतनी सही नहीं है। गेंद जल्दी सॉफ्ट हो जा रही है और शेप खराब होने के चलते उसे बार-बार गेंद बदलने की नौबत आ रही है। आपने देखा होगा कि अंपायर 'बॉल लाइब्रेरी' यानी गेंदों से भरे एक बॉक्स में से एक गेंद चुनकर खिलाड़ियों को देते हैं और फिर खेल शुरू हो पाता है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि इस बॉल लाइब्रेरी में गेंद कहां से आती है और उन्हें कैसे चुना जाता है।

मैच शुरू होने से दो-तीन दिन पहले मिलती हैं गेंदें

रिप्लेसमेंट बॉल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होस्ट एसोसिएशन की होती है। वह टेस्ट मैच शुरू होने से दो-तीन पहले अपने ग्राउंड पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इस्तेमाल की गई गेंदें चौथे अंपायर को देता है। इसे यूं समझिए कि अगर मैच ईडन गार्डंस में है तो बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन रिप्लेसमेंट बॉल उपलब्ध कराएगा। भारत-इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाना है। इस मैच के लिए लंकाशायर रिप्लेसमेंट बॉल देगा।

 

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गेंद को कैसे चुना जाता है?

होस्ट एसोसिएशन से गेंद मिलने के बाद चौथा अंपायर उन्हें गेज से निकालकर जांच करता है। अगर गेंद एक रिंग से निकलती है और दूसरे से नहीं तो वह बॉल लाइब्रेरी में जाने लायक मानी जाती है। जो बॉल दोनों रिंग से निकल जाती है उससे खेल नहीं हो सकता क्योंकि वह नॉर्मल आकार से छोटी है। वहीं जो गेंद दोनों रिंग में से किसी से भी नहीं निकल पाती है वह बहुत बड़ी मानी जाती है और उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है।

बॉल लाइब्रेरी में कितनी गेंदें होती हैं?

ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, रिप्लेसमेट बॉल की संख्या कितनी होनी चाहिए यह निर्भर करता है कि मैच कहां हो रहा है। भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टेस्ट मैचों के लिए आम तौर पर बॉल लाइब्रेरी में 20 गेंदें होती हैं। वहीं कुछ देशों में इसकी संख्या 12 भी रहती है।

 

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रिप्लेसमेंट बॉल कम पड़ गई तो?

इस सिचुएशन में चौथा अंपायर बाकी मैच ऑफिशियल्स, जैसे - फील्ड अंपायर, थर्ड अंपायर और मैच रेफरी से बात करता है और एसोसिएशन से और गेंदें लाने के लिए कहता है। फिर उन्हें भी गेज से जांचा जाता है। अगर मैच के दौरान लगे कि बॉल लाइब्रेरी में गेंदें तेजी से खत्म हो रही हैं तो ऑफिशियल्स टीमों से नेट्स में इस्तेमाल की गई गेंदें देने के लिए कह सकते हैं।

 

चल रही सीरीज के मैचों में इस्तेमाल की गई गेंदें भी काम आ सकती हैं। अगर सीरीज के किसी टेस्ट में कोई पारी 45 ओवर चली हो तो, वह गेंद लाइब्रेरी के लिए चुनी जा सकती है। इसे भी क्वालिटी चेक से पास होना होगा। एक और शर्त ये है कि किसी गेंदबाज ने 5 विकेट हॉल लेने के बाद उसे याद के तौर पर रखने की इच्छा न जताई हो।

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