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'इंडिया के कंधों पर भार था, उतार दिया,' जीत के बाद बोले नीरज चोपड़ा

भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में शानदार प्रदर्शन करते हुए 90.23 मीटर दूर भाला फेंका। ऐसा करने वाले एशिया के सिर्फ तीसरे एथलीट बन गए है।

Neeraj Chopra Doha success

नीरज चोपड़ा, Photo Credit: PTI

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने 16 मई को दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटप भाला फेंककर इतिहास रच दिया। यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो था और इसके साथ ही वे 90 मीटर की बाधा पार करने वाले एशिया के तीसरे एथलीट बन गए। उनसे पहले पाकिस्तान के अरशद नदीम (92.97 मीटर, पेरिस ओलंपिक 2024) और चीनी ताइपे के चाओ-त्सुन चेंग (91.36 मीटर, एशियन चैंपियनशिप 2017) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। नीरज दुनिया के 25वें और भारत के पहले एथलीट हैं जिन्होंने 90 मीटर से अधिक का थ्रो किया।

'भारतीयों के कंधों से बोझ उतर गया'

नीरज चोपड़ा ने रेवस्पोर्ट्ज से बातचीत में कहा, 'बहुत समय से लोगों के मन में यह सवाल था कि क्या मैं कभी 90 मीटर का आंकड़ा पार कर पाऊंगा। 2018 से मैं इसकी कोशिश कर रहा था, कई बार 88-89 मीटर तक पहुंचा लेकिन 90 मीटर नहीं फेंक सका। इसलिए जब मैंने आखिरकार यह दूरी पार की, तो यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि भारतीयों के कंधों से बोझ उतर गया।'

 

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2024 में जीत से चूके थे

नीरज चोपड़ा 2024 के डायमंड लीग फाइनल में मामूली अंतर से गोल्ड जीतने से चूक गए थे। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में 87.86 मीटर का शानदार थ्रो फेंका लेकिन चैंपियन बनने के लिए उन्हें केवल 0.01 मीटर और की जरूरत थी। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने प्रतियोगिता की शुरुआत में ही 87.87 मीटर का थ्रो फेंककर बढ़त बना ली, जो अंत तक बरकरार रही और उन्हें पहला स्थान दिलाया। इस रोमांचक मुकाबले में नीरज का प्रदर्शन दमदार रहा लेकिन उन्हें सिल्वर पर ही संतोष करना पड़ा। 

 

यह भी पढ़ें: दोहा में दूसरे स्थान पर रहे नीरज चोपड़ा, अब कैसे जीतेंगे डायमंड लीग?

 

क्या है डायमंड लीग? 

डायमंड लीग एथलेटिक्स एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ट्रैक और फील्ड टूर्नामेंट है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के कुल 16 इवेंट्स शामिल होते हैं। यह प्रतियोगिता हर साल मई से सितंबर तक आयोजित की जाती है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शहरों में फैली होती है। सीजन का समापन एक भव्य डायमंड लीग फाइनल के साथ होता है।

 

आमतौर पर पूरे सीजन में 14 प्रतियोगिताएं होती हैं, हालांकि यह संख्या कभी-कभी बदल सकती है। हर इवेंट में प्रदर्शन के आधार पर शीर्ष 8 खिलाड़ियों को अंक दिए जाते हैं- पहले स्थान पर आने वाले को 8 और आठवें स्थान पर रहने वाले को 1 अंक मिलता है। 13 इवेंट्स के बाद कुल अंकों के आधार पर, शीर्ष 10 स्थानों पर रहने वाले एथलीट्स को फाइनल में जगह मिलती है। फाइनल में जीतने वाले को डायमंड लीग विजेता की ट्रॉफी के साथ-साथ नकद पुरस्कार भी दिया जाता है।

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