टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कुछ ही दिनों पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा है। रोहित ने नवंबर 2013 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने छठे नंबर पर आकर 177 रन की पारी खेली थी। अगले मैच में भी उनके बल्ले से शतक (111) आया था। पहले दो मुकाबले में दो सेंचुरी जड़कर टेस्ट क्रिकेट में धमाकेदार आगाज करने वाले रोहित इसके बाद भारतीय टेस्ट टीम से अंदर-बाहर होते रहे। मिडिल ऑर्डर में खेलते हुए उनके प्रदर्शन में निरंतरता भी नहीं रही।
इस बीच रोहित व्हाइट बॉल फॉर्मेट में ओपनिंग करते हुए लगातार अच्छा कर रहे थे, जिसे देखकर उनसे टेस्ट क्रिकेट में भी पारी की शुरुआत करने के लिए कहा गया। भारतीय टीम मैनेजमेंट के इस फैसले से रोहित का टेस्ट करियर पटरी पर लौटा और रेड बॉल फॉर्मेट में सॉलिड ओपनर बनकर उभरे। टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने रोहित से ओपनिंग कराने के फैसले पर कहा कि वह मिडिल ऑर्डर में 'बोर' हो रहे थे। ऐसे में उन्हें पारी की शुरुआत करने के लिए भेजा गया।
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2019 वर्ल्ड कप के दौरान आया विचार
रवि शास्त्री 2017 में भारतीय टीम के हेड कोच बने थे। 2021 में वह हेड कोच के पद से हटे। उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान रोहित शर्मा भारत के सबसे आक्रामक टेस्ट सलामी बल्लेबाज में से एक बन गए। रवि शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू पर कहा, 'चार या पांच नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए यह लड़का बोर हो जाता था। मैंने फिर इस पर विचार करना शुरू किया कि वह वनडे क्रिकेट में इतना सफल क्यों है? वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जल्दी जाना पसंद करता है।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने सोचा कि अगर उसे पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जाए तो उसके पास तेज गेंदबाजों को खेलने और शॉट लगाने के लिए पर्याप्त समय होगा। उसके लिए मंच तैयार था। वह अगर इसे अपना ले तो उसके टेस्ट करियर को नई दिशा मिल सकती है।'
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रोहित ने अपने शानदार टेस्ट करियर में 67 मैचों में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 4,301 रन बनाए। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप के दौरान ही रोहित का इस्तेमाल टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के रूप में करने का फैसला कर लिया था। वह इस वर्ल्ड कप में पांच शतक और 81 की औसत से 648 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे थे। रवि शास्त्री ने बताया कि उन्होंने कप्तान विराट कोहली के साथ रोहित को सलामी बल्लेबाज के तौर पर आजमाने के विचार पर चर्चा की। रोहित को बतौर ओपनर तुरंत सफलता मिली और उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में दो शतक जड़े।