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अमीरों का ही खेल क्यों बनकर रह गया है गोल्फ?

गोल्फ का इतिहास, क्रिकेट जितना ही पुराना है। ब्रिटेन के बाहर यह खेल पहली बार हिंदुस्तान में ही खेला गया था। ब्रिटेन का ही खेल क्रिकेट, भारत में बेहद लोकप्रिय हो गया लेकिन गोल्फ एक वर्ग तक ही सीमित रहा। आखिर क्या है इसकी, आइए जानते हैं।

Aditi Ashok Playing Golf

देश की दिग्गज गोल्फ खिलाड़ी अदिति अशोक गोल्फ पिच पर. (क्रेडिट- www.facebook.com/aditigolf)

अंग्रेजों की वजह से भारत में कई खेल लोकप्रिय हुए। उन्हें सबसे ज्यादा अफसोस हिंदुस्तानियों को क्रिकेट सिखाने में हुआ होगा। दुनिया की सबसे तेज-तर्रार टीमों से एक हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम है। दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड BCCI है, टॉप  प्लेयर्स हिंदुस्तानी हैं। बैडमिंटन, टेनिस और हॉकी हमारे यहां के पारंपरिक खेल नहीं थे फिर भी भारत में ये खेल तेजी से लोकप्रिय हुए। एक खेल और अंग्रेज हमें देकर गए थे, गोल्फ। यह खेल, अमीरों का खेल बना रहा और इसमें भारत बहुत पीछे रहा। कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ, जबकि भारत में गोल्फ का इतिहास 200 साल का है।

ब्रिटेन के बाहर भारत ही पहला ऐसा देश था, जहां गोल्फ पहुंचा था। रॉयल कलकत्ता गोल्फ क्लब की स्थापना साल 1829 में ही हो गई थी। राजा-महाराजाओं में यह खेल खूब लोकप्रिय हुआ। देश में सैकड़ों गोल्फ क्लब बने। यह खेल, अमीरों का खेल बना रहा। गोल्फ के बड़े-बड़े मैदान तो तैयार किए गए लेकिन यह खेल आम लोगों की पहुंच से बहुत दूर रहा। 

गोल्फ का इतिहास?
गुलाम भारत में पहली बार गोल्फ चैम्पियनशिप का आयोजन 1892 में हुआ थआ। रॉयल कलकत्ता गोल्फ क्लब ने इसका आयोजन किया था। 1950 तक भारत में गोल्फ का यही प्रमाणिक क्लब बना रहा। दिसंबर 1955 में इंडियन गोल्फ यूनियन (IGU) का गठन हुआ। देश में गोल्फ प्रमोशन की यह इकलौती संस्था बन गई। साल 1958 में देश के तीन शहरों में एमेच्योर गोल्फ कम्पटीशन का आयोजन हुआ था। बॉम्बे, कोलकाता और दिल्ली में ये खेल खेले किए। साल 1964 में इंडियन ओपन टूर्नामेंट हुआ। यह कम्पटीशन हर साल आयोजित होता है। 

साल 1982 के एशियन गेम्स में लक्ष्मण सिंह, राजीव मोहता, ऋषि नारायण, अमित लूथरा ने इस खेल में हिस्सा लिया था। टीम ने गोल्ड हासिल किया, लक्ष्मण सिंह ने गोल्ड हासिल किया था, राजीव मोहता को सिल्वर मिला था। इसके बाद भारत ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित खेलों में कोई अहम योगदान नहीं दे पाया है। 

इस खेल पर आज भी अमीरों के खेल होने का ठप्पा लगा है। आखिर ऐसा क्यों है? 

- गोल्फ आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर है। कई जिलों में गोल्फ के लिए बोर्ड और अलग मैदान नहीं है, न ही खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिल पाता है।
- गोल्फ को लेकर जागरूकता की भी बेहद कमी है। आम लोगों की हिस्सेदारी इस खेल में बहुत कम है। 
-  गोल्फ को आज भी लोग धनी वर्ग का खेल समझते हैं। लोगों को लगता है कि यह केवल धनी लोगों का खेल है।
- गोल्फ तकनीकी रूप से बेहद कठिन खेल है, जिसके लिए सही कोच, मध्यम वर्ग की पहुंच से आज भी बहुत बाहर हैं।
- फुटबाल, क्रिकेट और बैडमिंटन की तुलना में गोल्फ पर होने वाला खर्च कई गुना ज्यादा है।
- जीवा मीखा सिंह देश के मशहूर गोल्फर रहे हैं। अदिति अशोक भी चर्चित खिलाड़ी रही हैं लेकिन देश के एक बड़े वर्ग को गोल्फ खिलाड़ियों के नाम तक पता नहीं हैं। 

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