टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी होने की खबर शनिवार (21 दिसंबर) को मीडिया में आई थी। उथप्पा को कथित तौर पर भविष्य निधि (PF) में 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी के लिए यह वारंट जारी किया गया। इस मामले पर उथप्पा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक बयान जारी कर धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने हर महीने अपने कर्मचारियों के वेतन से पैसे काटे लेकिन उनके पीएफ अकाउंट में जमा नहीं किया। जिसके बाद उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। उथप्पा को बकाया चुकाने के लिए 27 दिसंबर तक का समय दिया गया है। अगर वो समय से बकाया नहीं चुकाते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है।
रॉबिन उथप्पा ने इस पूरे विवाद पर एक लंबा-चौड़ा नोट लिखकर अपनी सफाई दी है। उथप्पा ने बयान में स्ट्रॉबेरी लेनसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के साथ अपने संबंधों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वह इन कंपनियनों में एग्जीक्यूटिव रोल में नहीं है। साथ ही उथप्पा ने ये भी बताया कि वह खुद इन कंपनियों से धोखा खा चुके हैं और कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।
उथप्पा ने तोड़ी चुप्पी
उथप्पा ने अपने नोट में लिखा, 'PF मामले की हालिया खबरों के सामने आने के बाद मैं स्ट्रॉबेरी लेनसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के साथ अपनी भागीदारी के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण देना चाहूंगा। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था क्योंकि मैंने लोन के तौर पर इन कंपनियों को वित्तिय सहायता दी थी। हालांकि मेरे पास एग्जीक्यूटिव रोल नहीं थी, न ही मैं इन बिजनेस के प्रतिदिन संचालन में शामिल था। एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कॉमेंटेटर के रूप में व्यस्त शेड्यूल को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। मैंने आज तक जिन कंपनियों को लोन दिया है, उनमें मैं एग्जीक्यूटिव रोल नहीं निभाता हूं।'
उथप्पा लोन देकर फंसे
उथप्पा ने कहा, 'दुर्भाग्य से ये कंपनियां मेरी तरफ से उधार दिए गए पैसे को चुनाने में विफल रहीं, जिसके चलते मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी, जो फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है। मैंने कई साल पहले अपने डायरेक्टर पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग करते हुए नोटिस जारी किए तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया। जिसमें बताया गया कि इन कंपनियों में मेरी कोई भूमिका नहीं है और कंपनियों की ओर से खुद ही मेरी संलिप्तता न होने की पुष्टि करने वाले दस्तावेज भी उपलब्ध कराए।'
उथप्पा ने आगे बताया, 'इसके बावजूद PF अधिकारियों ने कार्यवाही जारी रखी है और मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे फैक्ट्स पेश करें और शेयर की जा रही जानकारी की प्रमाणिकता की पुष्टि करें।'