भारतीय घरेलू क्रिकेट का रोमांच अपने शबाब पर है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी ट्रॉफी के समापन के बाद अब 50 ओवर फॉर्मेट में खेले जाने वाले विजय हजारे ट्रॉफी (VHT) का आगाज हो गया है। विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 सीजन का पहला राउंड 21 दिसंबर से शुरू हुआ। यह टूर्नामेंट अगले साल (2025) 18 जनवरी तक चलेगा, जिसमें फाइनल सहित 135 मैच खेले जाएंगे। पिछले सीजन हरियाणा की टीम चैंपियन बनी थी। एक नजर इसके इतिहास समेत अन्य जानकारियों पर।
कैसे नाम पड़ा विजय हजारे ट्रॉफी?
विजय हजारे ट्रॉफी भारत की एक सलाना घरेलू टूर्नामेंट है, जिसे BCCI आयोजित कराती है। इसकी शुरुआत 1983 में अंडर-19 टूर्नामेंट के रूप में हुई थी, जिसमें जोनल टीमें खेला करती थीं। 2002-03 सीजन में इसे नेशनल टूर्नामेंट का दर्जा दे दिया गया। लिस्ट-ए यानी 50 ओवर फॉर्मेट होने के कारण इसका नाम रणजी वनडे कप रखा गया था। 2007-08 सीजन में इस टूर्नामेंट का नाम बदलकर पूर्व भारतीय क्रिकेटर विजय हजारे के नाम पर विजय हजारे ट्रॉफी कर दिया गया।
कौन थे विजय हजारे?
विजय हजारे की गिनती दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में होती है। 1915 में महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे विजय सैमुअल हजारे ने भारत के लिए 31 साल की उम्र में डेब्यू किया था। उनकी कप्तानी में ही भारत ने पहली टेस्ट जीत हासिल की थी। विजय हजारे ने 30 टेस्ट मैचों में 47.65 की औसत से 2192 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 7 शतक निकले। भारतीय टीम पहली बार 1947-48 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। विजय ने उस दौरे पर एडिलेड टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़े थे।
विजय हजारे के नाम रणजी ट्रॉफी का पहला तिहरा शतक जड़ने का रिकॉर्ड है। विजय ने अपने बेहतरीन फर्स्ट क्लास करियर में 238 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 58.38 की औसत से 18740 रन बनाए। इस बीच उन्होंने 60 शतक जमाए। 18 दिसंबर 2004 को उनका 89 साल की उम्र निधन हो गया था।
कर्नाटक ने 4 बार जीता खिताब
2007-08 में विजय हजारे ट्रॉफी के वजूद में आने के बाद इसे कर्नाटक ने सबसे ज्यादा 4 बार जीता है। पिछले दशक में कर्नाटक का दबदबा रहा था। तमिलनाडु की टीम ने 3 बार विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीता है। सौराष्ट्र और मुंबई की टीम 2-2 बार चैंपियन बनी है।