भारतीय निशानेबाज सिफ्त कौर शर्मा ने ISSF वर्ल्ड कप में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। 5 अप्रैल को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में यह आयोजित किया गया। 23 वर्षीय सिफ्त ने फाइनल में 458.6 अंकों के साथ टॉप पोजीशन हासिल किया, जबकि जर्मनी की अनीता मैंगोल्ड ने 455.3 अंकों के साथ सिल्वर मेडल जीता। वहीं, कजाकिस्तान की अरीना अल्तुखोवा ने 445.9 अंकों के साथ कांस्य पदक हासिल किया।
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पहला इंडिविजुअल ISSF वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल
फाइनल के शुरुआत में, घुटने के बल शूटिंग के बाद सिफ्त 7.2 अंकों से पीछे थीं। हालांकि, उन्होंने प्रॉन और स्टेंडिंग पोजीशन में शानदार वापसी करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। बता दें कि यह सिफ्त कौर का पहला इंडिविजुअल ISSF वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल है, जिससे भारत ने इस प्रतियोगिता में अपना पहला गोल्ड मेडल हासिल किया। इससे पहले, उन्होंने 2023 में चीन के हांगझोउ में आयोजित एशियाई खेलों में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन्स स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता था।
सिफ्त कौर शर्मा के बारे में जानिए
सिफ्त कौर समरा एक भारतीय महिला शूटिंग खिलाड़ी हैं, जो खास तौर पर 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन (3P) इवेंट में माहिर हैं। उन्होंने हाल के वर्षों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए कई बड़ी जीत दर्ज की हैं। सिफ्त पहले MBBS की स्टूडेंट थीं लेकिन बाद में उन्होंने शूटिंग को चुना। उनका जन्मस्थान पंजाब है और वह भारत के टॉप शूटर्स से प्रभावित होकर इस खेल में आईं। सटीक निशाना और तकनीक जबरदस्त शूटिंग के लिए सिफ्त को जाना जाता हैं। वह महिलाओं में भारत की सबसे तेज उभरती हुई निशानेबाजों में गिनी जाती हैं।
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सिफ्त की खेल में कैसे बनीं रूचि?
सिफ्त के पिता, पवनदीप सिंह, किसान हैं और परिवार चावल के व्यवसाय से जुड़ा है। सिफ्त ने अपनी स्कूली शिक्षा दस्मेश पब्लिक स्कूल, फरीदकोट से पूरी की और बाद में गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज, फरीदकोट में MBBS में दाखिला लिया। हालांकि, शूटिंग में बढ़ती रुचि के कारण, उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़ दी और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर से शारीरिक शिक्षा और खेल में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।