समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आठ साल पुराने मामले में अदालत से बड़ी राहत मिली है। गुरुवार को रामपुर की एक स्थानीय अदालत ने सेना पर विवादित टिप्पणी मामले में उनको बरी कर दिया है। 29 जून 2017 को बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ रामपुर सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज कराया है। उन पर अपने बयान से सेना के मनोबल को गिराने का आरोप लगाया था।
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच की और अदालत में आजम खान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अब गुरुवार को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने आजम खान को दोषमुक्त कर दिया है। आजम खान के वकील मुरसलीन ने बताया कि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को साबित करने में विफल रहा। इस वजह से सपा नेता को बरी कर दिया गया है।
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अधिवक्ता मुहम्मद मुरसलीन ने कहा, '29 जून 2017 को सिविल लाइंस थाने में आजम खान के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी। यह मामला धारा 509 के तहत दर्ज किया गया था। इसमें कहा गया था कि आजम खान ने सेना के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल किया है अभियोजन पक्ष अपना केस साबित नहीं कर पाया, इस कारण कोर्ट ने आज उन्हें (आजम खान) बरी कर दिया है।'
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बेटे के साथ रामपुर जेल में बंद आजम खान
आजम खान इन दिनों अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ रामपुर जेल में बंद हैं। हाल ही में दो पैन कार्ड मामले में अदालत ने दोनों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। बता दें कि दो पासपोर्ट रखने के मामले में भी अब्दुल्ला आजम को सजा हो चुकी है। सेना पर विवादित टिप्पणी मामले में बरी होने के बावजूद आजम खान को जेल में रहना होगा। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक सपा नेता आजम खान पर 84 से अधिक केस दर्ज हैं। अभी सिर्फ 13 मामलों में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। सात मामलों में सजा हुई और बाकी में दोषमुक्त ठहराया गया।