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'विधायकों को मार दो' की सलाह देने वाले बच्चू कडू किसानों के लिए क्यों उतरे?

महाराष्ट्र के नागपुर में दो दिन से किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन की अगुवाई पूर्व मंत्री बच्चू कडू कर रहे हैं। बच्चू कडू ने हाल ही में किसानों को विधायकों को मार डालने की सलाह दी थी।

nagpur farmer protest

नागपुर में किसानों का प्रदर्शन। (Photo Credit: PTI)

महाराष्ट्र के नागपुर में किसान आंदोलन भड़क गया है। इस आंदोलन की अगुवाई महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू कर रहे हैं। उन्होंने धमकी दी है कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो ट्रेनें रोक दी जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार के पास किसानों की कर्जमाफी का पैसा नहीं है तो केंद्र सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए। 


बच्चू कडू की अगुवाई में मंगलवार को नागपुर में किसान सड़कों पर उतर आए थे। बुधवार को भी सुबह से ही नागपुर की सड़कों पर किसान डटे हुए हैं। किसानों ने सड़कों को ब्लॉक कर दिया है। बच्चू कडु की अगुवाई में ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है। इस बीच बच्चू कडू ने धमकी देते हुए कहा कि अगर मांग नहीं मानी तो दोपहर में ट्रेनों को रोक दिया जाएगा।


बच्चू कडू ने हाल ही में किसानों को एक अजीबोगरीब सलाह दी थी। उन्होंने सलाह दी थी कि किसानों को आत्महत्या नहीं करनी चाहिए, इसकी बजाय विधायकों को ही मार देना चाहिए।

 

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किस बात पर आंदोलन कर रहे हैं बच्चू कडू?

बच्चू कडू की अगुवाई में किसान दो दिन से आंदोलन कर रहे हैं। बच्चू कडू की मांग है कि महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को तत्काल और बिना शर्त के किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए।


न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'अब हम 12 बजे के बाद से ट्रेनें रोकना शुरू करेंगे। हमारे किसान कर्ज में डूब रहे हैं। अगर किसानों की कर्जमाफी के लिए महाराष्ट्र सरकार के पास पैसे नहीं हैं तो केंद्र सरकार को इसमें मदद करनी चाहिए।'

 

मंगलवार को बच्चू कडू हजारों किसानों के साथ नागपुर पहुंचे थे और विरोध प्रदर्शन किया था। किसानों ने नागपुर-हैदराबा हाइवे को जाम कर दिया था। प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि बार-बार आश्वासन के बावजूद सरकार सूखाग्रस्त किसानों की मदद नहीं कर रही है।

'कल एक लाख किसान और आ जाएंगे'

बच्चू कडू ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। उन्होंने तत्काल मांगें मानने को कहा है। उन्होंने कहा, 'कर्ज माफी की मांग है। सरकार ने सोयाबीन के लिए 6 हजार रुपये और हर फसल पर 20% बोनस देने की बात कही थी। भावांतर योजना अभी मध्य प्रदेश में लागू है लेकिन यहां कुछ भी नहीं है।'

 

उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में एक भी फसल का पूरा दाम नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है। कर्ज माफी की मांग बनी रहेगी। अभी 1-1.5 लाख किसान हैं। कल एक लाख किसान और आ जाएंगे।'

 

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सरकार ने दिया था राहत पैकेज

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए राहत पैकेज का एलान किया था। इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी।


सरकार ने प्रभावित किसानों को 10 हजार रुपये नकद देने का फैसला लिया था। सीएम फडणवीस ने बताया था कि महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश के कारण 68 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है। यह राहत पैकेज महाराष्ट्र के 36 में से 29 जिलों में हुए नुकसान को कवर करेगा।

कौन हैं बच्चू कडू?

बच्चू कडू महाराष्ट्र की अचलपुर से चार बार विधायक रह चुके हैं। वह 2014 से 2019 तक लगातार 4 बार विधायक रहे थे। वह प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक हैं।


2019 में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री बनाया गया था। 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी तो उनका समर्थन करने वाले विधायकों में बच्चू कडू भी थे। शिंदे सरकार में उन्हें दिव्यांग मंत्रालय का अध्यक्ष बनाया गया था। शिंदे सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।


बच्चू कडू किसानों के लिए कई बार आंदोलन कर चुके हैं। इसी साल 7 दिन तक उन्होंने भूख हड़ताल भी की थी। बच्चू कडू काफी विवादित भी रहे हैं। इसी साल अगस्त में उन्हें 2011 में एक IAS को थप्पड़ मारने के मामले में दोषी ठहराते हुए तीन महीने की सजा सुनाई गई थी।


वह हाल ही में तब चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने किसानों को आत्महत्या करने की बजाय विधायकों को मारने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, 'अगर कपास का दाम 3 हजार रुपये हो जाए तो आप क्या करेंगे? आप कहेंगे कि आत्महत्या कर लेंगे। अरे, आत्महत्या करने की बजाय किसी को मार दो, किसी विधायक को काट दो तो फिर आत्महत्या के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आत्महत्या करने से बेहतर है किसी विधायक के घर चले जाएं, कपड़े उतार दें और घर के सामने पेशाब कर दें। यह मरने से बेहतर है।'

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