खरीदारी करते समय कई बड़े दुकानदार अपने ब्रांडेड बैग के लिए लोगों पैसे वसूलते हैंम जो कि भारतीय उपभोक्ता कानून के तहत गलत है। बता दें कि हालही में ऐसे ही मामले पर कर्नाटक के बेंगलुरु में एक कंस्यूमर कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। यह फैसला टोनिक (Tonique) नाम की एक शराब बेचने वाली कंपनी के खिलाफ दिया गया, जिसने अपने ग्राहक से एक ब्रांडेड कैरी बैग के लिए शुल्क वसूला था। इस पर कंस्यूमर कोर्ट ने कंपनी को 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 23 नवंबर 2023 की है जब प्रवीण बी नाम के एक ग्राहक ने टोनिक स्टोर से 1,585 रुपए की शराब खरीदी। स्टोर ने उनसे एक कैरी बैग के लिए 14.29 रुपए वसूले, जिसमें स्टोर का नाम, लोगो और पता प्रिंट था। प्रवीण ने इसे व्यापार का गलत तरीका बताया और कंस्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज की। इस मामले पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु अर्बन कंस्यूमर कोर्ट ने कंपनी को 5,000 रुपए ग्राहक को मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया और साथ 1 लाख रुपए उपभोक्ता वेलफेयर फंड में जमा करने को कहा।
भारत में बैग शुल्क पर क्या कहता है कानून?
भारत में कंस्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 के तहत अगर कोई दुकानदार अपने प्रचार वाले ब्रांडेड बैग के लिए ग्राहक से पैसे वसूलता है, तो यह व्यापार करने गलत तरीका माना जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उस बैग पर दुकान का विज्ञापन होता है और ग्राहक अनजाने में उस ब्रांड का प्रचार करता है। ऐसे में उस प्रचार के लिए ग्राहक से पैसा लेना गलत माना गया है।
वर्तमान समय में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस मुद्दे को और स्पष्ट करते हुए यह नियम सख्ती से लागू कर दिए हैं, जिसमें कोई भी दुकानदार ब्रांडेड बैग के लिए ग्राहक से शुल्क नहीं ले सकता। साथ ग्राहक से यदि पैसे लिए जाते हैं, तो वह कंस्यूमर फोरम में सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
ग्राहक इस स्थिति में क्या करें?
जब भी आपसे कैरी बैग के लिए शुल्क लिया जाए, तो बिल संभालकर रखें और यदि संभव हो तो बैग की तस्वीर खींच लें। अपने जिले के उपभोक्ता फोरम में ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत कर सकते हैं। यह प्रक्रिया अब आसान और तेज हो गई है।
ऑनलाइन तरीका (आसान और तेज)
- वेबसाइट पर जाएँ: https://consumerhelpline.gov.in
- रजिस्टर करें: मोबाइल नंबर और ईमेल से अकाउंट बनाएँ।
- शिकायत फॉर्म भरें: अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर डालें। कंपनी का नाम और प्रोडक्ट/सेवा की डिटेल्स लिखें। समस्या और मुआवजे की मांग लिखें।
- डॉक्यूमेंट अपलोड करें: बिल, वारंटी कार्ड, ईमेल/चिट्ठी का प्रूफ।
- सबमिट करें: शिकायत नंबर मिलेगा, जिससे आप ट्रैक कर सकते हैं।
ऑफलाइन तरीका
फॉर्म डाउनलोड करें: https://consumeraffairs.nic.in से "शिकायत फॉर्म" लें।
फॉर्म भरकर जमा करें: अपने जिला/राज्य उपभोक्ता फोरम में जाकर जमा करें। 100 से 500 रुपए तक फीस (मामले के अनुसार) जमा करनी होगी।