पश्चिम बंगाल में मानव तस्करी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। 21 जुलाई की देर शाम पुलिस ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से 56 महिलाओं को रेस्क्यू किया। अधिकारियों ने बताया कि देर रात न्यू जलपाईगुड़ी-पटना कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन से इन महिलाओं को ले जाया जा रहा था। इन महिलाओं को कर्नाटक के बेंगलुरु में नौकरी का लालच देकर बिहार भेजा जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों क गिरफ्तार किया है। महिलाओं के पास कोई टिकट नहीं था और उनके हाथों पर कोच और बर्थ नंबर लिखा हुआ था।
सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने महिलाओं से पूछा गया कि उन्हें कहां जाना है तो महिलाओं के पास कोई जवाब नहीं था। जब उनसे टिकट मांगे गए तो उनके पास टिकट भी नहीं थे। इसके बाद ही अधिकारियों को शक हुआ। शुरुआती जांच में यही पता चला है कि गिरोह महिलाओं को बेंगलुरु में नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके बिहार भेज रहा था।
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कैसे हुआ खुलासा?
इस मामले में अधिकारियों को मानव तस्करी का शक है। अधिकारियों ने बताया कि जब रेलवे सुरक्षा बल नियमिच जांच कर रहा था तो उन्हें शक हुआ और जब उन्होंने पूछताछ की तो पता चला कि 56 में से किसी भी महिला के पास टिकट नहीं है। इन सभी महिलाओं की उम्र 18 से 31 साल के बीच में थी। सभी महिलाओं के हाथ पर ट्रेन कोच और बर्थ नंबर लिखा हुआ था। ये महिलाएं पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी, कूच बिहार और अलीपुरद्वार जिलों की रहने वाली थीं। इन महिलाओं ने पूछताछ में बताया कि उन्हें नौकरी देने का वादा करके बेंगलुरु ले जाया जा रहा है।
दो आरोपी गिरफ्तार
सुरक्षाबलों ने उन महिलाओं के साथ जा रहे दो व्यक्तियों से पूछताछ की। अधिकारियों ने उनसे पूछा कि जब इन महिलाओं को बेंगलुरु में नौकरी दिलाने का वादा किया गया है फिर आप इनको बिहार क्यों ले जा रहे हैं? वे इसका कुछ भी जवाब नहीं दे पाए। वे दोनों महिलाओं की नौकरी से जुड़ा कोई भी डॉक्यूमेंट या जानकारी नहीं दे पाए। महिलाओं के साथ जा रहे उन दोनों व्यक्तियों को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं को उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया है। रेलवे पुलिस और RPF इस मामले की जांच कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के क्रिमिनल इन्वेस्टीगेश ब्यूरो ने मानव तस्करी को लेकर एक विशेष टीम बनाई है। मानव तस्करी के किसी भी मामले में 033-24506114 पर संपर्क किया जा सकता है।
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मानव तस्करी को रोकने के लिए क्या हैं कानून?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 23(1) के तहत मानव तस्करी प्रतिबंधित है। भारत में मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए कई कानून बने हैं। इनमें अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956, आपराधिक कानून (संसोधन) अधिनियम 2013 और यौन अपराधों से बच्चों का सरंक्षण (POCSO) शामिल हैं। इसके अलावा राज्य स्तर पर भी मानव तस्करी से निपटने के लिए कानून बनाए गए हैं।