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पुणे के अनाथालय की 'लैला', जिसने ऑस्ट्रेलिया के लिए जीते 4 वर्ल्ड कप

लिसा स्टालेकर के बायोलॉजिकल मां-बाप ने उन्हें पुणे के अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ दिया था। यहीं पर उन्हें लैला नाम मिला था। विदेशी कपल ने गोद लिया तो वह कई देशों से होते हुए ऑस्ट्रेलिया पहुंचीं। लिसा स्टालेकर को ऑस्ट्रेलियाई टीम के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में गिना जाता है।

Lisa Sthalekar World Cup

2012 टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ लिसा स्टालेकर (फोटो - Australian Women's Cricket/X)

लिसा स्टालेकर की गिनती ऑस्ट्रेलिया की महानतम महिला क्रिकेटर्स में होती है। हालांकि लिसा की क्रिकेटर बनने की कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के लिए 2001 में डेब्यू करने वाली लिसा का जन्म साल 1979 में भारत के पुणे शहर में हुआ था। लिसा स्टालेकर को उनके बायोलॉजिकल माता-पिता पुणे के 'श्रीवत्स' अनाथालय के सामने छोड़ गए थे क्योंकि वे उन्हें नहीं पाल सकते थे। इसी श्रीवत्स अनाथ आश्रम में लिसा को लैला नाम मिला।

 

ऑस्ट्रेलियाई कपल ने लिया गोद

 

लिसा महज तीन सप्ताह की थीं, तब उन्हें डॉ. हरेन और उनकी पत्नी सू स्टालेकर ने गोद ले लिया था। डॉ. हरेन भारतीय मूल के थे जबकि सू स्टालेकर अंग्रेज थीं। हालांकि उनके पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिता थी। यह कपल बेटा गोद लेने की हसरत से अमेरिका से भारत आया था। उनके परिवार में पहले से ही एक बेटी थी। लिसा की चमकीली भूरी आंखों को देख कपल ने एक और बच्ची को गोद लेने का फैसला किया और जल्द ही कानूनी प्रक्रिया पूरी कर वे उन्हें अपने साथ लेकर अमेरिका चले गए। इस दंपत्ति ने लैला का नाम बदलकर लिसा रख दिया। चार साल तक अमेरिका और केन्या में रहने के बाद डॉ. हरेन का परिवार ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गया। 

 

 

पिता ने सिखाया क्रिकेट का ककहरा 

 

लिसा सिडनी में पली-बढ़ीं। डॉ. हरेन को क्रिकेट का शौक था तो लिसा भी उनके साथ घर के पीछे खेला करती थीं। लिसा को 8-9 साल की उम्र में क्रिकेट से प्यार हो गया। उनका इस खेल के प्रति जुनून अपार था। कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बनाई। लिसा ने 2001 में 21 साल की उम्र में ODI से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की। इसके दो साल बाद उन्होंने टेस्ट डेब्यू भी कर लिया। 

 

ऐसा करने वाली पहली महिला क्रिकेटर

 

लिसा स्टालेकर टॉप क्वालिटी की ऑफ स्पिनर और बेहतरीन बल्लेबाज थीं। वह ODI में 1000 रन और 100 विकेट का डबल पूरा करने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं। लिसा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 8 टेस्ट, 125 वनडे और 54 टी20I मैच खेले। उन्होंने टेस्ट में 416 रन बनाए और 23 विकेट लिए। वहीं वनडे में लिसा ने 2728 रन बनाने के साथ 146 विकेट लिए। उनके नाम टी20I में 729 रन के अलावा 60 विकेट भी दर्ज हैं। लिसा के बल्ले से टेस्ट में एक और वनडे में दो शतक निकले। उन्होंने टेस्ट और वनडे में एक-एक बार 5 विकेट हॉल भी लिए हैं। लिसा ने 3 वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी भी की।

 

 

लिसा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए जीते 4 वर्ल्ड कप

 

अपने बेहतरीन करियर में लिसा स्टालेकर ऑस्ट्रेलिया की 4 वर्ल्ड कप जीत की हिस्सा बनीं। उनके टीम में रहते ऑस्ट्रेलिया ने 2005, 2013 में वनडे वर्ल्ड कप और 2010, 2012 में टी20 वर्ल्ड कप जीते। 2013 वनडे वर्ल्ड कप की जीत के बाद लिसा ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। अब वह दुनिया की जानी-मानी क्रिकेट कॉमेंटेटर हैं। लिसा को 2020 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। इसके दो साल बाद वह फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।

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